NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
फैक्ट चेकः भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के कोरोना की दूसरी लहर के बारे में दावों की सच्चाई
कैलाश विजयवर्गीय दो दावे कर रहे हैं, पहला, कि भारत के पड़ोसी देशों में कोरोना की दूसरी लहर नहीं है और दूसरा, कि कोरोना की दूसरी लहर चीन का भारत पर वायरल वार है। आइये इन दोनों ही दावों की पड़ताल करते हैं।
राज कुमार
29 May 2021
फैक्ट चेकः भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के कोरोना की दूसरी लहर के बारे में दावों की सच्चाई

24 मई को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में कहा कि-

“कोरोना की ये जो दूसरी लहर आई है। ये आई है या भेजी गई है ये एक चर्चा का विषय है। क्योंकि दुनिया में अगर किसी ने चीन को चुनौती दी तो वो भारत ने दी, मोदी जी ने दी। ये चीन का वायरल वार है क्या? इस पर बहस प्रारंभ हो गई है। हमें तो लगता है कि ये चायना का वायरल वार है क्योंकि सिर्फ भारत के अंदर ही दूसरी लहर आई है। लगा हुआ देश बांग्लादेश, वहां नहीं है, पाकिस्तान में नहीं है, श्रीलंका में नहीं है, भूटान में नहीं, अफगानिस्तान में नहीं”।

कैलाश विजयवर्गीय का ये वीडियो आप एबीपी न्यूज़ की वेबसाइट पर इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं। इसके अलावा नवभारत टाइम्स, एनडीटीवी, न्यज 24 आदि वेबसाइट्स पर भी देख सकते हैं।

वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय दो दावे कर रहे हैं। पहला, कि भारत के पड़ोसी देशों में यानी बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान में कोरोना की दूसरी लहर नहीं है। दूसरा, कि कोरोना की दूसरी लहर चीन का भारत पर वायरल वार है। आइये इन दोनों ही दावों की पड़ताल करते हैं।

दावा एकः क्या भारत के पड़ोसी देशों में कोरोना की दूसरी लहर नहीं है?

इसे समझने के लिए हम विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सहारा लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिदिन के हिसाब से सभी देशों के कोरोना संबंधी आंकड़ें संग्रह कर रहा है। जिसे हम कोरोना की दूसरी लहर कह रहे हैं उसका प्रारंभ फरवरी 2021 के बाद से माना जा रहा है। तो देखते हैं कि इन देशों में फरवरी तक कोरोना के आंकड़ें क्या थे और अप्रैल-मई में क्या हैं?

बांग्लादेशः बांग्लदेश में 1 फरवरी को कोरोना के 3,000 केस थे जबकि 5 अप्रैल को ये आंकड़ा बढ़कर 48,660 हो गया और फिर इसके बाद घटना शुरू हुआ। एक फरवरी को 79 मौत थी जबकि 19 अप्रैल को ये आंकड़ा बढ़कर 669 हो गया। ग्राफ में स्पष्ट देखा जा सकता है कि अप्रैल में आंकड़ों में उछाल आया है यानी दूसरी लहर की दस्तक थी। इस लिंक पर क्लिक करके आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर बांग्लादेश के आंकड़े देख सकते हैं।

पाकिस्तानः पाकिस्तान में 1 फरवरी को कोरोना के 9,914 केस थे जबकि 19 अप्रैल को ये आंकड़ा बढ़कर 39,858 हो गया। एक फरवरी को 291 मौत थी जबकि 26 अप्रैल को ये आंकड़ा बढ़कर 958 हो गया। इसके बाद मई में इसमें गिरावट आई। ग्राफ में स्पष्ट देखा जा सकता है कि अप्रैल में आंकड़ों में उछाल आया है यानी दूसरी लहर की दस्तक है। इस लिंक पर क्लिक करके आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर पाकिस्तान के आंकड़े देख सकते हैं।

श्रीलंकाः श्रीलंका में 1 फरवरी को कोरोना के 5,283 केस थे जबकि 17 मई को ये आंकड़ा बढ़कर 20,771 हो गया।1 फरवरी को 38 मौत थी जबकि 17 मई को ये आंकड़ा बढ़कर 237 हो गया। ग्राफ में स्पष्ट देखा जा सकता है कि आंकड़ों में उछाल आया है यानी दूसरी लहर की दस्तक है। इस लिंक पर क्लिक करके आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर श्रीलंका के आंकड़े देख सकते हैं।

भूटानः भूटान में 15 मार्च को कोरोना के केस की संख्या शून्य थी जबकि 17 मई को ये आंकड़ा बढ़कर 131 हो गया। ग्राफ में स्पष्ट देखा जा सकता है कि आंकड़ों में उछाल आया है यानी दूसरी लहर की दस्तक है। इस लिंक पर क्लिक करके आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर भूटान के आंकड़े देख सकते हैं।

अफगानिस्तानः अफगानिस्तान में 15 मार्च को कोरोना के केस की संख्या 118 थी जबकि 24 मई को ये आंकड़ा बढ़कर 3402 हो गया। एक मार्च को कोरोनो से 6 मौत थी ये आंकड़ा 24 मई को बढ़कर 79 हो गया। ग्राफ में स्पष्ट देखा जा सकता है कि आंकड़ों में उछाल आया है यानी दूसरी लहर की दस्तक है। इस लिंक पर क्लिक करके आप विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर अफगानिस्तान के आंकड़े देख सकते हैं।

उपरोक्त देशों में कोरोना के केस व मौत के आंकड़ों में फरवरी की अपेक्षा अप्रैल और मई के महीने में कई गुणा बढोतरी देखी जा सकती है। यानी कोरोना की दूसरी लहर इन देशों में भी आई।

दावा दोः क्या कोरोना की दूसरी लहर का कारण चीन का भारत के खिलाफ वायरल वार है?

कोरोना के खिलाफ दूसरी लहर के कारणों पर एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का एक वीडियो आप इकॉनोमिक टाइम्स की वेबसाइट पर इस लिंक पर देख सकते हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के कई कारक हैं लेकिन दो कारण सबसे प्रमुख हैं। एक- जनवरी-फरवरी माह में जब टीकाकरण शुरु हुआ और केस कम हुए तो लोगों ने मान लिया कि कोरोना चला गया है और बचाव संबंधी व्यवहार में लापरवाह हो गये। दो- बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजन और चुनाव रैलियां भी दूसरी लहर का प्रमुख कारण हैं।

रही बात चीन के वायरल वार की तो गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान से ही जैविक हथियार और जैविक युद्ध जैसी कांस्पिरेसी थ्योरी सामने आती रही हैं। लेकिन कहीं भी कोई पुख़्ता सबूत नहीं मिलता है। किसी भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय अधिकारिक मंच से इस तरह की कोई पुष्टि नहीं है। इस वायरस का उद्गम चीन का वुहान शहर माना जा रहा है। इस वायरस का जन्म और फैलाव कैसे हुआ इस विषय पर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम अध्ययन कर रही है। जिसमें चीन के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इस बारे विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट इस लिंक पर पढ़ सकते हैं।

निष्कर्षः भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का ये दावा कि सिर्फ भारत में ही कोरोना की दूसरी लहर है पड़ोसी देशों में नहीं है, गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ें स्पष्ट तौर पर बता रहे हैं कि पड़ोसी देशों में भी कोरोना के केसों में कई गुणा बढ़ोतरी दर्ज़ की जा रही है। इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर चीन का भारत के खिलाफ वायरल वार है। कैलाश विजयवर्गीय के इस दावे के संबंध में भी कोई सुबूत नहीं मिलते। इस तरह उनके ये दोनों दावे गलत साबित होते हैं।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं ट्रेनर हैं। आप सरकारी योजनाओं से संबंधित दावों और वायरल संदेशों की पड़ताल भी करते हैं।

kailash vijayvargiya
BJP
COVID-19
Coronavirus
fact check
Covid-19 India
WHO

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • women in politics
    तृप्ता नारंग
    पंजाब की सियासत में महिलाएं आहिस्ता-आहिस्ता अपनी जगह बना रही हैं 
    31 Jan 2022
    जानकारों का मानना है कि अगर राजनीतिक दल महिला उम्मीदवारों को टिकट भी देते हैं, तो वे अपने परिवारों और समुदायों के समर्थन की कमी के कारण पीछे हट जाती हैं।
  • Indian Economy
    प्रभात पटनायक
    बजट की पूर्व-संध्या पर अर्थव्यवस्था की हालत
    31 Jan 2022
    इस समय ज़रूरत है, सरकार के ख़र्चे में बढ़ोतरी की। यह बढ़ोतरी मेहनतकश जनता के हाथों में सरकार की ओर से हस्तांतरण के रूप में होनी चाहिए और सार्वजनिक शिक्षा व सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हस्तांतरणों से…
  • Collective Security
    जॉन पी. रुएहल
    यह वक्त रूसी सैन्य गठबंधन को गंभीरता से लेने का क्यों है?
    31 Jan 2022
    कज़ाकिस्तान में सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (CSTO) का हस्तक्षेप क्षेत्रीय और दुनिया भर में बहुराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बदलाव का प्रतीक है।
  • strike
    रौनक छाबड़ा
    समझिए: क्या है नई श्रम संहिता, जिसे लाने का विचार कर रही है सरकार, क्यों हो रहा है विरोध
    31 Jan 2022
    श्रम संहिताओं पर हालिया विमर्श यह साफ़ करता है कि केंद्र सरकार अपनी मूल स्थिति से पलायन कर चुकी है। लेकिन इस पलायन का मज़दूर संघों के लिए क्या मतलब है, आइए जानने की कोशिश करते हैं। हालांकि उन्होंने…
  • mexico
    तान्या वाधवा
    पत्रकारों की हो रही हत्याओंं को लेकर मेक्सिको में आक्रोश
    31 Jan 2022
    तीन पत्रकारों की हत्या के बाद भड़की हिंसा और अपराधियों को सज़ा देने की मांग करते हुए मेक्सिको के 65 शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License