NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ईजिप्ट ने बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय अभियान के बाद तीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा किया
इस सप्ताह उस रिपोर्ट के बाद तीनों कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया जिसमें ईजिप्ट की सरकार पर अक्टूबर और नवंबर के बीच कम से कम 57 पुरुषों और महिलाओं को मौत के घाट उतारने का आरोप लगाया गया था।
पीपल्स डिस्पैच
04 Dec 2020
ईजिप्ट ने बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय अभियान के बाद तीन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहा किया

इजिप्टियन इनिसिएटिव फॉर पर्सनल राइट्स (ईआईपीआर) के तीन एक्टिविस्ट को जिन्हें प्री ट्रायल डिटेंशन में करीब एक महीने तक कैद रखा गया उन्हें मिस्र के अधिकारियों ने गुरुवार 3 दिसंबर को रिहा कर दिया। ये रिहाई निरंतर अंतर्राष्ट्रीय अभियान के बाद हो पाई है।

ईआईपीआर के कार्यकारी निदेशक गेसर अब्देल-रज़ेक, आपराधिक न्याय निदेशक करीम एनारह और कार्यालय प्रबंधक मोहम्मद बशीर को तोरा जेल से रिहा कर दिया गया।

एक बयान में मिस्र के अधिकारियों ने कहा कि "इस समूह को गैर-लाभकारी संगठन के रूप में पंजीकृत करने की आवश्यक कानूनी कागजी कार्रवाई के प्रस्तुत करने के बाद पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने गेसर अब्देल-रज़ेक और इनिसिएटिव के सदस्यों को रिहा करने का आदेश दिया है।" पब्लिक प्रोसिक्यूटर के अनुसार उनके मामले अभी भी लंबित हैं।

ये तीन मानवाधिकार कार्यकर्ता गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। इन आरोपों में "आतंकवादी समूह में शामिल होना"," आतंकवाद का फंडिंग करना"," सार्वजनिक सुरक्षा को नजरअंदाज करना"," झूठी खबर प्रकाशित करना" और" झूठी सूचना प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना" शामिल है।

आपराधिक आरोपों को इस संगठन द्वारा झूठे, दुर्भावनापूर्ण और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और मिस्र में काम करने वाले अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मानव अधिकार संगठनों जैसे एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच, यूरोमेड राइट्स और अन्य संगठनों ने पूर्व निर्धारित, पूर्व नियोजित और व्यवस्थित तरीके को लेकर चिंता व्यक्त की है जिसके तहत इन तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके आरोप लगाया गया।

साल 2013 में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने सैन्य तख्तापलट से देश की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से हजारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, छात्रों, वकीलों, सोशल मीडिया ब्लॉगर्स, विपक्षी राजनेताओं, मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि 60,000 से अधिक मिस्र वासियों को सरकार द्वारा राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के कारण गिरफ्तार किया गया और जेल में बंद किया गया।

egypt
human rights activists
Egyptian Initiative for Personal Rights
EIPR

Related Stories

पाकिस्तान किस प्रकार से बलूचिस्तान में शांति के लिए पहले-विकास की राह को तलाश सकता है

सूडान: सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ 18वें देश्वयापी आंदोलन में 2 की मौत, 172 घायल

इजिप्ट : राजनीतिक क़ैदियों के समर्थन में मशहूर हस्तियों ने किया भूख हड़ताल का ऐलान

इजिप्ट की संसद ने आतंकवादी समूहों से कथित संबंधों वाले सरकारी कर्मचारियों को बर्ख़ास्त करने के लिए क़ानून पारित किया

इतिहासकार की हिरासत को लेकर व्यापक आलोचना के बाद इजिप्ट ने ज़मानत पर रिहा किया

ईजिप्ट की आयरन एंड स्टील कंपनी बेचने का विरोध करने पर कर्मचारियों से सख़्ती

युद्धविराम की घोषणा के बाद गाज़ा में इज़रायली हमले समाप्त

ईजिप्ट : पुलिस स्टेशन पर 2013 के हमले के मामले में एक ही दिन में 17 लोगों को फांसी

मिस्र में मानवाधिकार उल्लंघन के रिकॉर्ड को देख अधिकार संगठनों का अमरीका से उसकी सैन्य सहायता रोकने का आह्वान

ईजिप्ट के मशहूर पत्रकार ख़ालिद दाऊद 18 महीने की हिरासत के बाद रिहा


बाकी खबरें

  • covid
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटे में कोरोना के 10 हज़ार से कम नए मामले सामने आए 
    22 Nov 2021
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1 लाख 18 हज़ार 443 हो गयी है।
  • Mahapanchayat in Lucknow
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लखनऊ में महापंचायत: लखीमपुर मामले में न्याय और एमएसपी की गारंटी की मांग बुलंद कर रहे किसान
    22 Nov 2021
    देश के किसानों ने सरकारों से इतने धोखे खाए हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री के मौखिक वादे पर विश्वास करना मुश्किल है। इसलिए उन्होंने जब तक लिखित में कानून वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं मिलती…
  • skm
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्री नरेंद्र मोदी जी... राष्ट्र के नाम आपका संदेश और आपके नाम किसानों का संदेश
    22 Nov 2021
    संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को सिंघु मोर्चा के किसान आंदोलन कार्यालय में बैठक की। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के उनकी सरकार के फैसले की घोषणा के बाद यह बैठक प
  • nehru
    एन.डी.जयप्रकाश
    गुटनिरपेक्ष आंदोलन और नेहरू का सैद्धांतिक रुख़: II
    22 Nov 2021
    नेहरू के लिए आम तौर पर निरस्त्रीकरण और ख़ास तौर पर परमाणु हथियारों का उन्मूलन गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत के अटूट हिस्से थे।
  • cotton farmers
    तृप्ता नारंग
    मालवा के किसान और खेतिहर मज़दूर कई संघर्षों से जूझ रहे हैं
    22 Nov 2021
    प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद चारों ओर मनाई जा रही ख़ुशी और जश्न किसानों के हालात में सुधार नहीं कर सकते हैं और न ही उनकी तकलीफ़ों को कम कर सकते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License