NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से त्यागपत्र देने की घोषणा की; कहा- बंगाल में हिंसा से घुटन हो रही है
चुनाव का दौर है और पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘दम घुटने’, ‘आत्मा के कचोटने’ का दौर तेज़ होता जा रहा है। नेता इधर से उधर जा रहे हैं। हालांकि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे की पेशकश को लेकर हैरत ज़रूर है क्योंकि अभी उनका कार्यकाल 2026 तक था।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Feb 2021
cartoon click

नयी दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने ‘‘पश्चिम बंगाल में हिंसा’’ और ‘‘घुटन’’ का हवाला देते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में अपनी सदस्यता से त्यागपत्र देने की घोषणा की, हालांकि आसन की तरफ से उनकी इस पेशकश को यह कहकर अस्वीकार कर दिया गया कि इसके लिए उन्हें समुचित तरीका अपना पड़ेगा।

उच्च सदन में बजट चर्चा के दौरान आसन की अनुमति से त्रिवेदी ने कहा, ‘‘हर मनुष्य के जीवन में एक ऐसी घड़ी आती है जब उसे अंतरात्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी यह घड़ी आ गयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां बैठकर सोच रहा था कि हम राजनीति में क्यों आते हैं? देश के लिए आते हैं..देश सर्वोपरि होता है।’’

त्रिवेदी ने कहा कि जब वह रेल मंत्री थे तब भी उनके जीवन में ऐसी घड़ी आयी थी जिसमें यह तय करना पड़ा था कि ‘‘देश बड़ा है, पक्ष बड़ा है या खुद मैं बड़ा हूं।’’

तृणमूल सदस्य ने कहा, ‘‘जिस प्रकार से हिंसा हो रही है, हमारे प्रांत में...मुझे यहां बैठे-बैठे लग रहा है कि मैं करूं क्या? हम उस देश (राज्य) से आते हैं जहां से रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, खुदीराम आते हैं।’’

उन्होंने उच्च सदन में इसी सप्ताह नेता प्रतिपक्ष के विदाई भाषण के दौरान आजाद और उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक हो जाने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘असल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं और कुछ नहीं। मुझसे देखा नहीं जा रहा कि मैं करूं तो क्या करूं। एक पार्टी से बंधा हूं। मैं अपनी पार्टी का आभारी हूं कि उसने मुझे यहां (राज्यसभा में) भेजा।’’

त्रिवेदी ने कहा, ‘‘मगर अब मुझे घुटन हो रही है। उधर अत्याचार हो रहे हैं... मुझे मेरी अंतरात्मा की आवाज यह कह रही है कि यदि आप यहां बैठकर चुपचाप रहो... इसके बजाय यहां से त्यागपत्र देकर बंगाल चले जाओ और लोगों के साथ काम करो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज यहां से त्यागपत्र दे रहा हूं तथा देश एवं बंगाल के लिए जिस प्रकार काम करता रहा हूं, आगे भी करता रहूंगा।’’

इस पर उपसभापति हरिवंश ने त्रिवेदी से कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने के लिए उन्हें एक समुचित प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। उन्हें इस बारे में सभापति से बात करनी चाहिए।

त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में तीन अप्रैल 2020 को उच्च सदन के सदस्य बने थे और उनका वर्तमान कार्यकाल दो अप्रैल 2026 तक है।

यूपीए शासनकाल में त्रिवेदी रेलमंत्री थे और उन्होंने 2012 में रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

कुल मिलाकर चुनाव का दौर है और पश्चिम बंगाल की राजनीति में ‘दम घुटने’, ‘आत्मा के कचोटने’ का दौर तेज़ होता जा रहा है। नेता इधर से उधर जा रहे हैं। बहुत इसका ऐलान कर चुके हैं, कुछ के पत्ते खुलने बाक़ी हैं। हालांकि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे की पेशकश को लेकर हैरत ज़रूर है क्योंकि अभी उनका कार्यकाल दो अप्रैल 2026 तक था। अब वो किधर जाएंगे कहना मुश्किल है, लेकिन ये साफ़ है कि बंगाल में पूरा ज़ोर लगा रही बीजेपी उन्हें अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश करेगी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

West Bengal
West Bengal Elections
Dinesh Trivedi
TMC
mamta banerjee
Rajya Sabha
BJP

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!
    27 May 2022
    दलित परिप्रेक्ष्य से देखें तो इन आठ सालों में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। दलित हत्याओं के मामले बढ़े हैं। दलित महिलाओं पर बलात्कार बढ़े हैं। जातिगत भेदभाव बढ़े हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान
    27 May 2022
    उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट समेत 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान होंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है
    27 May 2022
    आपातकाल के ज़माने में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने ग़लत तरीक़े से हिरासत में लिये जाने पर भी नागरिकों को राहत देने से इनकार कर दिया था। और अब शीर्ष अदालत के आदेश से पूजा स्थलों को लेकर विवादों की झड़ी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत
    27 May 2022
    महाराष्ट्र में 83 दिनों के बाद कोरोना के 500 से ज़्यादा 511 मामले दर्ज किए गए है | महराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है की प्रत्येक व्यक्ति को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना…
  • एम. के. भद्रकुमार
    90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात
    27 May 2022
    रूस की सर्वोच्च प्राथमिकता क्रीमिया के लिए एक कॉरिडोर स्थापित करना और उस क्षेत्र के विकास के लिए आर्थिक आधार तैयार करना था। वह लक्ष्य अब पूरा हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License