NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फ़र्ज़ी टीकाकरण के मामलों में 'बड़ी मछली' को न छोड़ें: उच्च न्यायालय
कोर्ट ने बीएमसी को भी निर्देश दिया कि वह अदालत को उन कदमों के बारे में सूचित करे, जो नगर निकाय ने एंटीबॉडी के लिये ऐसे शिविरों द्वारा ठगे गए लोगों और नकली टीके के कारण उनके स्वास्थ्य पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की जांच करने के वास्ते प्रस्तावित किये हैं।
भाषा
29 Jun 2021
फ़र्ज़ी टीकाकरण के मामलों में 'बड़ी मछली' को न छोड़ें: उच्च न्यायालय

मुंबई: बम्बई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि शहर में फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविरों की जांच कर रही मुंबई पुलिस को ऐसे मामलों में शामिल ‘‘बड़ी मछली’’ की पहचान करनी चाहिए और उन्हें नहीं छोड़ना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को भी निर्देश दिया कि वह अदालत को उन कदमों के बारे में सूचित करे, जो नगर निकाय ने एंटीबॉडी के लिये ऐसे शिविरों द्वारा ठगे गए लोगों और नकली टीके के कारण उनके स्वास्थ्य पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव की जांच करने के वास्ते प्रस्तावित किये हैं।

अदालत कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने पर कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी।

राज्य के वकील, अधिवक्ता दीपक ठाकरे ने उच्च न्यायालय को बताया कि इस मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है। बीएमसी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सखारे ने अदालत को बताया कि आवास समितियों और कार्यालयों के लिए निजी कोविड-19 टीकाकरण शिविरों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को बुधवार तक अंतिम रूप दिया जाएगा।

इसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिवक्ता ठाकरे को मामले में जांच अधिकारियों से कहना चाहिए कि वे ‘‘घोटाले’’ में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शें। अदालत ने कहा, ‘‘हो सकता है कि बड़ी मछली की पहचान की जानी बाकी हो। उनकी पहचान की जानी चाहिए और उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए। पुलिस को कहा जाये कि जांच सही होनी चाहिए और किसी भी दोषी व्यक्ति को छूटने नहीं देना चाहिए।’’

अदालत ने कहा कि बीएमसी को पीड़ितों की जांच करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में अदालत को सूचित करना चाहिए। अदालत ने पूछा कि बीएमसी और राज्य के अधिकारी अब तक यह निर्धारित करने में असमर्थ क्यों हैं कि पीड़ितों को कोविड-19 रोधी टीके के नाम पर क्या लगाया गया है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह राज्य की विफलता प्रतीत होती है। निगम जांच के बारे में क्यों नहीं सोचता? आप दुर्भाग्यपूर्ण लोगों के लिए क्या करने की सोच रहे हैं, आप हमें बृहस्पतिवार को बताएं।’’

राज्य और बीएमसी ने इससे पहले उच्च न्यायालय को बताया था कि शहर भर में कुल 2,053 लोग फर्जी टीकाकरण शिविरों के शिकार हुए हैं। उच्च न्यायालय एक जुलाई को इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा।

BMC
Covid Vaccination
Bombay High Court

Related Stories

कोविड-19 टीकाकरण : एक साल बाद भी भ्रांतियां और भय क्यों?

स्वास्थ्य बजट: कोरोना के भयानक दौर को क्या भूल गई सरकार?

कोविड पर नियंत्रण के हालिया कदम कितने वैज्ञानिक हैं?

मुंबईः दो साल से वेतन न मिलने से परेशान सफाईकर्मी ने ज़हर खाकर दी जान

क्या सरकार की पीएम मोदी के जन्मदिन पर ढाई करोड़ लोगों के टीकाकरण की बात 'झूठ' थी?

"पॉक्सो मामले में सबसे ज़रूरी यौन अपराध की मंशा, न कि ‘स्किन टू स्किन’ टच!"

क्रूज ड्रग्स पार्टी केस: बंबई उच्च न्यायालय ने आर्यन खान को दी जमानत

फ़ैक्ट चेक: क्या भारत सचमुच 100 करोड़ टीके लगाने वाला दुनिया का पहला देश है?

तिरछी नज़र: सरकार जी का बर्थ-डे और एक और नया ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’

कटाक्ष: जन्मदिन हो तो मोदी जी जैसा, वर्ना ना हो...


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License