NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
हिमाचल प्रदेश के ऊना में 'धर्म संसद', यति नरसिंहानंद सहित हरिद्वार धर्म संसद के मुख्य आरोपी शामिल 
ऊना ज़िले के मुबारकपुर गाँव में हुई धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने की मुसलमानों की लक्षित हत्या की बात, रागिनी तिवारी ने खुद को कहा लेडी गोडसे और यह सब हुआ पुलिस की मौजूदगी में।
सत्यम् तिवारी
18 Apr 2022
dharm sansad

हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिम विरोधी हिंसात्मक बयान देने के मामले में आरोपी यति नरसिंहानंद ने फिर ज़हरीले और नफरती बयान दिए हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊना में चल रही धर्म संसद में उसने मुसलमानों के लक्षित हत्याकांड की बात की और कहा कि हिंदुओं को ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए ताकि वह अपने “परिवारों की रक्षा कर सकें।”

हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले के मुबारिकपुर गाँव में अखिल भारतीय संघ परिषद ने इस धर्म संसंद का आयोजन किया है जो 3 दिन तक चलने वाली है। इसके अध्यक्ष के तौर पर नफ़रती भाषण देने वाले यति नरसिंहानंद को बुलाया गया। यति जनवरी में हरिद्वार धर्म संसद आयोजन करने के मामले में जेल गया था। एनडीटीवी में छपी ख़बर के अनुसार उसकी जमानत की शर्तों में एक शर्त यह भी थी कि वह ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो सकता है। मागर यति ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन इससे पहले बुराड़ी धर्म संसद में भी किया है। 

Yati Narsinhanand speaks in Una #dharmsansad and says "ham islam ke jihad ke khilaf dharm sansad karte hain."
All the prime acused of #HaridwarDharmSansad are present at this 3 day event which started 17th apr in Mubarikpur village of Una, Himachal Pradesh. pic.twitter.com/WrPHMxrz0Z

— Satyam Tiwari (@BBauuaa) April 17, 2022

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरसिंहानंद ने कहा, “वर्तमान समय में हिन्दू समाज पतन की ओर बढ़ रहा है, पहले सिर्फ अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी की यात्रा पर पथराव होता था, अब राम नवमी, हनुमान जयंती किसी भी हिन्दू पर्व पर पथराव होने लगा है। इससे ज्यादा हिन्दुओं के लिए बुरा क्या होगा।”

इस महीने की शुरुआत में भी यति नरसिंहानंद ने दिल्ली के बुराड़ी में मुसलमानों के खिलाफ हथियारों के इस्तेमाल के आह्वान करते हुए नफरती भाषण दिया था।  पुलिस ने यति नरसिंहानंद का नाम लेते हुए एक एफआईआर दर्ज की थी, जिन्होंने कहा था कि उन्होंने कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन आयोजक ने फिर भी "महापंचायत सभा" का आयोजन किया और उसमें करीब 700-800 लोग शामिल हुए।

यति के अलावा इस कार्यक्रम में सभी हिन्दुत्ववादी नेता शामिल थे, जिन्होंने कई नफ़रती मुस्लिम विरोधी भाषण दिए। इनमें आत्मानंद, रामनन्द, अन्नपूर्णा भारती, साध्वी ऋतंभरा, रागिनी तिवारी जैसे हिन्दुत्ववादी नेता शामिल रहे जिन्होंने मुसलमानों की लक्षित हत्या से लेकर हिंदुओं को हथियार उठाने के लिए कहा। और यह सारे भाषण पुलिस की मौजूदगी में दिए गए। 

"सभी हिंदू 4 बच्चे पैदा करे, 2 बच्चे अपने परिवार के लिए और 2 बच्चे राष्ट्र को समर्पित कीजिये, वो RSS के स्वयंमसेवक बनेंगे"

: साध्वी ऋतम्भरा pic.twitter.com/UpD3QY8b8B

— News24 (@news24tvchannel) April 17, 2022

बता दें कि सुप्रीम में ऊना की इस धर्म संसद को लेकर सुनवाई जारी है। एक याचिका दायर की गई थी जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। मगर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस कार्यक्रम को रोकने का आदेश नहीं दे सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से स्थानीय प्रशासन को इसके बारे में अपना पक्ष रखने को कहा था। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस बाबत जिला प्रशासन को सूचित किया। याचिकाकर्ता की ओर से जिला उपायुक्त ऊना को इस बाबत मेल की गई। प्रशासन ने सूचना आगे बढ़ी तो पुलिस इस मामले में चौकन्ना हुई और आनन-फानन में आयोजन स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गई।

अंब पुलिस ने आयोजनकर्ता को धर्म संसद में भड़काऊ भाषण न होने को लेकर नोटिस थमाया। शाम को अचानक सक्रिय हुई पुलिस दल ने मुबारिकपुर में आयोजन स्थल का दौरा भी किया। हालांकि, दिनभर पुलिस बल की तैनाती नहीं रहीं। सुप्रीम कोर्ट इस मांले की सुनवाई 22 अप्रैल को करेगा, धर्म संसद 19 अप्रैल तक रहेगी।”

वहीं इस धर्म संसद के आयोजक सत्यादेव सरस्वती ने एनडीटीवी से बात करते हुए यह तक कह दिया, "यहां प्रशासन से अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं है, हम अपना निजी कार्यक्रम कर रहे हैं, हमने प्रशासन को निमंत्रण दे दिया है।” सत्यदेव ने आगे कहा, “हम कानून में विश्वास नहीं करते... हम किसी से नहीं डरते... यहां हम सच कह रहे हैं, कोई नफरती बयान नहीं दे रहे।”

जब यति के नफ़रती बयान पर मीडिया में रिपोर्ट आई तब शायद हिमाचल प्रदेश पुलिस जागी और ख़ानापूर्ति के लिए आयोजक को एक ‘नोटिस’ दिया। नोटिस में पुलिस ने आयोजनकर्ता को धर्म संसद में कोई भी धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली भाषा का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी है। जाति व समुदाय विशेष के खिलाफ भी कोई भाषण या नारेबाजी न करने को कहा गया है। नोटिस से चेताया है कि निर्देशों का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस आयोजन पर रोक लगाने से इनकार कर याचिकाकर्ता को संबंधित जिला अधिकारियों से मिलकर पक्ष रखने की अनुमति दी है।

देश भर में मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा अपने रूप भी बदल रही है और व्यापक भी हो रही है। पुलिस, प्रशासन और सरकारी तंत्र हनुमान जयंती पर गाली भरे गाने चलाने वालों, धर्म संसद में हत्या का आह्वान करने वालों को जैसे पूरी छूट दे रही है। देखना होगा कि धर्म संसद के दूसरे और तीसरे दिन कौन सा नया नफ़रती बयान सामने आएगा।

UTTARAKHAND
haridwar
dharm sansad
Yeti Narasimhanand
Dharm Sansad in Una
Anti muslim violence
minorities
Communal Hate
communal violence
Hindutva
MINORITIES RIGHTS
Sadhvi Rithambara
BJP
RSS

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

रुड़की से ग्राउंड रिपोर्ट : डाडा जलालपुर में अभी भी तनाव, कई मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन

अब भी संभलिए!, नफ़रत के सौदागर आपसे आपके राम को छीनना चाहते हैं

मुस्लिम जेनोसाइड का ख़तरा और रामनवमी

दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए

ग़ाज़ीपुर; मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने का मामला: एक नाबालिग गिरफ़्तार, मुस्लिम समाज में डर


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License