NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
दोहरा संकट :  क्या अब कोरोना के अलावा किसी और बीमारी का इलाज नहीं होगा?
दिल्ली के अस्पताल कोरोना से लड़ने के लिए युद्धस्तर पर तैयार किए जा रहे हैं लेकिन बाक़ी रोग के मरीज़ों के लिए तमाम मुश्किलें सामने आ रही हैं। आरोप है कि एलएनजेपी से एक महिला को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। वे वेंटिलेटर पर थीं। उनकी मौत हो गई। न्यूज़क्लिक की ख़ास रिपोर्ट...
मुकुंद झा
09 Apr 2020
एलएनजेपी
Image courtesy: The Indian Express

दिल्ली: 'एक हफ्ते से अधिक से वे लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में वेंटिलेटर पर थी। मंगलवार को अचानक उन्हें डिस्चार्ज कर दूसरे अस्पताल जाने को बोल दिया गया। इसके बाद हम सफदरजंग गए तो उन्होंने भी इलाज करने से मना कर दिया और फिर हम एम्स गए, वहां भी इलाज नहीं किया गया। बाद में हम साकेत मैक्स गए उन्होंने भी इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद बुधवार की सुबह उनकी मौत हो गई।'  

यह कहानी है शाहजहां की। जी हां, आज की दौर की शाहजहां। केवल 40 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया। परिवारवालों का कहना है कि बुधवार सुबह 6-7 बजे इलाज न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई। वे वजीराबाद के पास संगम विहार में रहती थीं।

परिवार के मुताबिक उन्हें किडनी की समस्या थी पिछले कई सालों से उनका इलाज़ एलएनजेपी अस्पताल में ही चल रहा था। समय समय पर उनकी डायलिसिस भी होती थी लेकिन मंगलवार एक बजे उन्हें बोल दिया गया कि आप अपने पेशेंट को ले जाइए। उन्हें बताया गया कि अब हॉस्पिटल में बस कोरोना का इलाज होगा।

IMG-20200409-WA0008_0.jpg
शाहजहां के पति मोहम्हद असीम ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "हम पूरे दिनभर उन्हें लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी ने भी इलाज नहीं किया। अगर इलाज किया होता तो शायद उनकी जान बच जाती।”  

उन्होंने सवाल किया कि क्या देश में केवल कोरोना बीमारी ही है? और कोई बीमारी नहीं है क्या? तो फिर ऐसा क्यों किया गया। अगर अस्पताल इलाज़ नहीं करेगा तो बाकी रोगों के मरीज कहां जाएंगें?

असीम ने कहा, 'हर अस्पताल केवल यही कह रहा था कि यहां केवल कोरोना का ही इलाज होगा। एम्स में हमने इसकी शिकायत की और 112 नंबर पर कॉल किया तो एक पुलिस वाले आए उन्होंने भी डॉक्टर से इलाज करने के लिए कहा लेकिन किसी ने उनका इलाज नहीं किया।'

रोते हुए वो आगे कहते हैं, 'किसी ने इलाज नहीं किया और अब हमारा परिवार तबाह हो गया है। मेरी एक साल की बच्ची है। उसे अब बिना माँ के पूरी जिंदगी रहना पड़ेगा। ये कोई वापस दे सकता है।'

असीम ने जो कुछ भी कहा वो हमारे सिस्टम के गैर मानवीय पक्ष को दिखाता है। असीम के मुताबिक एलएनजेपी ने सभी मरीज जो वेंटिलेटर पर थे, सबको घर भेज दिया गया है।  

इसी तरह बल्लीमारान में एक विकलांग बच्चे वसीम जिसकी उम्र लगभग 12 साल है। मंगलवार को गिरने के कारण उसका सर फूट गया। इसके बाद उसके परिजन उसे पास के अस्पताल एलएनजेपी ले गए। परिवार ने दावा किया कि वहां उनके बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया, इसके बाद इस विकलाँग बच्चे को लेकर वे कस्तूरबा गाँधी अस्पताल गए, वहां भी बच्चे को इलाज नहीं मिला। इस दौरान किसी अस्पताल ने फर्स्ट एड तक नहीं किया। इसके बाद एक प्राइवेट डॉक्टर ने उसकी पट्टी की।

वसीम के चाचा खालिद ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि 'ऐसा लगता है कि अब सिर्फ कोरोना ही बीमारी है और उसी का इलाज होगा। हम अपने 12 साल के विकलाँग बच्चे को लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। '

कुछ ऐसी ही कहानी सोनिया विहार के पिंकी और महावीर की भी है। पिंकी अभी गर्भवती है। उनकी अप्रैल के आखिरी या मई की शुरुआत में डिलिवरी होनी है। इस दौरान गर्भवती महिला का रूटीन चेकअप बहुत जरूरी होता है। इसके साथ ही अगर उसे कुछ भी दिक्कत होती है तो अस्पताल जाने की सलाह दी जाती है।

ये दोनों पति-पत्नी भी पिछले दिनों अरुणा आसफ अली अस्पताल गए थे। पिंकी ने बताया, 'डॉक्टर और नर्सिंग का जिस तरह का व्यवहार था वो डराने वाला था। सब इतनी बदतमीजी से बात कर रहे थे, किसने कोई टेस्ट नहीं किया जोकि अमूमन हर बार किया जाता था। अंत में डॉक्टर ने बहुत ही तेज़ और डांटने वाले अंदाज़ में कहा कि जब तक मरने मत लगाइयो अस्पताल मत आईओ ... यह सब सुनकर मै डर गई हूँ।’

गरीबों के स्वास्थ्य अधिकारों के लिए लड़ने वाले वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल ने अस्पतालों के इस रैवये को लेकर गुस्सा जाहिर किया और कहा कि यह कोई एक दो मामले नहीं हैं।  दिल्ली में इस तरह से एलएनजेपी और जीबी पंत अस्पताल से सैकड़ों मरीजों को बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के अस्पतालों से बाहर कर दिया गया है। इसमें कई बहुत गंभीर रूप से बीमार थे और कई तो वेंटिलेटर पर थे। यह समझ से परे है कि कोई ऐसा कैसा कर सकता है।

उन्होंने आगे कहा, 'शाहजहां की मौत हो गई। उन्हें एलएनजेपी अस्पताल ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बाहर कर दिया। यह मौत नहीं एक हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी केजरीवाल सरकार को लेनी पड़ेगी। अभी सैकड़ों मरीज हैं जिन्हें अस्पतालों द्वारा इसी तरह से निकला गया है। सरकार को चाहिए की तुरंत इस मामले पर कार्रवाई करे, बाकी मरीजों की जान बचाए। "
 
हालंकि दिल्ली सरकार ने कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली के कई अस्पतालों को चिह्नित किया है और वहां अब केवल कोरोना मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। सोमवार से एम्स, सफदरजंग सहित कई बड़े अस्पतालों में ओपीडी और रूटीन सर्जरी को बंद कर कोरोना से निपटने की तैयारियां कर ली गई।

अभी 6 अस्पताल- सफदरजंग, आरएमएल, जीटीबी, एलएनजेपी, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी, बाबा साहेब आंबेडकर अस्पतालों में कोरोना का इलाज शुरू कर दिया गया है।  

केंद्र और राज्य सरकार ने कई व्यवस्थाएं भी शुरू कर दी हैं। एम्स ने अपनी ओपीडी पूरी तरह से बंद कर दी है। रूटीन सर्जरी कैंसल कर दी हैं। लेकिन इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि आपातकालीन सेवा और वो मरीज जो पहले से भर्ती है और जिन्हें अभी इलाज की जरूरत है, उनका इलाज भी किया जाएगा। लेकिन दिल्ली में कई ऐसे मामले आ रहे है जहाँ अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे है। यह ट्रेंड बहुत ही ख़राब परिणाम ला रहा है।

हमने इस पूरे मामले पर दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। इसके लिए हमने एलएनजेपी अस्पताल को संपर्क किया क्योंकि शाहजहाँ जिनकी मौत हुई वो वहीं भर्ती थीं, इसके साथ ही उस अस्पताल से कई और ऐसे मामले थे। जब हमने संपर्क किया तो हर आदमी एक दूसरे पर टाल रहा था और कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं था। इसके बाद हमने सीएमओ से संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन उठाया ही नहीं। इसके बाद हमने दिल्ली के हालत को लकेर स्वास्थ्य मंत्री से भी संपर्क किया लेकिन कोई संपर्क नहीं हो सका। इन लोगों का जवाब मिलने के बाद स्टोरी को अपडेट किया जाएगा।  

Coronavirus
COVID-19
Corona Crisis
LNJP
health system
health care facilities
Narendra modi

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License