NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल निर्मित स्पाईवेयर का इस्तेमाल कर अल-जज़ीरा के दर्जनों पत्रकारों को हैक किया गया
कनाडा स्थित सिटिजन लैब के अनुसार यूएई और सऊदी अरब ने कथित तौर पर इज़रायल स्थित एनएसओ समूह के स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके पत्रकारों के आईफ़ोन को हैक किया है।
पीपल्स डिस्पैच
21 Dec 2020
इज़रायल

कनाडा के टोरंटो यूनिवर्सिटी के सिटीजन लैब ने सोमवार 21 दिसंबर को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इजरायल के साथ रिश्ते को सामान्य करने के समझौते से कुछ सप्ताह पहले जुलाई महीने में कतर आधारित अल जजीरा से जुड़े कम से कम 36 पत्रकार, प्रोड्यूसर और एंकर के निजी फोन को हैक करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने कथित तौर पर इजरायल निर्मित मैलवेयर (malware) का इस्तेमाल किया।

ये हैकिंग कथित रूप से अल-जज़ीरा के खिलाफ इन देशों द्वारा शुरू किए गए जासूसी अभियान का एक हिस्सा था जो कि क़तरी सरकार द्वारा समर्थित है। कतर की विरोधी राजनीतिक स्थिति और इस क्षेत्र के अधिकतर कार्यकाल में अलजजीरा के विवेचनात्मक दृष्टिकोण को लेकर 2017 के बाद से यूएई और सऊदी अरब दोनों की कतर के खिलाफ शत्रुता रही है। सऊदी अरब और यूएई का आरोप है कि कतर के मुस्लिम ब्रदरहुड, हमास और ईरान के साथ संबंध हैं। खाड़ी सहयोग परिषद के बाकी देशों ने कतर को ब्लॉक कर दिया है और इसके साथ संबंधों को सामान्य करने की उनकी 13 सूत्री मांग के तहत उन्होंने 2017 में अल-जज़ीरा को बंद करने के लिए कहा था।

सिटीजन लैब की रिपोर्ट में इस तरह के हमलों से इसके बचाव को लेकर कंपनी के दावों के खिलाफ इस तरह के स्पाईवेयर के लिए एप्पल आईफोन की कमजोरी को भी उजागर किया गया है। लैब के अनुसार इजरायली मैलवेयर आईफ़ोन में पैठ बनाने के लिए "जीरो क्लिक" तकनीक का उपयोग करता है। जीरो क्लिक तकनीक का मतलब है कि भले ही उपयोगकर्ता मैलिशियस कोड (malicious code) वाले लिंक पर क्लिक न करे फिर भी फोन संक्रमित हो जाएगा।

सऊदी अरब और यूएई दोनों पर पहले एक्टिविस्ट और पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए इजरायली स्पाईवेयर का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। एडवर्ड स्नोडेन ने दावा किया था कि सऊदी अरब ने एनएसओ निर्मित स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया था जिसका इस्तेमाल 2018 में जमाल खाशोगी की हत्या के लिए किया गया था।

सिटीजन लैब द्वारा खुलासा किए जाने के बाद पिछले साल इजरायल स्थित एनएसओ का पेगासस स्पाईवेयर खबरों में था। इसने खुलासा किया था कि इसका उपयोग दुनिया भर की विभिन्न सरकारों ने व्हाट्सएप मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप का उपयोग करके अपने असंतुष्टों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया था। इन लक्षित लोगों में भारत में भीमा कोरेगांव मामले से जुड़े कार्यकर्ता, मैक्सिको, रवांडा, स्पेन और दुनिया भर के कई अन्य देशों के विरोधी शामिल हैं।

अमेरिका में इंस्टैंट मैसेजिंग कंपनी व्हाट्सएप द्वारा इजरायली कंपनी के खिलाफ अपने मंच का दुरुपयोग करने के लिए मुकदमा दायर किया गया था। इजरायल में एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कई मानवाधिकार संगठनों ने इस स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके उनके कर्मचारियों को हैक करने के मामलों का खुलासा होने के बाद मुकदमा दायर किया है जिसमें इजरायल में अदालतों से एनएसओ का निर्यात लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा गया।

Israel
Al-Jazeera
Malware
malicious code
Saudi Arab
Amnesty International

Related Stories

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल का दावा, उन्हें अमेरिका जाने से रोका गया

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License