NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इक्वाडोर : बजट कट के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय के शिक्षक-छात्रों का प्रदर्शन
राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो की नवउदारवादी सरकार ने कोविड-19 महामारी की वजह से देश में पैदा हुए आर्थिक संकट से लड़ने के लिए सरकारी उच्च शिक्षा में 100 मिलियन डॉलर के बजट कट का ऐलान किया है।
पीपल्स डिस्पैच
06 May 2020
PP

5 मई को, राजधानी क्विटो में स्थित इक्वाडोर के केंद्रीय विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों, शिक्षकों और श्रमिकों ने सार्वजनिक उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारी बजट कटौती को ख़ारिज करते हुए विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।

3 मई को राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो की नवउदारवादी सरकार ने कोविड-19 महामारी की वजह से देश में पैदा हुए आर्थिक संकट से लड़ने के लिए सरकारी उच्च शिक्षा में 100 मिलियन डॉलर के बजट कट का ऐलान किया था।

नोवेल कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बावजूद, 300 से अधिक लोग, मास्क पहने हुए और सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए, विश्वविद्यालय में यह मांग करने के लिए इकट्ठा हुए और माँग की कि राष्ट्रीय सरकार ने घोषित उपायों को वापस ले। उन्होंने इक्वाडोर हाउस ऑफ़ कल्चर में कुछ ब्लॉकों तक मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

प्रदर्शनकारियों ने "लॉकडाउन से हम शांत नहीं होंगे" , "बजट कट वापस लो" , आदि जैसे नारे पोस्टर पर लिखे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे भी लगाए।

4 मई से ही विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों ने इस निर्णय पर अपनी असहमति जताई है और कहा है कि बजट कट की वजह से रिसर्च और ज्ञान वृद्धि में रुकावट आयेगी।

Federation of University Students of Ecuador (FEUE) ने इन उपायों को असंवैधानिक क़रार दिया है और कहा है कि कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के किये शिक्षा और वैज्ञानिक संस्थान बेहद ज़रूरी हैं।

इक्वाडोर के केंद्रीय विश्वविद्यालय ने खुद एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई एक हमले का गठन करती है और इसे बाहर ले जाने से "शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों की बर्खास्तगी को बढ़ावा मिलेगा, जो शैक्षणिक विकास, अनुसंधान और वैज्ञानिक ज्ञान के उत्पादन को प्रभावित करेगा।"

नेशनल पॉलिटेक्निक स्कूल (EPN) ने भी अपने बजट में गिरावट को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। ईपीएन ने निर्णय को "एकतरफा और बिना परामर्श" के रूप में वर्णित किया, और कहा कि यह उपाय शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन को प्रभावित करेगा।

देश के सबसे बड़े स्वदेशी संगठन (CONAIE) के स्वदेशी राष्ट्रीयताओं के परिसंघ ने भी माप को खारिज कर दिया और स्वास्थ्य आपातकाल के बीच में इसके कार्यान्वयन की निंदा की।

इक्वाडोर में कोरोना वायरस के अब तक 31,881 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 3433 लोग ठीक हुए हैं और 1569 लोगों की मौत हो चुकी है।

Federation of University Students of Ecuador
Student Protests
teachers protest
COVID-19

Related Stories

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

दिल्ली : पांच महीने से वेतन न मिलने से नाराज़ EDMC के शिक्षकों का प्रदर्शन

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License