NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
कर्मचारियों और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी बंदरगाहों पर इज़रायली शिप को रोका
एक राष्ट्रव्यापी अभियान में हजारों प्रदर्शनकारियों ने कैलिफोर्निया में ऑकलैंड, वाशिंगटन में सिएटल और न्यूयॉर्क जैसे बंदरगाहों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए संचालन को बाधित किया और इजरायली कार्गो कंपनियों द्वारा संचालित जहाजों को बंदरगाह पर खड़ा होने से रोक दिया।
पीपल्स डिस्पैच
07 Jun 2021
कर्मचारियों और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी बंदरगाहों पर इज़रायली शिप को रोका

फ़िलिस्तीनियों पर अपराधों के लिए इजरायल को जवाबदेह ठहराने के लिए एक्टिविस्ट और कर्मचारियों के संगठनों ने इजरायल के शिप के प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर पिकेट लगा दी हैं। "ब्लॉक द बोट" के एक राष्ट्रव्यापी अभियान में कई हजारों प्रदर्शनकारियों ने कैलिफोर्निया में ऑकलैंड, वाशिंगटन में सिएटल और न्यूयॉर्क जैसे बंदरगाहों में विरोध प्रदर्शन करते हुए संचालन को बाधित किया है और इजरायली कार्गो कंपनियों द्वारा संचालित जहाजों को बंदरगाह पर खड़ा करने में बाधा डाली।

शनिवार 5 जून को दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनियों में से एक जिम इंटीग्रेटेड शिपिंग सर्विसेज लिमिटेड द्वारा संचालित दूसरे जहाज को बंदरगाह पर खड़ा किए बिना पोर्ट ऑफ ऑकलैंड छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। जहाजों के खड़ा करने से रोकने में करीब 1,000 से अधिक लोग बंदरगाह पर दिखे। गाजा और वेस्ट बैंक पर इजरायली हिंसा और फिलिस्तीन विरोधी रंगभेद के खिलाफ फिलिस्तीन जनरल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियनों द्वारा किए गए आम हड़ताल के आह्वान पर बंदरगाह के कर्मियों के यूनियन की प्रतिक्रिया के बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा 2 जून को पहला जहाज वापस भेजा गया था।

पिकेट लाइन को इंटरनेशनल लॉन्गशोर एंड वेयरहाउस यूनियन (आईएलडब्ल्यूयू लोकल 10) के ऑकलैंड डॉकवर्कर्स चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया था जबकि ओकलैंड के धरना का आह्वान ब्लॉक द बोट द्वारा किया गया था। ब्लॉक द बोट एक गठबंधन है जिसे अरब रिसोर्स एंड ऑर्गेनाइजिंग सेंटर (एआरओसी) द्वारा शुरू किया गया था और 30 से अधिक संगठनों द्वारा समर्थित है।

इस धरना का समर्थन करने वाले संगठनों में एएनएसडब्ल्यूईआर गठबंधन, पैलेस्टिनियन यूथ मूवमेंट, जेविश वॉयस फॉर पीस, एंटी-पुलिस टेरर प्रोजेक्ट, कैटालिस्ट प्रोजेक्ट, जनरल यूनियन पैलेस्टाइन स्टूडेंट्स, डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ऑफ अमेरिका- एसएफ एंड ईस्ट बे, समीडून पैलेस्टिनियन प्रिजनर सॉलिडरिटी नेटवर्क, पार्टी फॉर सोशलिज्म एंड लिबरेशन, पैलेस्टिनियन एक्शन नेटवर्क, काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस - बे एरिया, क्विट - क्वियर्स अंडरमिनिंग इजरायल टेररिज्म, यूएसपीसीएन- यूएस पैलेस्टिनियन कम्युनिटी नेटवर्क, नेशनल लॉयर्स गिल्ड-बे एरिया, इंटरनेशनल जेविश एंटी-जियोनिस्ट नेटवर्क और अन्य संगठनें शामिल हैं।

इस बीच, न्यूयॉर्क सिटी पुलिस न्यूयॉर्क के बंदरगाह से पीछे हट गई जहां सैकड़ों सामुदायिक आयोजकों और ट्रेड यूनियनों ने एक अन्य इजरायली मालवाहक जहाज के निर्धारित आगमन से पहले डॉक पर धावा बोल दिया। शांतिपूर्ण और निहत्थे प्रदर्शनकारियों के बीच दर्जनों पुलिस अधिकारियों और बख्तरबंद वाहनों को भेजा गया और न्यू यॉर्क सिटी और न्यू जर्सी की पुलिस धरना देने वालों को बंदरगाह में प्रवेश करने से रोक रही थी।

America
Palestine
Israel
ILWU

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

यूक्रेन में छिड़े युद्ध और रूस पर लगे प्रतिबंध का मूल्यांकन

पड़ताल दुनिया भर कीः पाक में सत्ता पलट, श्रीलंका में भीषण संकट, अमेरिका और IMF का खेल?

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License