NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान राष्ट्रीय सम्मेलन में आंदोलन को अखिल भारतीय विस्तार देने पर हुई चर्चा
सम्मेलन में नेताओं ने किसान तीन कॉर्पोरेट-समर्थक, किसान-विरोधी केंद्रीय कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने पर क्यों जोर दे रहे हैं, और  संशोधनों के साथ छेड़छाड़ करने से क्यों काम नहीं चलेगा उसका तर्क विस्तार से बताया I दो दिवसीय सम्मेलन की कार्यवाही कल यानी शुक्रवार को भी जारी रहेगी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Aug 2021
किसान राष्ट्रीय सम्मेलन में आंदोलन को अखिल भारतीय विस्तार देने पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली: दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर अखिल भारतीय किसान सम्मेलन बृहस्पतिवार को शुरू हुआ जिसमें केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को देशभर में विस्तार देने पर मंथन हुआ। किसान आंदोलन के नौ महीने पूरे होने के अवसर पर शुरू हुए दो दिवसीय आंदोलन का उद्घाटन भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने किया।

टिकैत ने कहा, “यह दुखद है कि नौ महीने बाद भी सरकार (किसानों के साथ) बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन हमें हतोत्साहित नहीं होना चाहिए। इस सम्मेलन के दौरान, हम यह बताएंगे कि नौ महीने में हमने क्या खोया है और क्या पाया है।”

इस सम्मेलन में 22 राज्यों के 300 किसान और कृषि मजदूर संगठन, 18 अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन, नौ महिला संगठन और 17 युवा छात्र और छात्र संगठन भाग ले रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से जारी एक वक्तव्य के अनुसार, सम्मेलन के पहले दिन तीन सत्र आयोजित किये गए जिनमें से पहला सत्र तीन कृषि कानूनों पर था, दूसरा औद्योगिक श्रमिकों पर केंद्रित था और तीसरे सत्र में कृषि मजदूरों, ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों और जनजातीय मुद्दों पर चर्चा की गई।

वक्तव्य में कहा गया, “सभी तीन सत्र में, वक्ताओं ने आंदोलन को विस्तार देने के लिए सुझाव दिए जिसमें किसान, श्रमिक, कृषि मजदूर, आदिवासी और आम जनता शामिल हों। किसान आंदोलन का दायरा बढ़ाकर इसे अखिल भारतीय स्वरूप देने के लिए सुझाव दिए गए।”

बयान में कहा गया, “सम्मेलन की आयोजन समिति के संयोजक आशीष मित्तल ने प्रतिनिधियों के सामने मसौदा प्रस्ताव रखे जिसमें आंदोलन को देशभर में विस्तार देने के लिए लोगों से आह्वान किया गया ताकि (नरेंद्र) मोदी सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने पर बाध्य किया जा सके।”

प्रत्येक सत्र में 15 वक्ताओं ने अपने विचार रखे।   वक्ताओं ने विचार-विमर्श किया और कन्वेंशन में रखे गए संकल्प को समृद्ध किया।वक्ताओं ने किसानों के आंदोलन से कृषक समुदायों में आए गहरे परिवर्तनों और लंबे विरोध के कारण अनुभव किए जा रहे कई सकारात्मक परिणामों पर जोर दिया। नेताओं ने किसान तीन कॉर्पोरेट-समर्थक, किसान-विरोधी केंद्रीय कानूनों को पूरी तरह से निरस्त करने पर क्यों जोर दे रहे हैं, और  संशोधनों के साथ छेड़छाड़ करने से क्यों काम नहीं चलेगा उसका तर्क विस्तार से बताया I दो दिवसीय सम्मेलन की कार्यवाही कल यानी शुक्रवार को भी जारी रहेगी।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

farmers protest
Farm Laws
9 Months of Farmers protest
Farmers National Conference
Singhu Border
rakesh tikait

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

ख़बर भी-नज़र भी: किसानों ने कहा- गो बैक मोदी!

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन ने देश को संघर्ष ही नहीं, बल्कि सेवा का भाव भी सिखाया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    किसान-योद्धा ग़ुलाम मोहम्मद जौला के निधन पर शोक
    16 May 2022
    गुलाम मोहम्मद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के साथ भारतीय किसान यूनियन की बुनियाद डालने वाले जुझारू किसान नेता थे। अपने जीवन के अंतिम दिनों तक वे किसान आंदोलन में सक्रिय रहे।
  • abhisar sharma
    न्यूज़क्लिक टीम
    भाजपा से मुकाबला कर पाएगी कांग्रेस ?
    16 May 2022
    आज न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं कांग्रेस के चिंतन शिविर की। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या आने वाले चुनावों में कांग्रेस भाजपा को चुनौती दे पाएगी?
  • रवि शंकर दुबे
    विश्लेषण: कांग्रेस के ‘चिंतन शिविर’ से क्या निकला?
    16 May 2022
    राजस्थान के उदयपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में कई बड़े फ़ैसले लिए गए।
  • मुकुंद झा
    मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?
    16 May 2022
    नगर निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को ज़िम्मेदार बता रही है, जबकि दिल्ली सरकार में सत्तधारी आम आदमी पार्टी (आप) इसके लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार बता रही है।…
  • एम.ओबैद
    बिहार : सरकारी प्राइमरी स्कूलों के 1.10 करोड़ बच्चों के पास किताबें नहीं
    16 May 2022
    पहली से आठवीं तक के क़रीब 1 करोड़ 67 लाख बच्चों में से 1 करोड़ 10 लाख बच्चों के पास आज भी किताबें उपलब्ध नहीं हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License