NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
फिल्में
भारत
राजनीति
ग़लत को ग़लत कहने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता होने की ज़रूरत नहीं है: ऋचा चड्ढा
अभिनेत्री ने कहा कि जब कुछ गलत हो रहा है तब चुप हो जाना कोई ‘अच्छा विचार’ नहीं है।
भाषा
28 Jun 2021
ऋचा चड्ढा

नयी दिल्ली: अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा कि ‘एक अच्छा इंसान’ बनने की उनकी ललक उन्हें सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर अपना पक्ष रखने के लिए प्रेरित करती है।

‘ओए लक्की! ओए! लक्की ओए!’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘मसान’, और ‘फुकरे’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से दर्शकों की प्रशंसा हासिल करने वाली अभिनेत्री महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखती हैं, जिसकी वजह से वह सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स का निशाना भी बन जाती हैं।

इस बारे में अभिनेत्री का कहना है कि वह इससे डरती नहीं हैं और अपने मन की बात कहना जारी रखेंगी।

चड्ढा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सभी अपने दिल की बात रखना चाहते हैं और वे अपने मन की बात कहते हैं और ईमानदार होना चाहते हैं, ईंधन की बढ़ती क़ीमतों या कुछ मुद्दे या किसी और विषय पर टिप्पणी करना चाहते हैं। और मेरा मानना है कि यह एक अच्छा इंसान बनने की ललक से आता है।’’

अभिनेत्री ने कहा कि जब कुछ गलत हो रहा है तब चुप हो जाना कोई ‘अच्छा विचार’ नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपको इसके लिए एक कार्यकर्ता या बेहद मुखर होने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अगर किसी के साथ कुछ बुरा हो रहा है और आप चुप हैं क्योंकि आपको किसी चीज का डर है तो यह अच्छा नहीं है।’’

अभिनेत्री ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पहल शुरू की है, जिसका नाम ‘द किंडरी’ है और इसका लक्ष्य महामारी के बीच समाज से रोजमर्रा की सकारात्मक कहानियों को आगे बढ़ाना है।

उन्होंने इसके लिए इंस्टाग्राम पर अपने दोस्त और उद्यमी कृष्म जगोटा के साथ एक पेज शुरू किया है। उन्होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान काफी दुख देने वाली कहानियां आ रही थीं और ऐसे में उन्हें महसूस हुआ कि इससे देश के सामूहिक मनःस्थिति पर असर पड़ेगा। इस पेज को शुरू करने का मकसद ‘दया और करुणा’ की भावना को आगे बढ़ाने का है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्विटर पर कोई पेज नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि ट्विटर पर लोग काफी उत्तेजित रहते हैं और यह एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को दूसरे को जाने-समझे बिना उसका मजाक उड़ाने को प्रेरित करता है।

अभिनेत्री वूट की सीरिज ‘कैंडी’ में नजर आने वाली हैं। वहीं वह जल्द ही ‘फुकरे’ की तीसरी फिल्म पर काम शुरू करेंगी।

Richa Chadda

Related Stories


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License