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कश्मीर दौरे पर यूरोपियन यूनियन के सांसदों का दल, विपक्ष हुआ हमलावर
अनुच्‍छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा है। यूरोपियन सांसदों के दौरे को लेकर केंद्र सरकार पर विपक्ष के बड़े नेता हमलावर हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Oct 2019
kashmir and european union
Image courtesy: Skystatement

नई दिल्ली: अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के पहले कश्मीर दौरे के तहत 27 यूरोपीय सांसदों का एक दल मंगलवार को वहां की यात्रा कर पर है।  मंगलवार सुबह करीब 8 बजे सांसदों का यह दल दिल्ली से श्रीनगर के लिए रवाना हुआ। घाटी की स्थिति के बारे में पाकिस्तानी दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए सरकार की यह एक बड़ी कूटनीतिक पहल है जिसके तहत उन्हें विकास और शासन को लेकर भारत की प्राथमिकताओं के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।

यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से उन्हें बताया कि आतंकवाद का समर्थन और उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। इधर, विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह यूरोपीय सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे रही है लेकिन भारतीय नेताओं को ऐसा करने से रोक रही है जो भारत के लोकतंत्र और इसकी संप्रभुता का अपमान है।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'उम्मीद है कि उन्हें लोगों, स्थानीय मीडिया, डॉक्टरों और नागरिक समाज के सदस्यों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। कश्मीर और दुनिया के बीच के लोहे के आवरण को हटाने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर को अशांति की ओर धकेलने के लिए भारत सरकार को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।’ उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों को अनुमति नहीं देने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया। महबूबा अभी नजरबंदी में हैं।

If scrapping Article 370 integrated J&K into India, why is Shri Rahul Gandhi barred from visiting Kashmir? Instead, a group of far right & fascist leanings EU MPs is allowed by GOI. Your ticket to Kashmir is possible only if you’re a fascist with a visceral hatred for muslims

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 28, 2019

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारतीय सांसदों को रोकना और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देना ‘अनोखा राष्ट्रवाद’ है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कश्मीर में यूरोपीय सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत.... लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुँचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया!यह बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है।'

कश्मीर में यूरोपियन सांसदों को सैर-सपाटा और हस्तक्षेप की इजाजत लेकिन भारतीय सांसदों और नेताओं को पहुँचते ही हवाई अड्डे से वापस भेजा गया!

बड़ा अनोखा राष्ट्रवाद है यह।https://t.co/hAHVigzGFU

— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 29, 2019

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में 'कुछ न कुछ बहुत गलत है।' उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यूरोप से आए सांसदों का जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के लिए स्वागत है जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है। कुछ न कुछ ऐसा है जो बहुत गलत है।'

MPs from Europe are welcome to go on a guided tour of Jammu & #Kashmir while Indian MPs are banned & denied entry.

There is something very wrong with that.https://t.co/rz0jffrMhJ

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2019

बीएसपी सुप्रीमो ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जम्मू-कश्मीर भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।

उधर, बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने भी केंद्र सरकार के ईयू सांसदों को कश्मीर भेजने के फैसले पर हैरानी जताई है। स्वामी ने ट्वीट किया, 'मुझे आश्चर्य है कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए जम्मू-कश्मीर के कश्मीर क्षेत्र के दौरा की व्यवस्था की है। यह निजी यात्रा है (यूरोपीय संघ का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं) । यह हमारी राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है। मैं सरकार से इस यात्रा को रद्द करने का आग्रह करता हूं क्योंकि यह अनैतिक है।'

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, ‘यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए सरकार की ओर से रेड कार्पेट बिछाया जाना और उन्हें जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए आमंत्रित करना भारतीय संसद की संप्रभुता और सांसदों के विशेषाधिकार का अपमान है।’

पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मुलाकात करने से रोक दिया गया तो फिर राष्ट्रवाद का चैम्पियन होने का दावा करने वालों ने यूरोपीय नेताओं को किस वजह से जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की इजाजत दी ?’

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरे से शिष्‍टमंडल को जम्‍मू, कश्‍मीर और लद्दाख क्षेत्र की सांस्‍कृतिक एवं धार्मिक विविधता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही वे इस क्षेत्र के विकास एवं शासन से संबंधित प्राथमिकताओं की सही स्थिति से अवगत होंगे।

सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा। दो दिवसीय यात्रा के दौरान, वे राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। उनके मीडिया के साथ बातचीत करने की भी संभावना है।

प्रतिनिधिमंडल में इटली के फुल्वियो मार्तुसिएलो, ब्रिटेन के डेविड रिचर्ड बुल, इटली की जियाना गैंसिया, फ्रांस की जूली लेंचेक, चेक गणराज्य के टामस डेकोवस्की, स्लोवाकिया के पीटर पोलाक और जर्मनी के निकोलस फेस्ट शामिल हैं।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कश्मीर यात्रा करने वाले यूरोपीय सांसदों में कई दक्षिणपंथी और इस्लाम विरोधी पार्टियों के हैं।

 

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European Union MPs' team on Kashmir tour
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