NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
जीएसटी के पहले दो साल में क्षतिपूर्ति राशि का हुआ ‘अन्यत्र’ इस्तेमाल, कानून का हुआ उल्लंघन: कैग
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने जीएसटी मुआवजा उपकर का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया, जो जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कानून का उल्लंघन है। इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए ही किया जाना था।
भाषा
25 Sep 2020
GST
Image courtesy: Deccan Herald

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के कार्यान्वयन के पहले दो साल में जीएसटी मुआवजे की 47,272 करोड़ रुपये की राशि को गलत तरीके से रोककर कानून का उल्लंघन किया है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने जीएसटी मुआवजा उपकर का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया, जो जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कानून का उल्लंघन है। इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए ही किया जाना था।

सरकारी खातों पर जारी अपनी ऑडिट रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि इस राशि को सतत् जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह कोष में डाला जाना था। वर्ष 2017 से जीएसटी लागू किए जाने के बाद राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये यह कोष बनाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने ऐसा नहीं किया, जो जीएसटी कानून का उल्लंघन है।

कैग ने कहा, ‘‘जीएसटी मुआवजा उपकर कानून, 2017 के तहत उपकर लगाने का प्रावधान है, जिससे राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाती है।’’

कानून और लेखा प्रक्रिया के तहत किसी वर्ष के दौरान उपकर के रूप में जुटाई गई राशि को जीएसटी मुआवजा उपकर कोष में जमा कराना होता है। यह लोक खाते का हिस्सा होता है।

कैग ने कहा कि 2017-18 में 62,612 करोड़ रुपये की राशि क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में जुटाई गई। इसमें से 56,146 करोड़ रुपये की राशि ही उपकर कोष में स्थानांतरित की गई। इसी तरह 2018-19 में उपकर से 95,081 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जबकि 54,275 करोड़ रुपये की राशि ही क्षतिपूर्ति कोष में स्थानांतरित की गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 में क्षतिपूर्ति उपकर कोष में 6,466 करोड़ रुपये कम स्थानांतरित किए गए। इसके अलावा 2018-19 में 40,806 करोड़ रुपये की राशि कोष में जमा नहीं कराई गई।

कैग ने कहा है कि केंद्र ने इस राशि का इस्तेमाल ‘अन्य उद्देश्यों’ के लिए किया, जिससे साल के दौरान राजस्व प्राप्तियां बढ़ गईं, जबकि राजकोषीय घाटे को कम कर दिखाया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपकर की पूरी राशि को कोष में जमा नहीं कराना जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून, 2017 का उल्लंघन है।

जीएसटी परिषद में चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। जीएसटी में उत्पाद शुल्क और मूल्यवर्धित कर (वैट) सहित 17 विभिन्न केंद्रीय और राज्य कर समाहित किए गए हैं।

केंद्र का कहना है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में अधिक राशि नहीं जुटाई जा सकी है। यह क्षतिपूर्ति उपकर विलासिता वाली और अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है।

केंद्र ने राज्यों से राजस्व में कमी की भरपाई को पूरा करने के लिए कर्ज लेने को कहा है। कांग्रेस, वामदल, तृणमूल और आप शासित राज्यों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि केंद्र को खुद कर्ज लेकर राज्यों को भुगतान करना चाहिए।

कैग के ये निष्कर्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिछले सप्ताह संसद में दिए गए वक्तव्य के उलट हैं। वित्त मंत्री ने भारत के अटॉर्नी जनरल की राय के हवाले से कहा है कि राज्यों को राजस्व में कमी की भरपाई भारत के समेकित कोष (सीएफआई) से नहीं की जा सकती। अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है।

ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि उपकर के संग्रहण और उसके जीएसटी मुआवजा उपकर में स्थानांतरण से संबंधित वक्तव्य 8, 9 और 13 की ऑडिट जांच से पता चलता है कि 2017-18 और 2018-19 में कुल 47,272 करोड़ रुपये की राशि क्षतिपूर्ति उपकर कोष में स्थानांतरित नहीं की गई। यह जीएसटी मुआवजा उपकर कानून, 2017 का उल्लंघन है।

कैग के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने उसके आडिट टिप्पणियों को माना है और कहा कि फरवरी 2020 में कहा कि जिस राशि का संग्रहण किया गया है और लोक लेखा खाते में नहीं डाली गई उसे आगे के वर्ष में डाल दिया जायेगा। यह राशि भारत के संचित निधि कोष में बनी रही जहां इसका इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिये हुआ। इससे केन्द्र की राजस्व प्राप्तियां बढ़ गई और राजकोषीय घाटा कम हुआ।

कैग ने इस मामले में वित्त मंत्रालय से तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने कहा है। क्योंकि इसके बाद के वर्षों में संबंधित खाते में राशि का हस्तांतरण उस वर्ष के संसाधनों का विनियोजन करना होगा और इसके लिये संसद की अनुमति लेनी होगी।

CAG
GST
Goods and Services Tax
Nirmala Sitharaman
Narendra modi
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • language
    न्यूज़क्लिक टीम
    बहुभाषी भारत में केवल एक राष्ट्र भाषा नहीं हो सकती
    05 May 2022
    क्या हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देना चाहिए? भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष से लेकर अब तक हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की जद्दोजहद कैसी रही है? अगर हिंदी राष्ट्रभाषा के तौर पर नहीं बनेगी तो अंग्रेजी का…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    "राजनीतिक रोटी" सेकने के लिए लाउडस्पीकर को बनाया जा रहा मुद्दा?
    05 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार सवाल उठा रहे हैं कि देश में बढ़ते साम्प्रदायिकता से आखिर फ़ायदा किसका हो रहा है।
  • चमन लाल
    भगत सिंह पर लिखी नई पुस्तक औपनिवेशिक भारत में बर्तानवी कानून के शासन को झूठा करार देती है 
    05 May 2022
    द एग्ज़िक्युशन ऑफ़ भगत सिंह: लीगल हेरेसीज़ ऑफ़ द राज में महान स्वतंत्रता सेनानी के झूठे मुकदमे का पर्दाफ़ाश किया गया है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    गर्भपात प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट के लीक हुए ड्राफ़्ट से अमेरिका में आया भूचाल
    05 May 2022
    राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने वाला फ़ैसला आता है, तो एक ही जेंडर में शादी करने जैसे दूसरे अधिकार भी ख़तरे में पड़ सकते हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    अंकुश के बावजूद ओजोन-नष्ट करने वाले हाइड्रो क्लोरोफ्लोरोकार्बन की वायुमंडल में वृद्धि
    05 May 2022
    हाल के एक आकलन में कहा गया है कि 2017 और 2021 की अवधि के बीच हर साल एचसीएफसी-141बी का उत्सर्जन बढ़ा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License