NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन अपडेट: समिति बनाने के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं किसान संगठन, वरिष्ठ वकीलों से विचार-विमर्श
किसान आंदोलन का आज 23वां दिन है। कल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो हस्तक्षेप किया उसे लेकर किसान संगठन वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह ले रहे हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Dec 2020
किसानों आंदोलन अपडेट:  समिति बनाने के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं किसान संगठन, वरिष्ठ वकीलों से विचार-विमर्श

नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसानों का प्रदर्शन दिल्ली की सीमाओं पर 23वें दिन भी जारी है। समिति गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बारे में किसान संगठन वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह ले रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को हुई सुनवाई और सुझाव-निर्देशों को लेकर किसान नेताओं ने अपनी शाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई भी कमेंट करने से इंकार करते हुए बस इतना ही कहा वे इस मसले को लेकर कोर्ट नहीं गए हैं और जो कुछ कोर्ट ने कहा है वह उस पर वरिष्ठ वकीलों से सलाह करके कुछ कहेंगे।

राष्ट्रीय किसान मजदूर सभा के नेता अभिमन्यु ने कहा, ‘‘हम वरिष्ठ अधिवक्ताओं, कोलिन गोंजाल्वेस, दुष्यंत दवे, एचएस फुल्का और प्रशांत भूषण से इस बारे में परामर्श करेंगे कि क्या किया जा सकता है।’’

किसान नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक इन वकीलों ने उन्हें निशुल्क परामर्श देने का आमंत्रण दिया है।

भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता धर्मपाल मलिक ने कहा कि केंद्र को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह विवादास्पद कृषि कानूनों को स्थगित रखना चाहता है या नहीं।
 

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुझाव दिया था कि न्यायालय इस विवाद का समाधान खोजने के लिए एक समिति गठित कर सकता है और सरकार से पूछा था कि क्या बातचीत होने तक इन कानूनों को स्थगित रखा जा सकता है।

प्रदर्शन करने के अधिकार को मूल अधिकार बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कहा था कि किसानों के आंदोलन में इस समय न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा और इसे ‘‘बगैर किसी बाधा’’ के जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसने कहा कि न तो प्रदर्शनकारी और न ही पुलिस शांति भंग करे।

शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और आंदोलनरत किसानों के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने की अपनी कोशिश के तहत सरकार से पूछा था कि क्या बातचीत होने तक इन कानूनों को होल्ड यानी स्थगित किया जा सकता है।

न्यायालय द्वारा दिए गए सुझाव का विरोध करते हुए केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि अगर इन कानूनों का क्रियान्वयन स्थगित रखा गया, तो किसान बातचीत के लिए आगे नहीं आएंगे।

हालांकि, केंद्र के शीर्ष कानून अधिकारी ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि तीनों कानूनों को स्थगित रखे जाने पर निर्देश लेने के बाद वह वापस आएंगे।

 

उधर, इस पूरे मामले में आंदोलन कर रहे किसान पक्षकार नहीं हैं। उनका मानना है कि कोर्ट के सामने जो भी याचिकाएं हैं वो केंद्र सरकार की योजना के तहत दायर की गई हैं। इसके अलावा समिति बनाने के प्रस्ताव पर किसानों का कहना है कि इससे समस्या का हल नहीं निकलने वाला है।

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रणव सिंह पंढेर ने कहा, ‘‘कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था।’’

उन्होंने कृषि मंत्री के पत्र को भी भ्रमित करने वाला बताया। श्रणव सिंह ने कहा, ‘’तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते।’’

 आपको बता दें कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पृष्ठों का एक खुला पत्र जारी करते हुए कहा कि केंद्र उनकी सभी चिंताओं का निराकरण करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तोमर द्वारा किसानों के नाम लिखे गए पत्र को उनके ‘‘विनम्र संवाद का प्रयास’’ बताया और किसानों से उसे पढ़ने का आग्रह किया।

तोमर ने अपने पत्र में कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों का लक्ष्य छोटे एवं सीमांत किसानों को फायदा पहुंचाना है।

तोमर ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों की सभी चिंताओं को दूर करने को तैयार है।

उधर, दिल्ली विधानसभा ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। इस दौरान, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीनों कानूनों की प्रतियों को फाड़ते हुए कहा कि वह देश के किसानों के साथ छल नहीं कर सकते।

दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कानूनों को ‘‘भाजपा के चुनावी ‘फंडिंग’ के लिए बनाया गया है और यह किसानों के लिए नहीं है।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

farmers protest . farmers protest update
Supreme Court
Modi government
BJP
Farm bills 2020

Related Stories

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ़ श्रमिकों का संघर्ष जारी, 15 महीने से कर रहे प्रदर्शन

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License