NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
कृषि
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
समस्तीपुर में चक्का जाम, वैशाली में पुतला फूंका
किसानों ने नए कृषि क़ानून के विरोध में बंद का आयोजन किया। इस क़ानून को किसान विरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
25 Sep 2020
समस्तीपुर में चक्का जाम

समस्तीपुर। बिहार के विभिन्न ज़िलों में भी किसानों ने नए कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया। यहां इस बंद का काफी असर देखा गया। बिहार के समस्तीपुर ज़िले में किसानों ने चक्का जाम किया। इसका आयोजन ज़िला मुख्यालय मोहिउद्दीन नगर, दलसिंहसराय, विभूतिपुर के सिंधिया उजियारपुर के अंगार घाट, गांवपुर चौक और बिथान में किया गया।

इस आंदोलन के दौरान चक्का जाम किए गए स्थानों पर सभा का आयोजन किया गया और किसान नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए किसान विरोधी विधेयक वापस लेने की मांग की।

समस्तीपुर मुख्यालय में मनोज कुमार गुप्ता, सतनारायण सिंह, इमाम, रामप्रकाश यादव, श्यामसुंदर ने जहां किसानों की सभा को संबोधित किया वहीं उजियारपुर के अंगार घाट में उपेंद्र राय, रामप्रवेश राम राम नारायण चौरसिया और योगी चौक पर सीपीआईएम के जिला सचिव रामाश्रय, किसान नेता कामरेड अवधेश मिश्रा उमेश मलिक साहनी दिनेश पासवान कुमार सैनी एवं विभूतिपुर के सिंघिया चौक पर सीपीआईएम राज्य सचिव मंडल सदस्य अजय कुमार, खेतिहर मजदूर यूनियन के ज़िला सचिव किसान नेता पवन सिंह, महेश कुमार सिया प्रसाद यादव ने सभा को संबोधित किया।

किसानों को संबोधित करते हुए इन नेताओं ने कहा कि संसद के भीतर लोकतंत्र की हत्या करते हुए किसान विरोधी बिल को ग़लत तरीके से पारित किया गया है। मनोज कुमार ने कहा कि संसद में बिल पास मत विभाजन के बाद करना चाहिए था। इसको किए बगैर सभापति ने संसद की गरिमा को ताक पर रखते हुए उन्होंने ध्वनि मत से इसे पारित कर दिया।

Vaishali.jpeg

इन किसान नेताओं ने कहा कि जब संसद अपने कार्य करने में किसान के हित की रक्षा करने में अक्षम हो जाए तो जनता को सड़क पर आंदोलन करने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता है। इस परिस्थिति में किसान को अपने गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बिल को वापस लेने के सिवाय सरकार के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा। इस किसान विरोधी बिल को हर हाल में वापस लेना ही होगा।

वैशाली जिले के हाजीपुर में कचहरी मैदान से नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए गांधी चौक में पीएम मोदी का पुतला दहन किया गया और महनार अनुमंडल में पटेल चौक से प्रदर्शन निकाला गया। मदन चौक पर इस क़ानून को किसान विरोधी कहते हुए दस्तावेज़ों को जलाया गया। इस मौके पर आर एन सिंह, राजेन्द्र पटेल, विशेश्वर यादव, अमृत गिरी, चन्देश्वर वर्मा, रेखा देवी ने किसानों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों की आलोचना की।

किसानों को संबोधित करते हुए नेताओं ने नए कृषि क़ानून को वापस लेने की मांग की। इस दौरान किसानों और नेताओं ने मोदी सरकार विरोधी नारे भी लगाए।

Bihar
Farmer protest
Farm Bills
Bharat Bandh

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

देशव्यापी हड़ताल: दिल्ली में भी देखने को मिला व्यापक असर

दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, जगह-जगह धरना-प्रदर्शन

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद का दिखा दम !


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License