NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़ैक्ट चेकः क्या स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा कि B.1.617 भारतीय वैरियेंट नहीं है, सही है?
मंत्रालय शब्दों के चक्रव्यूह में मुख्य बात को उलझाना चाह रहा है। मंत्रालय का कहना सही है कि रिपोर्ट में कहीं भी “भारतीय” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। लेकिन ये साफ-साफ लिखा है कि B.1.617 वैरियेंट भारत में डिटेक्ट हुआ है।
राज कुमार
12 May 2021
CORONA

स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के हवाले से बहुत सारी मीडिया रिपोर्ट में लिखा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने B.1.617 वैरियेंट को विश्व के लिये चिंता के सबब के तौर पर वर्गीकृत किया है। मीडिया रिपोर्ट में B.1.617 को भारतीय वैरियेंट बताया गया है। ये मीडिया रिपोर्ट निराधार हैं। वास्तव में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में “भारतीय” शब्द तक का इस्तेमाल नहीं किया है।

 मंत्रालय ने इसे ट्वीट भी किया है। आर्काइवल लिंक।

 स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय का दावा

स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय का दावा है कि B.1.617 भारतीय वैरियेंट नहीं है और सभी मीडिया रिपोर्ट निराधार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे भारतीय वैरियेंट नहीं बताया है। आइये इस दावे की पड़ताल करते हैं।

 

क्या है मामला

देश-दुनिया के मेनस्ट्रीम मीडिया ने छापा है कि B.1.617 भारतीय वैरियेंट है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व के लिए चिंता के सबब के तौर पर वर्गीकृत किया है। 11 मई की बीबीसी की ये रिपोर्ट देखिये। 11 मई की ही रॉयटर की ये रिपोर्ट देखिये। इसके अलावा अल जज़ीरा, बिज़नेस स्टैंडर्ड, द इडयन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे सहित ज्यादातर देशी-विदेशी मीडिया ने इसे प्रमुखता से छापा है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ये वैरियेंट विश्व के 44 देशों में फैल चुका है।

जांच-पड़ताल

तमाम मीडिया रिपोर्ट दावा कर रही हैं कि ये भारतीय वैरियेंट B.1.617 है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैशविक चिंता के तौर पर वर्गीकृत किया है। जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय इसका खंडन कर रहा है।

ऐसे में सबसे ज़रूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट को देखा जाए। क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में इसे भारतीय वैरियेंट कहा गया है? हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन की वो रिपोर्ट पढ़ी। जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि B.1.617 वैरियेंट सबसे पहले भारत में डिटेक्ट किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 27 अप्रैल को जारी साप्ताहिक अपडेट रिपोर्ट में तालिका नंबर 2 में साफ-साफ लिखा है कि B.1.617 सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में डिटेक्ट किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ये रिपोर्ट आप इस लिंक से डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं। 

इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के “न्यूज़ अपडेट” सेक्शन में 16 अप्रैल 2021 को Dr. Maria Van Kerkhove ने भी प्रेस कांफ्रेस में कहा कि B.1.617 भारत में डिटेक्ट किया गया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि ये विश्व के लिए चिंता का सबब है।

निष्कर्ष

स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय का ये दावा कि मीडिया रिपोर्ट निराधार हैं, गलत है। मीडिया रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर आधारित हैं। मंत्रालय शब्दों के चक्रव्यूह में मुख्य बात को उलझाना चाह रहा है। मंत्रालय का कहना सही है कि रिपोर्ट में कहीं भी “भारतीय” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन किसी भी वैरियेंट को किसी देश के नाम से नहीं बल्कि उसके वैज्ञानिक नाम से पुकारता है। लेकिन ये साफ-साफ लिखा है कि B.1.617 वैरियेंट भारत में डिटेक्ट हुआ है। इसलिए मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी भ्रामक है।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं। विचार व्यक्तिगत हैं।)

Indian variant
INDIA Health Ministry's
WHO
Coronavirus
COVID-19

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License