NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मिस्र: 2 साल तक ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से हिरासत में रहने के बाद फ़िल्म निर्माता शैडी हबाश की मौत
हबाश को साल 2018 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी से संबंधित एक संगीत वीडियो के निर्देशन को लेकर क़ैद किया गया था। उन पर आतंकवादी होने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने, ईश निंदा करने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे।
पीपल्स डिस्पैच
04 May 2020
शैडी हबाश

मिस्र के फ़ोटोग्राफ़र और फ़िल्म निर्माता शैडी हबाश की राजधानी काहिरा के टोरा जेल में शनिवार 2 मई को मौत हो गई। वे मिस्र के सैन्य तानाशाह से राष्ट्रपति बने अब्देल फ़त्तह अल-सिसी का मजाक उड़ाते हुए संगीत वाले एक वीडियो का निर्देशन करने के लिए दो साल से अधिक समय से जेल में थे।

वे 24 साल के थे। हबीश द्वारा निर्देशित इस संगीत वीडियो में गाना गाने वाले और वर्तमान में स्वीडन में निर्वासित ज़िंदगी गुजारने वाले गायक रामी एस्साम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि हबाश को काहिरा में दफन किया जाए।

हबाश के वकील अहमद अल-ख्वागा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी मौत का सही कारण अभी पता नहीं है। अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा, "उनका स्वास्थ्य कई दिनों से बिगड़ रहा था ... उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, फिर कल शाम को जेल में वापस आ गए जहां रात में उनकी मृत्यु हो गई।" एक्टिविस्ट और मानवाधिकार समूह ने मिस्र के अधिकारियों पर घोर और जानबूझकर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आगे कहा है कि अगर जेल अधिकारियों ने हबाश का इलाज काफी पहले कराया होता तो उनकी मौत नहीं होती।

मानवाधिकार समूहों ने बार-बार भीड़भाड़ वाली मिस्र की जेलों की बेहद गंदे, असुरक्षित और छिन्न-भिन्न स्थितियों को लेकर चिंता व्यक्त की है, जिसमें सरकार 60,000 से अधिक मिस्रियों को बंद कर रखी है जो ज्यादातर मुस्लिम ब्रदरहुड सदस्यों, राजनेताओं, धर्मनिरपेक्ष एक्टिविस्ट, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से लेकर आलोचक और विपक्ष के लोग हैं।

अरबिक नेटवर्क ऑफ ह्यूमन राइट्स इन्फॉर्मेशन (एएनएचआरआई) ने ट्विटर पर हबाश की मौत का आरोप न्याय व्यवस्था और अधिकारियों की लापरवाही पर लगाया है जिसके परिणामस्वरूप हाबश को दक्षिणी काहिरा की कड़ी सुरक्षा वाले जेल में लगभग 800 दिन बिना किसी मुकदमे के बिताना पड़ा।

रामी एस्साम द्वारा "बलाहा" गीत के वीडियो को निर्देशित करने के लिए हाबाश को 22 वर्ष की उम्र में उनके दूसरे साथी मुस्तफा गमाल के साथ मार्च 2018 में जेल में डाल दिया गया था। इस गीत में मज़ाक उड़ाया गया था साथ ही साथ सरकार के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ रैली निकाली गई थी। ये वीडियो मिस्र में बहुत लोकप्रिय हो गया, यूट्यूब पर 5 मिलियन से अधिक बार देखा गया। हबाश और गमाल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों में "आतंकवादी समूह" की सदस्यता, झूठी ख़बरें फैलाना, सोशल मीडिया नेटवर्क का दुरुपयोग, ईश निंदा, धर्म की अवमानना और सेना का अपमान करना शामिल था।

साभार : पीपल्स डिस्पैच 

egypt
Shady Habash
Shady Habash Died
Human Rights

Related Stories

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

जलविद्युत बांध जलवायु संकट का हल नहीं होने के 10 कारण 

चिली की नई संविधान सभा में मज़दूरों और मज़दूरों के हक़ों को प्राथमिकता..

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा

यूक्रेन युद्ध से रूस-चीन के संबंधों में मिली नई दिशा

मणिपुर चुनाव: भाजपा के धनबल-भ्रष्ट दावों की काट है जनता का घोषणापत्र

कैसे सैन्य शासन के विरोध ने म्यांमार को 2021 के तख़्तापलट के बाद से बदल दिया है

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License