NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
खेल
अंतरराष्ट्रीय
यूरो 2020: जीत को लेकर इटली में खुशी, लेकिन हार से ज़्यादा नस्लीय टिप्पणियों से शर्मसार हुआ इंग्लैंड
हार के बाद इंग्लैंड ग़म में डूब गया है। बुरी बात यह हुई कि इस हार को लेकर इंग्लैंड के तीन ब्लैक खिलाड़ियों को नस्ली टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। बिट्रेन के फुटबॉल संघ और प्रधानमंत्री ने इस व्यवहार की कड़ी आलोचना की है।
एपी
12 Jul 2021
यूरो 2020: जीत को लेकर इटली में खुशी, लेकिन हार से ज़्यादा नस्लीय टिप्पणियों से शर्मसार हुआ इंग्लैंड

रोम: इटली ने यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के खिताब का जश्न न सिर्फ अपनी युवा राष्ट्रीय टीम बल्कि एक ऐसे देश के लिये भी नयी शुरुआत के रूप में मनाया जो कोरोना वायरस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित होने के बाद अब सामान्य स्थिति में लौटने की कोशिश कर रहा है।

इटली की लंदन के वेम्बले स्टेडियम में इंग्लैंड पर पेनल्टी शूटआउट में जीत के बाद पूरा देश खुशी से झूम उठा। कोई कार के हार्न बजाकर अपनी खुशी व्यक्त कर रहा था तो कोई आतिशबाजी के साथ जश्न मना रहा था। रात में इटली की सड़कों की रौनक देखते ही बनती थी। लोग गा रहे थे और झूम रहे थे।

आखिर 2006 के विश्व कप के बाद पहली बार देश ने कोई बड़ा टूर्नामेंट जीता था। आखिर पिछले विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद इटली यूरोपीय चैंपियन बन गया था।

रोम में बड़ी स्क्रीन पर मैच देखने वाले 29 वर्षीय फैब्रिजियो गालियानो ने कहा, ‘‘हम पिछले डेढ़ वर्ष में मुश्किल दौर से गुजरे हैं। एक ऐसा दौर जिसमें दुनिया के अन्य देशों की तरह हम भी बुरी तरह आहत रहे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह खिताब हमारे लिये काफी मायने रखता है। खेल हमें एकजुट करता है। आखिर हमें वह खुशी मिली जो कहीं खो गयी थी।’’

अधिकतर इतालवी लोग यूरोपीय चैंपियनशिप की जीत को देश के लिये अच्छी शुरुआत के रूप में देख रहे हैं जो पिछले 16 महीनों में महामारी और लॉकडाउन के दर्द झेलता रहा।

इटली एशिया के बाहर पहला देश था जो कोविड-19 के कारण बहुत अधिक प्रभावित रहा। पिछले साल एक दौर ऐसा भी था जबकि अस्पतालों में जगह नहीं थी और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इटली में 127,000 लोगों की जान गयी जो यूरोपीय यूनियन के 27 देशों में सर्वाधिक है।

मिलान की 30 वर्षीय मिशेला सोफनेली ने कहा, ‘‘यह हर किसी के लिये मुश्किल वर्ष था लेकिन हमारे लिये यह बेहद मुश्किल था क्योंकि महामारी से प्रभावित होने वाला हमारा पहला देश था। यह जीत नयी शुरुआत का संकेत है। ’’

वायरस से जुड़े अधिकतर प्रतिबंध हटा दिये गये हैं, जो प्रतिबंध हैं उन्हें इटली के प्रशंसकों ने नजरअंदाज किया। वे सड़कों पर नाच रहे थे और गा रहे थे, ‘हम यूरोप के चैंपियन हैं। ’’

यूरो 2020: रोनाल्डो ने ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार किया हासिल

लंदन: पुर्तगाल के स्टार स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप में सर्वाधिक पांच गोल करके ‘गोल्डन बूट’ का पुरस्कार हासिल किया।

चेक गणराज्य के फारवर्ड पैट्रिक सीक ने भी रोनाल्डो के बराबर पांच गोल किये थे लेकिन पुर्तगाल के दिग्गज खिलाड़ी ने एक गोल करने में मदद भी की थी जिसके कारण उन्हें यह पुरस्कार मिला।

पुर्तगाल टूर्नामेंट के अंतिम 16 में बेल्जियम से 0-1 से हारकर बाहर हो गया था।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर नस्ली टिप्पणी की निंदा की

लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को इंग्लैंड के तीन ब्लैक खिलाड़ियों के प्रति नस्ली टिप्पणी की निंदा की जो यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में पेनल्टी शूट आउट में इटली के खिलाफ गोल करने से चूक गए थे।

जॉनसन ने ट्वीट किया कि ‘‘इस तरह के घटिया दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए।’’

रविवार रात हुए फाइनल में मार्कस रशफोर्ड की पेनल्टी गोल पोस्ट से टकरा गई थी जबकि बुकायो साका और जेडन सांचो की पेनल्टी को इटली के गोलकीपर ने रोक दिया। नियमित और अतिरिक्त समय में मुकाबला 1-1 से बराबर रहने के बाद इटली ने पेनल्टी शूट आउट में 3-2 से जीत दर्ज की।

उन्नीस साल के साका निर्णायक पेनल्टी को गोल में बदलने में नाकाम रहे जिससे इटली ने खिताब जीता और इंग्लैंड की टीम 1966 विश्व कप के बाद अपना पहला बड़ा खिताब जीतने में नाकाम रही।

इन तीनों खिलाड़ियों को तुरंत ही सोशल मीडिया पर नस्ली दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।

इंग्लैंड के फुटबॉल संघ ने बयान जारी करके कहा कि वे इस ‘घटिया बर्ताव’ से स्तब्ध हैं।

लंदन पुलिस ने ‘अस्वीकार्य’ दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि वे ‘आक्रामक और नस्ली’ सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करेंगे।

लंदन के मेयर सादिक खान ने सोशल मीडिया कंपनियों से अपील की कि वे जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए अधिक कदम उठाएं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘फुटबॉल या कहीं और नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है। घटिया आनलाइन दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए और सोशल मीडिया कंपनियों को इस नफरत से बचने और हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।’’

Euro 2020
italy
England
UEFA Euro 2020
Racism

Related Stories

यूरो फाइनल : इंग्लैंड के पास 55 साल के ज़ख़्मों पर मरहम लगाने का मौका


बाकी खबरें

  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    धर्म के नाम पर काशी-मथुरा का शुद्ध सियासी-प्रपंच और कानून का कोण
    19 May 2022
    ज्ञानवापी विवाद के बाद मथुरा को भी गरमाने की कोशिश शुरू हो गयी है. क्या यह धर्म भावना है? क्या यह धार्मिक मांग है या शुद्ध राजनीतिक अभियान है? सन् 1991 के धर्मस्थल विशेष प्रोविजन कानून के रहते क्या…
  • hemant soren
    अनिल अंशुमन
    झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार
    18 May 2022
    एक ओर, राज्यपाल द्वारा हेमंत सोरेन सरकार के कई अहम फैसलों पर मुहर नहीं लगाई गई है, वहीं दूसरी ओर, हेमंत सोरेन सरकार ने पिछली भाजपा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार-घोटाला मामलों की न्यायिक जांच के आदेश…
  • सोनिया यादव
    असम में बाढ़ का कहर जारी, नियति बनती आपदा की क्या है वजह?
    18 May 2022
    असम में हर साल बाढ़ के कारण भारी तबाही होती है। प्रशासन बाढ़ की रोकथाम के लिए मौजूद सरकारी योजनाओं को समय पर लागू तक नहीं कर पाता, जिससे आम जन को ख़ासी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड : क्या मज़दूरों की जान की कोई क़ीमत नहीं?
    18 May 2022
    मुंडका, अनाज मंडी, करोल बाग़ और दिल्ली के तमाम इलाकों में बनी ग़ैरकानूनी फ़ैक्टरियों में काम कर रहे मज़दूर एक दिन अचानक लगी आग का शिकार हो जाते हैं और उनकी जान चली जाती है। न्यूज़क्लिक के इस वीडियो में…
  • inflation
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब 'ज्ञानवापी' पर हो चर्चा, तब महंगाई की किसको परवाह?
    18 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकार के पास महंगाई रोकने का कोई ज़रिया नहीं है जो देश को धार्मिक बटवारे की तरफ धकेला जा रहा है?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License