NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
शर्मनाक : नकली तस्वीरों के खेल से सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश!
मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों और कोरोना संकट से निपट पाने में उसकी नाकामी के विरोध में हुए प्रदर्शन की तस्वीरों को फोटोशॉप कर भारतीय सेना विरोधी नारे दिखाए जा रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Jun 2020
sitaram fake news

फ़ेक न्यूज़ यानी झूठी ख़बरें भाजपा शासन में आम बात हो गयी हैंI अमूमन यह झूठ सत्ताधारियों के साथ खड़े लोगों की और से ही फैलाया जाता दिखता हैI इसी कड़ी में नई झूठी ख़बर 16 जून को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार की जनता विरोधी नीतियों और कोरोना संकट से निपट पाने में उसकी नाकामी के विरोध में हुए एक प्रदर्शन से जुड़ी हैI इस विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य पोलितब्यूरो सदस्यों की तस्वीरों को फोटोशॉप कर उनके हाथों में भारतीय सेना विरोधी नारे दिखाए जा रहे हैंI

इन तस्वीरों का झूठ खुद पार्टी के फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर उजागर किया गयाI

 twitwr.PNG

इसके बावजूद ये नकली तस्वीरें व्हाट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से लगातार फैलाई जा रही हैंI यहाँ तक की बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर कौशल मिश्रा ने भी अपने फेसबुक अकाउंट पर इन तस्वीरों को साझा कर जनता के बीच माकपा नेताओं की छवि खराब करने और उनके ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने का काम कियाI उन्होंने फिलहाल अपना वह पोस्ट फेसबुक से हटा दिया हैI  

दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में प्राध्यापक राजीव कुँवर ने बीएचयू के प्रोफेसर के पोस्ट और अपने कॉलेज के शिक्षकों के व्हाट्सऐप ग्रुप में साझा किए गए इसी तरह के एक संदेश को फेसबुक पर साझा कर झूठ फ़ैलाने की इस कोशिश का पर्दाफाश कियाI 

facebook.PNG

न्यूज़क्लिक से इस विषय पर बात करते हुए राजीव कुँवर ने कहा की, “यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैI जब देश एक और कोरोना संकट से जूझ रहा है और दूसरी और हमारे सैनिकों की दर्दनाक मौत हुई हैI ऐसे में भाजपा सरकार को देश में एकजुटता कायम करनी चाहिएI एक तरफ तो सरकार सर्व-दलीय बैठक की बात कर रही है और दूसरी और भाजपा अपने आईटी सेल इस तरह का प्रचार करवा रही है, यह तो सरासर देश को तोड़ने का काम हैI और इस सब में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों का भी शामिल होना निहायती शर्मनाक बात हैI इसकी भरसक निंदा की जानी चाहिए और इन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिएI”

104106222_3153243524734863_682111979926341009_o.jpg

माकपा ने मोदी सरकार की घोर जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ 16 जून 2020 को एक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी कीI इस विरोध के द्वारा कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए लागू किए गए बेतरतीब लॉकडाउन और उससे भी बेतरतीब तरह से इसे हटाकर मोदी सरकार देश की जनता की ज़िंदगी से किस तरह खेल रही है, उसे सबके सामने रखा गयाI लॉकडाउन की वजह से इन तीन महीनों में करोड़ों लोगों की नौकरियाँ गयीं हैं और प्रवासी मज़दूरों को किस तरह हज़ारों किलोमीटर का सफ़र तय कर अपने घरों तक पहुँचना पड़ा वो तो सारी दुनिया ने देखाI लॉकडाउन से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था बुरे हाल में थी और इसके बाद तो यह और जर्जर हो गयी हैI साथ ही देश में कोविड-19 के मामले लगातार तेज़ी से बढ़ रहे हैंI इन सबसे ज़ाहिर होता है कि सरकार हर फ्रंट पर नाकाम रही हैI ऐसे में मज़दूरों के बारे में सोचने की बजाय मोदी सरकार और भाजपा की राज्य सरकारें श्रम क़ानूनों में मज़दूर-विरोधी बदलाव कर रही हैंI प्रधानमंत्री ने बड़े ज़ोर-शोर से आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात की लेकिन इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोला जा रहा हैI इसका उदाहरण है कि देश में कोयला की खुदाई को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गयाI

माकपा का विरोध इन तमाम क़दमों के खिलाफ थाI पार्टी ने चार प्रमुख माँगे रखीं – (1) कर सीमा से बाहर जो लोग हैं उन्हें अगले 6 महीने तक 7,500 रूपये प्रति माह दिया जाए (2) अगले 6 महीने तक सभी को 10 किलोग्राम अनाज मुफ्त बाँटा जाए (3) मनरेगा के तहत कम-से-कम 200 दिन का रोज़गार सुनिश्चित किया जाये (4) राष्ट्रीय धरोहरों को निजी क्षेत्र के लिए खोलकर उनकी लूट बंद की जायेI

राजीव कुँवर सहित अन्य लोगों का भी कहना है कि संकट के समय जो भी जनता की बात कर रहा है, उसे दबाने के लिए आईटी सेल द्वारा इसी तरह बदनाम करने की साज़िश रच रही है।

 इसे पढ़ें :  ग़रीब जनता के लिए राशन, काम और नक़दी की मांग को लेकर सीपीएम का देशव्यापी प्रदर्शन 

Sitaram yechury
fake news
CPM
RSS
BJP IT cell

Related Stories

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !

कांग्रेस का संकट लोगों से जुड़ाव का नुक़सान भर नहीं, संगठनात्मक भी है

कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...

पीएम मोदी को नेहरू से इतनी दिक़्क़त क्यों है?

कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License