NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इक्वाडोरः मोरेनो के व्यय में कटौती के फैसले के ख़िलाफ़ सामाजिक संगठनों का एकजुट होने का आह्वान
नई आर्थिक नीतियों में राष्ट्रीय सरकार ने दस सरकारी कंपनियों को बंद करने, डीज़ल और पेट्रोल पर सब्सिडी को वापस लेने, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 25% की कटौती करने, सार्वजनिक क्षेत्रों में एक अरब अमरीकी डॉलर से अधिक के निवेश को कम करने की घोषणा की।
पीपल्स डिस्पैच
21 May 2020
इक्वाडोर

कोरोना वायरस महामारी के बीच राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो द्वारा लागू की गई नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के ख़िलाफ़ 20 मई को कई इक्वेडोरियन सामाजिक संगठनों,स्वदेशी संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने 25 मई के दिन देशभर में इकट्ठा होने का आह्वान किया है।

19 मई को मोरेनो ने देश के बाहरी ऋण के भुगतान की गारंटी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा 2019 में की गई सिफारिशों के साथ सहमति को लेकर व्यय में कटौती करने के लिए एक नए पैकेज की घोषणा की।

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कई नीतियों में दस सरकारी कंपनियों को बंद करने, डीजल और पेट्रोल पर सब्सिडी वापस लेने, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 25%की कमी करने, सरकारी क्षेत्र में 1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश में कमी और कार्य दिवस की 6 घंटे की कमी शामिल है।

सामाजिक संगठनों ने निंदा करते हुए कहा कि सरकारी कंपनियों के विघटन से 12,000 लोक सेवकों को हटाया जा सकता है जिससे देश में नौकरी की स्थिरता पर ख़तरा मंडराएगा और सामाजिक असमानता बढ़ेगी। इसी तरह तेल की क़ीमत बढ़ने से हर चीज़ की क़ीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिसमें मौलिक खाद्य उत्पाद, दवाइयां आदि शामिल हैं।

नेशनल यूनियन ऑफ एडुकेटर्स (यूएनई) और फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ऑफ इक्वाडोर (एफईयूई) जो इस महीने की शुरुआत से शिक्षा क्षेत्र में बजट में कटौती के ख़िलाफ़ लामबंद हो रहे हैं उन्होंने भी इन नवउदारवादी फैसले को ख़ारिज कर दिया और 25 मई को होने वाले राष्ट्रीय प्रदर्शन में शामिल होने की घोषणा की।

अन्य संगठनों सहित पीपल्स फ्रंट, कन्फेडरेशन ऑफ इंडिजिनस नेशनलिटीज़ ऑफ इक्वाडोर (सीओएनएआइई), यूनिट्री फ्रंट ऑफ़ वर्कर्स (एफयूटी) ने देश भर में लोगों को इकट्ठा होने का आह्वान किया।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

Ecuador
Lenin Moreno
IMF
National Union of Educators

Related Stories

श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी

इक्वाडोर के नारीवादी आंदोलनों का अप्रतिबंधित गर्भपात अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प

श्रीलंकाई संकट : राजनीति, नीतियों और समस्याओं की अराजकता

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

यूक्रेन के संकट का आईएमएफ कनेक्शन

साम्राज्यवाद अब भी ज़िंदा है

इस बजट की चुप्पियां और भी डरावनी हैं

लेबनान में ड्राइवरों और परिवहन कर्मचारियों को लेकर सरकारी उदासीनता के ख़िलाफ़ हड़ताल

इक्वाडोर के लोग राष्ट्रपति लासो की आर्थिक नीतियों के ख़िलाफ़ लामबंद

इंटरकल्चरल एजुकेशन लॉ लागू करने की मांग को लेकर इक्वाडोर के शिक्षक भूख हड़ताल पर


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License