NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कोविड-19
भारत
राजनीति
गुजरात में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, सरकार पर बदले की भावना से बिजली-पानी कनेक्शन काटने का आरोप!
डॉक्टरों के शीर्ष निकाय आईएमए ने हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को पूरा समर्थन दिया है और राज्य सरकार से इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का अनुरोध किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Aug 2021
गुजरात में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, सरकार पर बदले की भावना से बिजली-पानी कनेक्शन काटने का आरोप!
Image Courtesy: PTI

गुजरात में विभिन्न मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी है, बृहस्पतिवार के दिन इस हड़ताल को नौंवा दिन है। हालांकि चिकित्सकों ने अब आपातकालीन सेवाओं में हिस्सा लेने का फैसला किया है, डॉक्टरों की इस हड़ताल को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का समर्थन भी मिला है।

डॉक्टरों ने अपना रुख नरम करते हुए आपातकालीन, आईसीयू और कोविड-19 सेवाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने हड़ताल वापस नहीं ली है।

भारत के एलोपैथी डॉक्टरों के शीर्ष निकाय आईएमए के गुजरात चैप्टर ने कहा है कि दिल्ली में इसके मुख्यालय ने हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को पूरा समर्थन दिया है और राज्य सरकार से इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का अनुरोध किया है।

वहीं गुजरात के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन को एक संदेश में आईएमए प्रधान कार्यालय ने कहा है कि वह जेडीए की जायज मांगों को पूरा समर्थन देता है, आईएमए ने गुजरात सरकार से आंदोलनकारी चिकित्सकों की मांगों पर विचार करने का आग्रह किया है।

आईएमए के मानद महासचिव डॉ. जयेश लेले ने कहा, ‘हमें यह भी सूचित किया गया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों को अब अपने छात्रावास खाली करने के लिए कहा जा रहा है, जो अस्वीकार्य है, रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ ऐसा व्यवहार आहत करने वाला है। हम गुजरात सरकार से उनकी मांगों पर विचार करने और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं’।

आपको बता दें कि गुजरात में करीब दो हजार रेजिडेंट डॉक्टर, अनुबंध सेवा समय अवधि के मुद्दे और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन की मांग करते हुए चार अगस्त की शाम से ही हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें से अधिकतर ने हाल ही में परास्नातक पाठ्यक्रम को पूरा किया है।

ये डॉक्टर अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर और जामनगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज के हैं।

गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल इस हड़ताल को ‘‘अवैध’’ करार दे चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर चिकित्सक काम पर नहीं लौटे तो उन पर महामारी रोग कानून लगाया जाएगा।

राजकोट में एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने बताया, ‘‘कुछ दिन पहले जब हम गांधीनगर में शीर्ष अधिकारियों से मिलने गए तो हमसे कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान काम का सबूत दिखाइए। सरकार द्वारा दिया गया यह ‘कोविड योद्धा’ प्रमाण पत्र इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि हमने अपने बारे में सोचे बगैर रोगियों के लिए दिन-रात काम किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से कहा है कि छात्रावास खाली करें। पानी एवं बिजली के कनेक्शन भी काट दिए गए हैं, महिला चिकित्सकों को बाहर रात बिताने के लिए मजबूर किया गया, यह अपमान है। इसलिए कई चिकित्सकों ने ‘कोविड योद्धा’ का प्रमाण पत्र लौटाने का निर्णय किया है।’’

आपको बता दें कि गुजरात में, मेडिकल के छात्रों के सरकारी कॉलेजों को एक बांड पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है, जिसके मुताबिक पढ़ाई पूरी करने के बाद एक वर्ष के लिए उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है। हाल ही में, राज्य सरकार ने बांड के अनुसार डॉक्टरों को ड्यूटी ऑर्डर जारी किए हैं। गौरतलब है कि डॉक्टर 40 लाख रुपये देकर बांड तोड़ सकते हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

Gujarat Resident Doctors
doctors strike
7the Pay Commission
COVID Certificates
Gujarat Doctors Strike
Junior Doctors Association

Related Stories

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

महाराष्ट्र: रेज़िडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल और सरकार की अनदेखी के बीच जूझते आम लोग

तमिलनाडु: नियुक्तियों में हो रही अनिश्चितकालीन देरी के ख़िलाफ़ पशु चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन

म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट से नाराज़ स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल

दिल्ली: निगमकर्मियों के हड़ताल का 11वां दिन, कर्मचारी वेतन और जनता सफ़ाई के लिए परेशान

केन्या के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने काम बंद किया; 7 दिसंबर से नर्से भी हैं हड़ताल पर

‘‘मिक्सोपैथी" के ख़िलाफ़ देश के कई राज्यों में डॉक्टरों ने की एक दिन की हड़ताल

कोरोना महामारी के बीच नगर निगम डॉक्टरों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की धमकी

बिहार : जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

सहकर्मी की मौत के बाद असम में डॉक्टरों की हड़ताल


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License