NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ब्रिटेन के पैनल में कश्मीर हालात पर चर्चा, मध्यस्थता की इच्छा!
ब्रिटेन में रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि कश्मीर में तनाव कम करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भूमिका निभा सकता है और उत्तरी आयरलैंड शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले ‘गुड फ्राइडे समझौते’ की ही तरह भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ता किसी समाधान पर पहुंचने में मदद कर सकती है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Nov 2019
kashmir issue
Image courtesy:India Today

हमारे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री या अन्य नेता कुछ भी कहें कश्मीर मुद्दे का बुरी तरह अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है। अमेरिका लगातार इसमें हस्तक्षेप की इच्छा जताता रहा है अब ब्रिटेन में रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि कश्मीर में तनाव कम करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय भूमिका निभा सकता है और उत्तरी आयरलैंड शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने वाले ‘गुड फ्राइडे समझौते’ की ही तरह भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ता किसी समाधान पर पहुंचने में मदद कर सकती है।

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के पूर्व प्रतिनिधि और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्रियों डेविड कैमरून एवं टेरीजा मे के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर रह चुके सर मार्क लियाल ग्रांट ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच 2001 में वार्ता के दौरान समाधान तलाशने का ‘‘मौका गंवा’’ दिए जाने पर खेद जताया।

उन्होंने कहा कि ‘उत्तरी आयरलैंड गुड फ्राइडे समझौते’ की ही तरह एक शांतिपूर्ण समाधान तलाशा जाना चाहिए जिसके तहत स्थानीय लोगों को कश्मीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से जाने की आजादी हो।

रणनीतिक सलाहकार समूह ‘सीटीडी एड्वाइजर्स’ द्वारा ‘कश्मीर संकट का ब्रिटेन को नुकसान: क्या समाधान है?’’ शीर्षक के तहत बृहस्पतिवार को आयोजित एक पैनल चर्चा में भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा हटाने के भारत के फैसले की पृष्ठभूमि में चर्चा की।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा, ‘‘कोई भी क्षेत्र में और तनाव बढ़ते नहीं देखना चाहता। हम अधिक बड़े संकट के कगार पर हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दमकल की तरह काम करना बंद करना चाहिए तथा शांतिपूर्ण समाधान तलाशने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने को तैयार है लेकिन वार्ता के अवरोधक के रूप में आईएसआई समर्थित सीमा पार आतंकवाद का बार-बार जिक्र किया गया।

ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रॉ ने कहा, ‘‘(अनुच्छेद 370 निरस्त करके) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो किया है, वह बहुत बड़ा और निरर्थक कदम है जिसके पीछे कोई रणनीति नजर नहीं आती लेकिन आईएसआई की भूमिका और आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की स्थिति कम मजबूत है।’’

जानी मानी भारतीय पत्रकार निधि राजदान ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान 1948 में कश्मीर को हथियाने में नाकामयाब रहा और उसके बाद से वह क्षेत्र में कई वर्षों से आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है तथा सीमा पार आतंकवाद के कारण क्षेत्र में बहुत खून बहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवादियों को बढ़ावा दिया जाता रहा है और यह बात उसके प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस साल जुलाई में अमेरिका की अपनी यात्रा में स्वयं स्वीकार की थी कि पाकिस्तान में 40 विभिन्न आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं। पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकवादी समूहों को लेकर भारत में गंभीर चिंताएं हैं।’’

राजदान ने अगस्त में अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद से क्षेत्र (कश्मीर में) संचार पर लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना की और उम्मीद जताई कि भारत लोकतंत्र के रूप में अपने मूल्यों पर खरा उतरेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार का कहना है कि लोगों की भलाई और क्षेत्र के विकास के लिए विशेष दर्जा समाप्त किया गया। विडम्बना यह है कि जिन लोगों के नाम पर यह किया गया, उनसे विचार विमर्श भी नहीं किया गया और दशकों में भारतीय झंडा बुलंद करने वाले नेताओं को हिरासत में रखा गया।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

UK panel
Kashmir conditions
Jammu and Kashmir
Narendera Modi
Amit Shah
Article 370
India-Pakistan Relation
America Britain on Kashmir

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License