NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मिस्रः जेल में बंद एक्टिविस्ट की मां का इंटरव्यू लेने पर पत्रकार गिरफ़्तार, ज़मानत पर रिहा
मिस्र के स्वतंत्र समाचार संस्थान 'मादा मस्र' की पत्रकार, एक्टिविस्ट अला अब्देल फत्ताह की मां लैला सोइफ से तोरा जेल परिसर के बाहर बात कर रही थीं। फत्ताह पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।
पीपल्स डिस्पैच
18 May 2020
Egypt

मिस्र के स्वतंत्र मीडिया संस्थान 'मादा मस्र' की एडिटर-इन-चीफ और को-फाउंडर लीना अत्तालाह को रविवार 17 मई को मिस्र की सुरक्षा सेवाओं द्वारा तोरा जेल परिसर के बाहर से गिरफ़्तार किया गया था। अत्तालाह जेल में बंद मिस्र के एक्टिविस्ट अला अब्देल फत्ताह की मां लैला सोइफ़ के साथ साक्षात्कार कर रही थीं। एक्टिविस्ट वर्तमान में कोरोनावायरस COVID19 महामारी से लड़ने के उपाय के रूप में वकील के दौरे और अदालत के सत्रों को रद्द करने के सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे हैं।

मादी अभियोजक के कार्यालय द्वारा रिहा करने के आदेश से पहले अताल्लाह को मादी पुलिस स्टेशन ले जाया गया और तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। उन्हें 2000 मिस्री पाउंड (127 डॉलर) की ज़मानत राशि देने का आदेश दिया गया।

मादा मस्र के अनुसार, ये गिरफ़्तारी रविवार दोपहर 12 बजे के आसपास हुई। सुरक्षा अधिकारियों ने पहले उनसे अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने उनका फोन ज़ब्त कर लिया। फिर उन्हें गिरफ़्तार किया गया और पूछताछ के लिए अभियोजक के कार्यालय भेज दिया गया।

अधिकारियों ने उन्हें अपने वकील से बात करने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया और उनकी अचानक और न्यायेतर गिरफ़्तारी का कारण बताने से इनकार कर दिया।

उनकी गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए संस्थान ने अपने फेसबुक पेज पर एक संदेश पोस्ट किया था जिसमें कहा गया, “मादा मस्र की एडिटर-इन-चीफ लीना अत्तालाह को केवल पत्रकारिता करने के लिए गिरफ़्तार किया गया था। हम अधिकारियों को उनके हित के लिए ज़िम्मेदार मानते हैं और उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं।”

अत्तालाह की गिरफ़्तारी की ख़बर ने दुनिया भर के पत्रकारों और प्रेस की आज़ादी के पैरोकारों को सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त करने और निंदा करने के लिए प्रेरित किया। कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में अत्तालाह की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की।

मिस्र में "स्वतंत्र प्रेस का आखिरी रक्षक" होने के रूप में दुनिया भर में प्रशंसा किए जाने वाले ‘मादा मस्र’ को राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी के अधीन मिस्र सरकार द्वारा कई ग़ैरक़ानूनी और दमनकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। पिछले साल नवंबर 2019 में मादा मस्र के कार्यालयों पर मिस्र की पुलिस द्वारा छापा मारा गया था और इस समाचार संस्थान के कई फोन, लैपटॉप और अन्य संपत्ति को अवैध रूप से उनके द्वारा ज़ब्त कर लिया गया था।

मादा मस्र 500 से अधिक उन समाचार वेबसाइटों में से एक है जिनपर वर्तमान में मिस्र के अंदर रिपोर्टिंग और प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा है। देश के अधिकांश समाचार संस्थान पर ऐसे किसी भी लेख और रिपोर्ट को प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है जो सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं और इसके गड़बड़ी का खुलासा करते हैं और देश में नागरिक और मानवाधिकारों की व्यापक, क्रूर दमन का खुलासा करते हैं।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

egypt
journalist
Media
Media freedom
COVID-19

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार

राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!

आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?

महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां

कोविड मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर मोदी सरकार का रवैया चिंताजनक

महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 


बाकी खबरें

  • भाषा
    अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’
    09 May 2022
    अदालत ने कहा कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हुए घटनाक्रम और दंगे रोकने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की जांच किए जाने की आवश्यकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,207 नए मामले, 29 मरीज़ों की मौत 
    09 May 2022
    राज्यों में कोरोना जगह-जगह पर विस्पोट की तरह सामने आ रहा है | कोरोना ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बच्चो को अपनी चपेट में ले रहा है |
  • Wheat
    सुबोध वर्मा
    क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?
    09 May 2022
    मोदी युग में पहली बार गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है और ख़रीद घट गई है, जिससे गेहूं का स्टॉक कम हो गया है और खाद्यान्न आधारित योजनाओं पर इसका असर पड़ रहा है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!
    09 May 2022
    क्या मोदी जी के राज में बग्गाओं की आज़ादी ही आज़ादी है, मेवाणियों की आज़ादी अपराध है? क्या देश में बग्गाओं के लिए अलग का़ानून है और मेवाणियों के लिए अलग क़ानून?
  • एम. के. भद्रकुमार
    सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति
    09 May 2022
    सीआईए प्रमुख का फ़ोन कॉल प्रिंस मोहम्मद के साथ मैत्रीपूर्ण बातचीत के लिए तो नहीं ही होगी, क्योंकि सऊदी चीन के बीआरआई का अहम साथी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License