NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिल्ली पुलिस के ट्रेड यूनियनों और आशा कर्मियों पर एफआईआर के ख़िलाफ़ प्रदर्शन 
ऐक्टू ने कहा  कि इस तरह की कार्रवाई सीधे तौर पर केंद्र सरकार के इशारों पर की गई है व पहले से चल रहे छात्रों, बुद्धिजीवियों इत्यादि के ऊपर हो रहे राज्य दमन का ही हिस्सा है ।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Aug 2020
ट्रेड यूनियन

मज़दूर संगठन  ऐक्टू ने सोमवार 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा सेंट्रल ट्रेड यनियनों और आशा कर्मियों पर एफआईआर को लेकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन  दिल्ली के सरूप नगर, संत नगर, वजीरपुर, ओखला, संगम विहार, पालम, साधनगर, झिलमिल कॉलोनी, शाहदरा, समेत अन्य इलाकों में किया गया। इस प्रदर्शन में आशा कर्मियों ने भी भाग लिया और उन्होंने डिस्पेंसरियों के सामने प्रदर्शन किया।  

ज्ञात हो कि कोरोना के खिलाफ प्रथम पंक्ति में खड़ी आशा कर्मियों व ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं के ऊपर 9 अगस्त को प्रदर्शन करने के सम्बन्ध में दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। 

ऐक्टू ने कहा  कि इस तरह की कार्रवाई सीधे तौर पर केंद्र सरकार के इशारों पर की गई है व पहले से चल रहे छात्रों, बुद्धिजीवियों इत्यादि के ऊपर हो रहे राज्य दमन का ही हिस्सा है ।

मज़दूरों की आवाज़ दबाने के लिए किए जा रहे हैं ‘FIR’ – कई राज्यों में हुई है पुलिस कार्रवाई

ऐक्टू के दिल्ली राज्य सचिव ने बयान जारी कर कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद से ही मज़दूर अधिकारों पर हमले तेज़ी से बढ़े हैं। पिछले दिनों हुए देशव्यापी प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में भी पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर मज़दूरों की आवाज़ दबाने की भरपूर कोशिश की गई है।

9 अगस्त 2020 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर केन्द्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों व फेडरेशनों द्वारा श्रम कानूनों को खत्म करने व निजीकरण को बढ़ावा देने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा ‘Twitter’ पर ट्रेड यूनियन संगठनों व आशा कार्यकर्ताओं पर एफआईआर की जानकारी दी गई।

इस  प्रदर्शन में मज़दूर नेताओ ने  दिल्ली पुलिस द्वारा केंद्र सरकार के इशारे पर किए गए ‘FIR’ की भर्त्सना की  और मज़दूरों द्वारा ये संकल्प लिया गया कि किसी भी शर्त पर मज़दूर-अधिकारों पर हमला नहीं सहा जाएगा ।

IMG-20200818-WA0061.jpg

दिल्ली आशा कामगार यूनियन ने किया विरोध प्रदर्शन

ऐक्टू से सम्बद्ध ‘दिल्ली आशा कामगार यूनियन’ ने आज आशा कर्मियों के ऊपर किए गए ‘FIR’ को लेकर अपना विरोध प्रकट किया ।

प्रदर्शन में शामिल दिल्ली आशा कामगार यूनियन की अध्यक्ष श्वेता राज ने बताया कि एक तरफ तो राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ‘फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के काम की दुहाई देते नहीं थक रहे, वहीं दूसरी ओर उनकी वाजिब मांगों को मानने की जगह उनपर ‘FIR’ करवा रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा कि अगर सरकार आशाओं व अन्य मज़दूरों की बात सुनने-मानने के लिए तैयार हो जाती, तो इस प्रदर्शन की ज़रूरत ही नहीं होती। हमलोग ये अच्छी तरह से समझते हैं कि फूल बरसाकर और भाषणों में हमारी बड़ाई करके सरकार ‘कोरोना वॉरिअर्स’ या जनता की भलाई नहीं बल्कि केवल अपनी राजनैतिक रोटियां सेकना चाहती है। आशा कर्मचारी ‘FIR’ से डरने वाले नहीं, हम आगे भी अपनी मांगों को लेकर विरोध जारी रखेंगे ।

मोदी सरकार अब ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है: संतोष राय

ऐक्टू दिल्ली के अध्यक्ष संतोष कुमार राय ने कहा कि मोदी सरकार की मंशा किसी से छिपी नहीं है, धर्म के नाम पर लोगों को बांटकर ये सरकार आम जनता के सारे अधिकार छीन लेना चाहती है। सरकारी संस्थाओं को बेचकर और श्रम कानूनों को खत्म करके पूंजीपतियों को लूट की छूट दी जा रही है।

संतोष कहते है कि जिस प्रकार से जेएनयू, जामिया व अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को न्याय व संविधान के लिए आवाज उठाने पर परेशान किया जा रहा है, ये आश्चर्य की बात नहीं होगी यदि अब ट्रेड यूनियन संगठनों के कार्यकर्ताओं को जेल में डाला जाने लगे। दुनिया भर में फासीवाद के उभार के दौरान मज़दूर-अधिकारों पर हमले तेज़ हुए हैं, भारत भी इसका अपवाद नहीं है।

उन्होंने कहा कि मज़दूर ‘देश बचाओ’ के नारे के साथ सड़क पर उतर चुके हैं और भविष्य में आंदोलन को और तेज़ करेंगे ।

trade unions
asha workers
Demonstration against FIR
Asha Workers Union
modi sarkar

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 

ट्रेड यूनियनों की 28-29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल, पंजाब, यूपी, बिहार-झारखंड में प्रचार-प्रसार 

बिहार : आशा वर्कर्स 11 मार्च को विधानसभा के बाहर करेंगी प्रदर्शन

केंद्रीय बजट-2022: मजदूर संगठनों ने कहा- ये कॉर्पोरेटों के लिए तोहफ़ा है

उत्तर प्रदेश में स्कीम वर्कर्स की बिगड़ती स्थिति और बेपरवाह सरकार

भूटान और अरुणाचल की तलहटी में डॉक्टर का इंतज़ार

2021 : जन प्रतिरोध और जीत का साल

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य: लोगों की बेहतर सेवाओं और ज़्यादा बजट की मांग

मतदाता पहचान कार्ड, सूची को आधार से जोड़ने सहित चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को लोकसभा की मंजूरी


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License