NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मिस्र : लीबिया में सैनिकों की तैनाती को संसद ने मंज़ूरी दी
तुर्की समर्थित जीएनए ख़लीफ़ा हफ्तार की सेनाओं से पूर्वी शहर सिर्ते को वापस लेने के लिए अपने मिशन से पीछे नहीं हटने पर मिस्र ने लीबिया में "सीधे हस्तक्षेप" की पिछले महीने धमकी दी थी।
पीपल्स डिस्पैच
21 Jul 2020
लीबिया में सैनिकों की तैनाती को संसद ने मंज़ूरी दी

मिस्र की संसद ने सर्वसम्मति से सोमवार 20 जुलाई को देश के बाहर सेना की तैनाती को मंज़ूरी देने का प्रस्ताव पारित कर दिया। सोमवार का दिया गया वोट राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को लीबिया में हस्तक्षेप करने और पिछले महीने जारी उनकी धमकी पर कार्रवाई करने का अधिकार देगा।

एक आधिकारिक बयान में संसद ने कहा कि बिना किसी समय सीमा के "क्रिमिनल मिलिशिया" और “विदेशी आतंकवादी तत्व” के मद्देनज़र "पश्चिमी रणनीतिक मार्गदर्शन में मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा" करने के लिए "मिस्र की सीमाओं के बाहर मिशन को पूरा करने में मिस्र के सशस्त्र बलों की टुकड़ी को भेजने के लिए इसने सर्वसम्मति से" मंज़ूरी दे दी। आधिकारिक तौर पर ऑनलाइन अहराम इसकी जानकारी दी।

राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने 18 जून को चेतावनी दी थी कि अगर गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) की तुर्की समर्थित सैनिक सिर्ते पर हमला करने की कोशिश करती है तो मिस्र इसे मिश्र के राष्ट्रीय हितों पर हमले के रूप में देखेगा और यह प्रत्यक्ष हस्तक्षेप को आमंत्रित करेगा। ज्ञात हो कि सिर्ते ख़लीफ़ा हफ्तार के नेतृत्व वाली लीबियन नेशनल आर्मी (एलएनए) के नियंत्रण में है।

तुर्की मिलिशिया और अन्य संगठनों से समर्थित जीएनए सैनिक अप्रैल में राजधानी त्रिपोली की एलएनए की 18 महीने पुरानी घेराबंदी को समाप्त करने और क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को वापस जीतने में सक्षम रहे हैं। यह अब राजधानी से लगभग 450 किलोमीटर दूर सिर्ते पर नियंत्रण हासिल करना चाहता है जिसे वर्तमान में हफ्तार के नियंत्रण में देश के तेल उत्पादक क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

मिस्र, यूएई और बड़े क्षेत्र के कुछ अन्य देशों द्वारा समर्थित हफ्तार को पूर्वी शहर टोब्रुक में स्थित लीबियाई संसद द्वारा भी समर्थन दिया जाता है। इसमें तुर्की के हस्तक्षेप और मिस्र की प्रतिक्रिया ने लीबिया के युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की आशंका पैदा कर दी है।

जीएनए सरकार और तुर्की ने पहले ही मिस्र की धमकी को युद्ध की घोषणा कहा था और यूरोपीय संघ, यूएन और अन्य संगठनों द्वारा जारी संघर्ष विराम के आह्वान से इनकार कर दिया था। जीएनए का समर्थन करने वाले तुर्की ने 6 जून को मिस्र, हफ्तार और लीबिया की संसद के स्पीकर और यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित अगुइला सालेह के बीच हस्ताक्षर हुए "काहिरा घोषणा" को मानने से इनकार कर दिया है।

नाटो के नेतृत्व में 2011 में इस देश में हस्तक्षेप के साथ शुरू हुई लीबिया में युद्ध ने उत्तरी अफ्रीका में तेल समृद्ध राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध के बावजूद देश के संसाधन संपन्न हिस्सों पर नियंत्रण के लिए एलएनए और जीएनए सैनिक एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं और क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा मदद की जाती है।

egypt
Egypt's parliament
libya
Egyptian Armed Forces
National Security
Libya and Egypt

Related Stories

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) क़ानून और न्याय की एक लंबी लड़ाई

अफ़्रीकी देश अपनी मुद्रायें यूरोप से क्यों छपवाते हैं

भारत को अब क्वाड छोड़ देना चाहिए! 

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

एक तरफ़ PM ने किया गांधी का आह्वान, दूसरी तरफ़ वन अधिनियम को कमजोर करने का प्रस्ताव

आतंकवाद को सालों तक भुनाया जा सकता है : हिलाल अहमद

लीबिया में युद्ध समाप्त करने और दिसंबर में चुनावों की रूपरेखा को अंतिम रूप देने को बातचीत फिर शुरू

इजिप्ट : राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन में मशहूर हस्तियों ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

इजिप्ट की संसद ने आतंकवादी समूहों से कथित संबंधों वाले सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए क़ानून पारित किया

इतिहासकार की हिरासत को लेकर व्यापक आलोचना के बाद इजिप्ट ने ज़मानत पर रिहा किया


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License