NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
यूरोपीय संघ अपनी सुरक्षा नीति में अमेरिकी हस्तक्षेप कम करना चाहता है
विरोध प्रदर्शन के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने नाटो के लिए एक विकल्प का प्रस्ताव रखा है जो सुरक्षा को लेकर यूरोपीय संघ-अमेरिका के बीच दरार का संकेत देता है। प्रदर्शनकारियों ने इसे युद्धोन्मादी सम्मेलन कहा है।
पीपल्स डिस्पैच
17 Feb 2020
anti-nato protest-Munich
शनिवार को म्यूनिख में 5000 लोगों ने मार्च किया।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने जर्मनी में आयोजित वार्षिक म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में यूरोपीय संघ (ईयू) के लिए अधिक स्वतंत्रता का मामला उठाया है। वे शीत युद्ध की स्थिति को लेकर आलोचनात्मक थें जिस दौरान यूरोप की परमाणु शक्ति को अमेरिका द्वारा नियंत्रित किया गया था। यह सम्मेलन 14 से 16 फरवरी के बीच तीन दिनों तक चला।

नाटो से इतर स्वतंत्र रुप से कार्रवाई करने में सक्षम बताते हुए मैक्रॉन ने यूरोपीय संघ को एक बड़े समूह के रूप में पेश किया। नाटो एक अमेरिकी नेतृत्व वाला समूह है जिसका यूरोपीय देशों की सुरक्षा पर अधिक नियंत्रण है।

इस बीच, शनिवार 15 फरवरी को युद्धोन्माद पैदा करने वाला मंच करार देते हुए हजारों लोगों ने शहर में इस सम्मेलन के खिलाफ मार्च किया। 5000 से अधिक लोग युद्ध-विरोधी, नाटो-विरोधी संगठनों द्वारा बुलाए गए इस मार्च में शामिल हुए। लोगों ने इसे यूरोपीय संघ और नाटो के युद्धोन्मादी की बैठक करार दिया है। जर्मन कम्युनिस्ट पार्टी (डीकेपी), सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स यूथ (एसडीएजे), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ ग्रीस (केकेई), तुर्की कम्युनिस्ट पार्टी (टीकेपी, आदि के कार्यकर्ता भी इस विरोध में शामिल हुए। रप्टली ने रिपोर्ट किया कि सुरक्षा बलों ने इस रैली को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश की।

शनिवार के मार्च में शामिल कम्युनिस्ट पार्टियों सहित 'रेड ब्लॉक' ने साम्राज्यवाद, युद्ध और उड़ान को समाप्त करने का आह्वान किया है! उन्होंने जर्मन सरकार से सैन्यकरण और यूरोपीय संघ-नाटो के युद्ध गतिविधियों (सामाजिक खर्च में कटौती करके) को अपना फंडिंग रोकने के लिए कहा। रेड ब्लॉक ने अमेरिका-यूरोपीय संघ की सेनाओं द्वारा डिफेंडर यूरोप 2020 सैन्य अभ्यास के खिलाफ अपना विरोध भी जताया और रूस तथा चीन के साथ शांति का आह्वान किया।

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर एक वार्षिक सम्मेलन है जो 1963 से म्यूनिख में आयोजित किया गया है। इस वर्ष के तीन दिवसीय सम्मेलन में दुनिया भर के विभिन्न देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने चीन-विरोधी प्रचार के लिए इस मंच का इस्तेमाल किया जिसे चीन द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। 
साभार : पीपल्स डिस्पैच

Anti-nato protest-Munich
European Union
America
Donand Trump
France
Emmanuel Macron

Related Stories

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

यूक्रेन में संघर्ष के चलते यूरोप में राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 

रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 

क्या दुनिया डॉलर की ग़ुलाम है?

मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी

फ्रांस में मैक्राँ की जीत से दुनियाभर में राहत की सांस

नाटो देशों ने यूक्रेन को और हथियारों की आपूर्ति के लिए कसी कमर


बाकी खबरें

  • left
    अनिल अंशुमन
    झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान
    01 Jun 2022
    बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने दोनों राज्यों में अपना विरोध सप्ताह अभियान शुरू कर दिया है।
  • Changes
    रवि शंकर दुबे
    ध्यान देने वाली बात: 1 जून से आपकी जेब पर अतिरिक्त ख़र्च
    01 Jun 2022
    वाहनों के बीमा समेत कई चीज़ों में बदलाव से एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। इसके अलावा ग़रीबों के राशन समेत कई चीज़ों में बड़ा बदलाव किया गया है।
  • Denmark
    पीपल्स डिस्पैच
    डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान
    01 Jun 2022
    वर्तमान में जारी रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में, यूरोपीय संघ के समर्थक वर्गों के द्वारा डेनमार्क का सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने की नीति को समाप्त करने और देश को ईयू की रक्षा संरचनाओं और सैन्य…
  • सत्यम् तिवारी
    अलीगढ़ : कॉलेज में नमाज़ पढ़ने वाले शिक्षक को 1 महीने की छुट्टी पर भेजा, प्रिंसिपल ने कहा, "ऐसी गतिविधि बर्दाश्त नहीं"
    01 Jun 2022
    अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय कॉलेज के एस आर ख़ालिद का कॉलेज के पार्क में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी ने उन पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की मांग की थी। कॉलेज की जांच कमेटी गुरुवार तक अपनी…
  • भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    मुंह का कैंसर दुनिया भर में सबसे आम ग़ैर-संचारी रोगों में से एक है। भारत में पुरूषों में सबसे ज़्यादा सामान्य कैंसर मुंह का कैंसर है जो मुख्य रूप से धुआं रहित तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License