NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
आसमान से बरसी किसानों की तबाही
पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से सरसों, आलू, गेहूं, मसूर और चना की फसल करीब-करीब बर्बाद हो चुकी है। यह फसलों के पकने का समय होता है। इस समय की भारी बारिश और हवा ने उनको जमीन पर गिरा दिया है और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।
राकेश सिंह
07 Mar 2020
आसमान से बरसी किसानों की तबाही
Image courtesy: TRT World

पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओले पड़े हैं। मौसम विभाग के हिसाब से कुछ जगहों पर हवा की गति करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक रही। उत्तर पूर्व राजस्थान में जयपुर और उसके आसपास के इलाकों में भारी मात्रा में ओले गिरे हैं।

राजस्थान के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा की कुछ जगहों पर भी ओले पड़े हैं। राजस्थान में विशेष रूप से उत्तरी जिलों श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर, जयपुर, सीकर और अलवर में तेज हवाओं और गरज के साथ वर्षा हुई और ओले पड़े हैं। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में भी ओले गिरने की खबर है।

किसानों के लिए यह बारिश आसमान से बरसती आफत और तबाही के अलावा और कुछ नहीं है। इससे बचाव के लिए उनके पास कोई उपाय भी नहीं है। इस बारिश ने रबी की करीब-करीब सभी फसलों  को तबाह कर दिया है। सरसों, आलू, गेहूं, मसूर और चना की फसल करीब-करीब पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। यह फसलों के पकने का समय होता है। इस समय की भारी बारिश और हवा ने उनको जमीन पर गिरा दिया है और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं।

मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार पाकिस्तान से आगे बढ़ रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण यह वर्षा और ओलावृष्टि हो रही है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और बारिश की संभावना जताई है। अगले 24 घंटों में यह पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़कर उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी इलाके के अनेक जिलों को अपने दायरे में लेने वाला है। मौसम विभाग के हिसाब से अगले 48 घंटे में बरेली से लेकर लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी तक के इलाकों में तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है।

पिछले एक दिन में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक के पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी भी हुई है। केवल दिल्ली में ही 24 घंटे के भीतर 20.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। यह एक दशक के भीतर 24 घंटे में बारिश का सबसे बड़ा दूसरा रिकॉर्ड है। इससे पहले 2 मार्च 2015 में 56.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। मौसम विभाग के अनुसार देश के पश्चिमी राज्यों में बारिश की अगली झड़ी 10 या 11 मार्च को आ सकती है।

भारत के उत्तरी मैदानों में आमतौर पर सर्दियों की बारिश जनवरी और फरवरी के महीने में होती है। यह बारिश पूरे उत्तर भारत के खाद्य उत्पादक राज्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाते हैं। कभी-कभी सर्दियों की बारिश मार्च के महीने में हो जाती है। हालांकि जनवरी और फरवरी के महीने की तुलना में मार्च के महीने में बारिश कम हो जाती है। लेकिन केवल हरियाणा में ही इस बार मार्च के पहले एक हफ्ते में औसत से 653% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले सप्ताह में कुछ और बारिश की उम्मीद है। यद्यपि बारिश को फसलों की बढ़िया उपज के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि फसलों के लिए ठीक नहीं होती है।

इस बारिश से किसानों को हुए नुकसान के बारे में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के इजलास ब्लॉक के विशुनपुर गांव में रहने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने जानकारी दी है। शर्मा ने बताया कि केवल बिशुनपुर गांव में ही आलू की एक हजार एकड़ से अधिक की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। आलू के खेतों में 6 इंच तक पानी भर गया है और अब उस फसल के सही-सलामत बचने की कोई संभावना नहीं है। इसी तरह गांव में सरसों की फसल कुछ फसल कट चुकी थी और कुछ कटने के लिए तैयार थी। जो फसल कट चुकी थी वह भी पानी में डूब चुकी है और पक कर तैयार फसल भी बारिश के कारण जमीन पर गिर चुकी है। इस तरह सरसों की फसल भी सड़ ही जाएगी।

राजपाल शर्मा ने बताया कि गेहूं की फसल पूरी तरह जमीन पर लोट चुकी है और इसके फिर से सीधा होने की शायद ही कोई उम्मीद बची है। गेहूं की फसल भी करीब-करीब तबाही हो चुकी है। राजपाल शर्मा ने इस आपदा के बारे में अलीगढ़ के जिलाधिकारी को फोन पर सूचना भी दी। जिलाधिकारी के आदेश पर जिला उद्यान अधिकारी गांव में पहुंचे और फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। राजपाल शर्मा का कहना है कि जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड लिए हैं, उनके खाते से बीमा की रकम ली जा चुकी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब आगे उनको कितना बीमा मिलेगा या नहीं भी मिलेगा, इसकी कोई जानकारी अभी तक उनके पास नहीं है। किसान बीमा के बारे में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि किसानों के नुकसान के केवल एक-तिहाई की भरपाई ही बीमा कंपनियां करती हैं।  

राजपाल शर्मा का कहना है कि आलू बेल्ट में शामिल अलीगढ़ के किसान पिछले 3 साल से आलू की कीमत में लगातार गिरावट से नुकसान सहते आ रहे थे। इस बार किसानों को आलू की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद थी। जिन किसानों ने अगेती आलू की खेती की थी और उसको निकालकर कच्चे आलू के तौर पर बाजार में बेच दिया था, उनको तो जरूर कुछ फायदा हो गया है। लेकिन कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए पक्के आलू की खेती करने वाले किसानों की पूरी फसल इस बारिश से चौपट हो चुकी है। किसानों को इस बार आलू की फसल से अच्छे दाम मिलने की उम्मीद अब पूरी तरह खत्म हो गई है।

खरीफ के मौसम में भी भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश में इस बार सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण गन्ना किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। ज्यादा बरसात से प्याज की खरीफ की फसल के चौपट होने का परिणाम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा है। भारतीय किसान जिन खतरों से जूझ रहे हैं, मौसम की मार उसका केवल एक हिस्सा है। पूरी दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस की महामारी के कारण भारत के पोल्ट्री उद्योग को केवल पिछले तीन हफ्तों में करीब 13 अरब रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

कोरोना वायरस फैलने से उपभोक्ताओं की मांग में कमी के कारण पिछले एक महीने में पोल्ट्री उत्पादों की कीमतों में एक-तिहाई की गिरावट आई है। सोशल मीडिया पर मुर्गियों से कोरोना वायरस के फैलने की अफवाहों के बाद चिकन की मांग में भारी कमी आना, कीमतों में गिरावट का कारण है। बिक्री में आई इस अचानक गिरावट से लाखों छोटे पोल्ट्री किसान प्रभावित हुए हैं। अंडे की कीमतों में भी गिरावट आई है। पोल्ट्री उत्पादों की मांग में कमी से सोयाबीन और मकई उत्पादक भी प्रभावित हो रहे हैं। पिछले तीन सप्ताह में मुर्गी आहार में इस्तेमाल होने वाली दोनों वस्तुओं की कीमतें 8% तक गिर गई है।

agricultural crises
farmer crises
Heavy rain
Crops ruined
Mustard
potato
Wheat
Rajasthan
Haryana
UttarPradesh
punjab
weather department
Heavy rain hits harvest
Unseasonal rain damages crops

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

15 राज्यों की 57 सीटों पर राज्यसभा चुनाव; कैसे चुने जाते हैं सांसद, यहां समझिए...

भारत में गेहूं की बढ़ती क़ीमतों से किसे फ़ायदा?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License