NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इक्वाडोर की अदालत ने 'रिश्वत 2012-16 मामले' में राफेल कोर्रिया की गिरफ़्तारी का आदेश दिया
साल 2017 से यूरोपीय देश में अपने परिवार के साथ रह रहे कोर्रिया को गिरफ़्तार करने के लिए कोर्ट ने बेल्जियम के अधिकारियों को एक अनुरोध जारी किया है।
पीपल्स डिस्पैच
25 Sep 2020
rafael correa

इक्वाडोर नेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (सीएनजे) ने 23 सितंबर को पुलिस अधिकारियों को पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोर्रिया और अन्य पूर्व सरकारी अधिकारियों और व्यापारियों को रिश्वत 2012-16 के भ्रष्टाचार मामले में तुरंत पता लगाने और गिरफ़्तार करने का आदेश दिया। अदालत ने वित्त मंत्रालय को यह भी आदेश दिया है कि वह पूर्व राष्ट्रपति को आजीवन पेंशन के रूप में कोर्रिया को दी जाने वाली प्रति माह 4,200 अमरीकी डॉलर के भुगतान को निलंबित करे। इसके अलावा अदालत ने आदेश दिया कि नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) को उन सभी मंत्रियों के राजनीतिक अधिकारों के खोने के बारे में सूचित किया जाए जिन्हें इस मामले में सजा सुनाया गया है।

वर्तमान में बेल्जियम के ब्रुसेल्स में रह रहे कोर्रिया ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से इस फैसले पर टिप्पणी की। कोर्रिया ने ट्वीट में लिखा, "इस रिश्वतखोरी मामले के पाखंड के साथ भ्रष्ट न्यायाधीश लियोन हमारे आजीवन पेंशन के निलंबन का आदेश दिया है। ऐसा कुछ जो न तो (अब्दाल) बुकारम न ही (जमील) महुआद (पूर्व राष्ट्रपतियों) के साथ किया गया। वे (वर्तमान राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो और उनके सहयोगियों) ने 22 जून को क़ानून में असंवैधानिक रूप से सुधार किया, जब 7 अप्रैल को सजा सुनाई गई थी। सब कुछ क्रूरता और वफादारी के साथ योजनाबद्ध था।"

ब्रुसेल्स टाइम्स ने रिपोर्ट किया कि इक्वाडोर की एक अदालत ने बेल्जियम के अधिकारियों को कोर्रिया को गिरफ़्तार करने और उसे इक्वाडोर न्याय प्रणाली को सौंपने का अनुरोध किया था।

दो सप्ताह पहले 7 सितंबर को सीएनजे के कोर्ट ऑफ कैसेशन ने इस मामले में कोर्रिया को 8 साल की जेल की सज़ा और 25 साल के राजनीतिक प्रतिबंध का आदेश 7 अप्रैल को प्रथम दृष्टया अदालत द्वारा जारी किया गया था साथ उन्हें फरवरी 2021 में होने वाले आम चुनावों लड़ने से रोक दिया गया था। इस मामले में भ्रष्टाचार के किसी भी कृत्य से कोर्रिया को जोड़ने के ठोस सबूतों के अभाव में कोर्ट ऑफ कैसेशन ने "मानसिक और संज्ञानात्मक प्रभाव" होने और "दूसरों को नियंत्रित करने" में सक्षम होने के आधार पर सजा सुनाया।

कोर्रिया जो 2007 से 2017 तक इस पद पर थे और अभी भी देश में मज़बूत समर्थन हासिल है। उन्होंने अपने ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को बार-बार खारिज किया है। उन्होंने इस मामले को सत्तारूढ़ और चुनावी सुधारों के रूप में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय सरकार द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न के रूप में बताया है, जिसका उद्देश्य उन्हें आगामी चुनावों में खड़े होने से रोकना है। पॉलिटिकल एक्टिविस्ट और दुनिया भर के नेताओं ने भी इस लोकप्रिय नेता के ख़िलाफ़ मोरेनो के प्रशासन द्वारा किए गए क़ानून के इस्तेमाल की निंदा की है।

Ecuador
European Country
Belgium
Ecuador National Court of Justice
Rafael Correa

Related Stories

इक्वाडोर के नारीवादी आंदोलनों का अप्रतिबंधित गर्भपात अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प

इक्वाडोर के लोग राष्ट्रपति लासो की आर्थिक नीतियों के ख़िलाफ़ लामबंद

इंटरकल्चरल एजुकेशन लॉ लागू करने की मांग को लेकर इक्वाडोर के शिक्षक भूख हड़ताल पर

नाटो शिखर वार्ता के ख़िलाफ़ ब्रसेल्स में विरोध प्रदर्शन

बोलीविया सरकार ने इक्वाडोर द्वारा तख़्तापलट सरकार को हथियारों की आपूर्ति की जांच की

दुनिया भर की: अमेरिकी महाद्वीप में समाजवादी व्यवस्थाओं का इम्तिहान

दक्षिणपंथी गुइलर्मो लास्सो ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता

बेल्जियमः वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर श्रमिक वर्ग सड़कों पर उतरा

विजेता वाम उम्मीदवार ने इक्वाडोर में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनावों में बाधा डालने की योजना की चेतावनी दी

इक्वाडो : राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर में एंड्रेस अराउज के प्रतिद्वंद्वी को लेकर अनिश्चितता बरक़रार


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License