NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मशहूर फ़िलिस्तीनी नेता व कार्यकर्ता ख़ालिदा ज़रार को एक इज़रायली सैन्य अदालत ने 2 साल की सज़ा सुनाई
पीएफ़एलपी के प्रमुख सदस्य जरार को अक्टूबर 2019 से अवैध इज़रायली प्रशासनिक हिरासत में होने के कारण अब आठ महीने की जेल की सज़ा काटनी होगी।
पीपल्स डिस्पैच
02 Mar 2021
ख़ालिदा ज़रार

मशहूर फिलिस्तीनी नारीवादी, मानवाधिकार और राजनीतिक कार्यकर्ता और सांसद खालिदा जरार को सोमवार 1 मार्च को एक इजरायली सैन्य अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई। येरुशलम के उत्तर-पश्चिम में स्थित ओफर सैन्य ठिकाने की अदालत ने उन्हें "हिंसा भड़काने" का दोषी ठहराया और "प्रतिबंधित संगठन" का सदस्य होने के कारण उन पर 1300 डॉलर के जुर्माना लगाया। फिलिस्तीनी वामपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन (पीएफएलपी) के प्रमुख सदस्य जरार को पहले से ही इजरायल ने एक साल से अधिक समय से अवैध हिरासत में रखा हुआ है।

खलीदा जरार को 31 अक्टूबर 2019 को इजरायल के सुरक्षा बलों द्वारा प्रशासनिक हिरासत में रखा गया था। इसके बाद उन्हें बिना मकदमा चलाए हिरासत में रखा गया था। उनकी ये गिरफ्तारी फरवरी 2019 में जेल से रिहा होने के ठीक एक महीने बाद हुई। पिछली गिरफ्तारी में उन्हें 20 महीने तक बिना किसी मुकदमा चलाए प्रशासनिक नजरबंदी में रखा गया था। वे वर्षों से बार-बार अवैध और मनमाने ढंग से इजरायल के छापेमारी और गिरफ्तारी का निशाना बनती रही हैं, उन्हें 1989 में, 2014 में और 2017 में गिरफ्तार किया गया और इजरायल की जेलों और हिरासत केंद्रों में कई बार लंबे समय तक हिरासत में रहीं। उनकी गिरफ्तारियों को बार बार बढ़ाया गया।

अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कैदियों के अधिकार के संगठन Addameer ने एक बयान में कहा कि यह "साबित करता है कि इजरायल ऑक्यूपेशन के राजनीतिक विरोध के खिलाफ काम करता है और अपनी सैन्य अदालत व्यवस्था का इस्तेमाल फिलीस्तीनी लोगों को नुकसान पहुंचाने और वर्चस्व की अपनी नीति को थोपने के लिए करता है।"

सैन्य अदालत में सुनवाई के दौरान जरार की ओर से पेश होने वाले वकीलों ने भी बार-बार इस तथ्य को कहा कि इजरायल के सैन्य अभियोजकों के साथ-साथ इजरायल की सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों द्वारा दिए गए सबूतों में जरार के "आतंक या आतंकवादी गतिविधियों" में शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले और कहा कि वे ज्यादातर वर्तमान में निष्क्रिय पैलेस्टिनियन लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य के रुप में पैलिस्टिनियन अथॉरिटी और पीएफएलपी के तहत राजनीतिक और राष्ट्रीय स्तर पर शामिल थी।

Israel
Palestine
PFLP

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License