NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फेक्ट चेक: बीजेपी की तरफ़ से प्रचार समस्तीपुर का, फोटो सिंगापुर का
यह पहली बार नहीं है जब सुशील कुमार मोदी इस तरह की भ्रामक पोस्ट कर रहे हैं। इससे पहले भी वह इस तरह के दावे और संदेश पोस्ट कर चुके हैं।
राज कुमार
15 Sep 2020
फेक्ट चेक

बिहार के उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने 10 सिंतंबर 2020 को एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है-

“बिहार के समस्तीपुर में 2 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र। ”

इन शब्दों के साथ उन्होंने एक ग्राफिक भी पोस्ट किया है। उनका मूल ट्वीट आप इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं। आर्काइवल लिंक।

Screen Shot 2020-09-14 at 7.49.43 PM.png

इस ग्राफिक में एक फोटो का इस्तेमाल किया गया है। जिसे आप सर्कल में देख सकते हैं। सवाल उठता है कि क्या ये फोटो समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र का है? बिहार का है? भारत का है? क्या है इस फोटो की कहानी, जिस फोटो को समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र की अचीवमेंट के साथ लगाया गया है। तो आइये, पड़ताल शुरु करते हैं।

क्या फोटो समस्तीपुर का है?

जब फोटो के बारे में खोजबीन शुरू की गई तो पाया कि ये फोटो न समस्तीपुर का है, न बिहार का है और न ही भारत का है। ये फोटो सिंगापुर का है। ये फोटो इंटरनेट पर पाकिस्तान की न्यूज़ वेबसाइट पर भी है, रूस की न्यूज़ वेबसाइट पर भी है, हिंदुस्तान की वेबसाइट्सपर भी है, एनजीओ की वेबसाइट्स पर भी है, अंग्रेज़ी की वेबसाइट्स पर भी है और उर्दू की वेबसाइट्स पर भी है।

चार साल पहले 21 जनवरी 2017 को ये पाकिस्तान के एक न्यूज़ पोर्टल उर्दू प्वांइट पर छपा था। 3 जून 2016 को ये पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल समा पर छपा। 26 जुलाई 2017 को एक रूस की वेबसाइट पर छपा। एक रशियन न्यूज पोर्टल पर ये फिर से 14 जून 2019 को छपा। फिर से एक रशियन वेबसाइट पर 30 नवंबर 2018 को छपा। पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल पाकिस्तान टाइम्स में 21 फरवरी 2019 को छपा। 2017 में एक उर्दू की वेबसाइट पर छपा। कृषि जागरण डॉट कॉम पर 12 फरवरी 2020 को हरियाणा की ख़बर के साथ छपा। एक संस्था आस्था फाउंडेशन की वेबसाइट पर भी आप इस फोटो को देख सकते हैं।

image 1_28.JPG

collage 2.JPG

खोजबीन के दौरान पाया कि ये फोटो सिंगापुर का है और पांच साल पुराना है। 1 मार्च 2015 को ये न्यूज़ पोर्टल टुडे ऑनलाइन पर पब्लिश हुआ था। फोटो का क्रेडिट Robin Choo को दिया गया है।

Screen Shot 2020-09-15 at 12.55.14 PM.png

क्या इस फोटो को सरकारी अचीवमेंट वाली पोस्ट के साथ लगाना चाहिये?

इसके लिए ये जानना होगा कि आखिर ये फोटो है किस मौके का। इस फोटो की कहानी क्या है? असल में ये फोटो मछली उत्पादन में बढ़ोतरी या किसी अचीवमेंट का नहीं बल्कि एक दुखद घटना का है। ये फोटो Mr. Phillip Lim के मछली फार्म का है। उनके फार्म की तकरीबन सभी मछलिया मर गई थीं। मात्र यही फार्म नहीं बल्कि सिंगापुर के पूर्वी तटीय इलाके पर हज़ारों मछलियां मारी गई थीं। एक दुखद घटना के फोटो को अचीवमेंट की पोस्ट के साथ नत्थी करना ग़लती ही नहीं बल्कि दुखद भी है।

यह पहली बार नहीं है जब सुशील कुमार मोदी इस तरह की भ्रामक पोस्ट कर रहे हैं। इससे पहले भी वह इस तरह के दावे और संदेश पोस्ट कर चुके हैं।

निष्कर्ष

जांच के दौरान पाया कि ये फोटो समस्तीपुर का नहीं बल्कि सिंगापुर का है और पांच साल पुराना है। बिहार, समस्तीपुर मछली उत्पादन प्रोद्यौगिकी केंद्र के साथ कोई संबंध नहीं है।

इसे पढ़ें : फेक्ट चेक: बिहार में अपराध में गिरावट और आदर्श कानून व्यवस्था के बारे में बीजेपी के दावे की पड़ताल

इसे भी पढ़ें : फेक्ट चेकः क्या सचमुच बिहार पहला राज्य है जो वेटनरी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देता है?

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते रहते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

fact check
BJP
Bihar
bihar samastipur
Sushil Kumar Modi
Bihar Elections

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License