NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
SC ST OBC
भारत
राजनीति
देश में दलितों पर हर चौथा अपराध उत्तर प्रदेश में होता है
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 में 6,28,578 आपराधिक मामले दर्ज़ किये गये। वर्ष 2017 में ये आंकड़ा 3,10,084 था। यानि अपराध के मामलों में कमी नहीं बल्कि दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। जबकि योगी सरकार दावा कर रही है कि मामलों में 25% से 75% तक की कमी हुई है।
राज कुमार
12 Aug 2021
देश में दलितों पर हर चौथा अपराध उत्तर प्रदेश में होता है

उत्तर प्रदेश में चुनाव का मौसम है और प्रचार अभियान ज़ोरों पर है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए ढेरों दावे कर रही है। पिछले चार साल की उपलब्धियां गिना रही है। इसी सिलसिले में प्रदेश में कानून-व्यवस्था के संदर्भ में एक अजीब दावा भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जा रहा है। भाजपा उत्तर प्रदेश के आधिकारिक अकाउंट से एक वीडियो ट्वीट किया गया है जिसमें दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराध की घटनाओं में 25% से 70% की गिरावट आई है और योगी सरकार का काम दमदार रहा है। दलितों को न्याय मिला है और सूबे में अमन चैन है। आप इस लिंक पर क्लिक कर के भाजपा उत्तर प्रदेश का ये वीडियो देख सकते हैं। 

आइये, अब इस दावे की पड़ताल करते हैं और देखते हैं कि क्या सचमुच प्रदेश में अमन-चैन है और बाकि राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश कहां ठहरता है?

कानून को अपने हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं है, फिर चाहे वो जो भी हो...#BJP4UP pic.twitter.com/5H1ivQ7qQV

— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) August 11, 2021

उत्तर प्रदेश और अपराध के आंकड़े

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को समझने के लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वर्ष 2019 की रिपोर्ट को देखते हैं। आर्काइव लिंक। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में हुए हैं। यानी अपराध के मामले में यूपी “नंबर वन” है। यूपी में वर्ष 2019 में 6,28,578 आपराधिक मामले दर्ज़ किये गये। वर्ष 2017 में ये आंकड़ा 3,10,084 था। यानि अपराध के मामलों में कमी नहीं बल्कि दोगुनी बढ़ोतरी हुई है। जबकि योगी सरकार दावा कर रही है कि मामलों में 25% से 75% तक की कमी हुई है। 

हालांकि कुछ अपराधों के आंकड़ों में रिपोर्ट में कमी भी दर्ज़ की गई है। लेकिन इसके बावजूद भी इन अपराधों में यूपी “नंबर वन” की पोज़ीशन पर बना हुआ है। उदाहरण के तौर पर वर्ष 2017 में अपहरण के कुल 19,921 मामले दर्ज़ हुए जबकि वर्ष 2019 में 16,590 मामले दर्ज़ किए गए। लेकिन इस कमी के बावजूद उत्तर प्रदेश अपहरण के मामलों में देश मे “नंबर वन” की पोज़ीशन पर बना हुआ है। इसी प्रकार हत्या के 3,806 मामलों के साथ देश में “नंबर वन” है। लूट और डकैती के 4,213 मामलों के साथ देश में पांचवें स्थान पर है।

महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की स्थिति

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है बल्कि बढ़ोतरी हुई है। यूपी वर्ष 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 56,011 मामले दर्ज़ हुए थे, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 59,853 हो गए। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में यूपी वर्ष 2017 में भी “नंबर वन” पर था और वर्ष 2019 में भी “नंबर वन” की पोज़ीशन पर कायम रहा। सूबे में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज़ किए गए हैं और यूपी इस अपराध में देश में दूसरे नंबर पर है।

दलितों के ख़िलाफ़ अपराध की स्थिति

दलितों के खिलाफ अपराध के मामलों में कोई कमी दर्ज़ नहीं की गई है, बल्कि इस मामले में उत्तर प्रदेश “नंबर वन” की पोज़ीशन पर है। वर्ष 2017 में दलितों के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 11,444 था, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 11,829 हो गया। देश में दलितों के खिलाफ होने वाले अपराधों में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 25.8% है। यानी दलितों पर हर चौथा अपराध उत्तर प्रदेश में होता है।

image

मुख्यमंत्री का फ़र्ज़ी दावा

केवल भाजपा का ट्वीट ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खुद भी कानून व्यवस्था के संदर्भ में झूठे दावे किये गये हैं। 19 मार्च 2021 को सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया कि पिछले चार साल में उत्तर प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है। आज तक की वेबसाइट पर इस वीडियो को 06:20 पर सुनें। जबकि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में दंगों के कुल 5,714 मामले दर्ज़ किए गए हैं। उत्तर प्रदेश दंगों के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भाजपा और योगी आदित्यनाथ के दावों का समर्थन नहीं करते हैं। दावे गलत और भ्रामक हैं।
 

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। वे सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।)

UttarPradesh
Dalits
Attack on dalits
Yogi Adityanath
yogi government
CRIMES IN UP

Related Stories

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

विचारों की लड़ाई: पीतल से बना अंबेडकर सिक्का बनाम लोहे से बना स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग

मेरे लेखन का उद्देश्य मूलरूप से दलित और स्त्री विमर्श है: सुशीला टाकभौरे


बाकी खबरें

  • समीना खान
    ज़ैन अब्बास की मौत के साथ थम गया सवालों का एक सिलसिला भी
    16 May 2022
    14 मई 2022 डाक्टर ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रीशन की पढ़ाई कर रहे डॉक्टर ज़ैन अब्बास ने ख़ुदकुशी कर ली। अपनी मौत से पहले ज़ैन कमरे की दीवार पर बस इतना लिख जाते हैं- ''आज की रात राक़िम की आख़िरी रात है। " (राक़िम-…
  • लाल बहादुर सिंह
    शिक्षा को बचाने की लड़ाई हमारी युवापीढ़ी और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई का ज़रूरी मोर्चा
    16 May 2022
    इस दिशा में 27 मई को सभी वाम-लोकतांत्रिक छात्र-युवा-शिक्षक संगठनों के संयुक्त मंच AIFRTE की ओर से दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित कन्वेंशन स्वागत योग्य पहल है।
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!
    16 May 2022
    फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि किसान का बेटा भी एक फिल्म बना सके।
  • वर्षा सिंह
    उत्तराखंड: क्षमता से अधिक पर्यटक, हिमालयी पारिस्थितकीय के लिए ख़तरा!
    16 May 2022
    “किसी स्थान की वहनीय क्षमता (carrying capacity) को समझना अनिवार्य है। चाहे चार धाम हो या मसूरी-नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल। हमें इन जगहों की वहनीय क्षमता के लिहाज से ही पर्यटन करना चाहिए”।
  • बादल सरोज
    कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी
    16 May 2022
    2 और 3 मई की दरमियानी रात मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के गाँव सिमरिया में जो हुआ वह भयानक था। बाहर से गाड़ियों में लदकर पहुंचे बजरंग दल और राम सेना के गुंडा गिरोह ने पहले घर में सोते हुए आदिवासी धनसा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License