NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
किसान आंदोलन : बढ़ते जनसैलाब के बीच सुरक्षा के नाम पर पुलिस की घेराबंदी
संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा कि “सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक तथ्य किसानों तक पहुँचें, न ही उनका शांतिपूर्ण आचरण दुनिया तक पहुँचे। यह किसानों के इर्द-गिर्द अपनी झूठी बात फैलाना चाहते हैं।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Feb 2021
Kisan morcha

देशभर से किसान लगातार दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ़ पुलिस प्रशासन आम लोगों और किसानों के रास्ते में अवरोध लगा रहे हैं। उनकी हर संभव कोशिश है जिससे किसान एकत्रित न हों, इसके लिए उन्होंने सड़कें खोदने, सड़कों पर दीवार बनाने,मेट्रो बंद करने ट्रेनों के रास्ते बदलने और यहां तक कि इंटरनेट भी बंद करने का काम किया है।

इसके अलावा आज ट्विटर इंडिया ने किसान एकता मोर्चा, कारवाँ मैगजीन, हंसराज मीणा और सी.पी.एम. नेता मोहम्मद सलीम सहित कुल 250 ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है।

दिल्ली की जिन सीमाओं पर प्रदर्शन हो रहा है वहां लगातार भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। पिछले दो महीने से अधिक से किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। इस बीच कल रात ऐसी तस्वीर आई जिसमें पुलिसकर्मी रास्तों को जेसीबी से तोड़ते और उसमें मोटे नोकील रॉड लगाती दिख रही है। इसके साथ ही वो गाजीपुर में कॉन्क्रीट की दीवार बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन इलाकों में इंटनेट भी पूरी तरह से बंद है। जबकि किसान नेताओं ने दावा किया कि पंजाब से हरियाणा के रास्ते दिल्ली और बाक़ी राज्यों में जाने वाली ट्रेनों के रास्ते भी बदले जा रहे हैं। जबकि टिकरी की तरफ जाने वाली मेट्रो को भी रोक दिया गया है अब मेट्रो केबल टिकरी कलां तक ही जाएगी।

परिणामस्वरूप, किसान और पत्रकारों के साथ-साथ आम जनता को भी विरोध स्थल तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। पुलिस सभी को वैकल्पिक मार्ग चुनने पर मजबूर कर रही है।

द टेलीग्राफ के अनुसार, गाज़ीपुर की सीमा पर, एक कंक्रीट की दीवार बनाने के लिए दो बैरिकेड्स के बीच सीमेंट मिश्रण डालने का काम कर रहा था, साथ ही एक कांटेदार तार की बाड़ भी रविवार को ही बनाई गई थी।

इस बीच, सूचना दी गई है कि तीनों विरोध स्थलों पर इंटरनेट निलंबन 2 फरवरी तक जारी रहेगा।

दिल्ली पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि सीमावर्ती विरोध स्थलों पर सुरक्षा को  किसानों और स्थानीय लोगों के बीच "आगे टकराव" से बचने के लिए किया जा रहा है।

दूसरी ओर, संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर विभिन्न हमलों को "प्रोत्साहित" करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है, "यह स्पष्ट है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर विभिन्न हमलों को प्रोत्साहित कर रही है।"

दूसरी ओर, जैसा कि न्यूज़क्लिक ने पहले बताया था, टिकरी बॉर्डर के पास के एक इलाके हरिदास नगर के दुकानदारों और निवासियों ने किसानों की वजह 'असुविधा' का अनुभव होने के दावों को खारिज किया है। इसी तरह की भावना अन्य दो विरोध स्थलों - सिंघू और गाजीपुर - के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों द्वारा भी व्यक्त की गई है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को कहा कि “सरकार नहीं चाहती कि वास्तविक तथ्य किसानों तक पहुँचें, न ही उनका शांतिपूर्ण आचरण दुनिया तक पहुँचे। यह किसानों के इर्द-गिर्द अपनी झूठी बात फैलाना चाहते हैं।"

Farmers Protests
farmers protest
Samyukt Kisan Morcha
Singhu Protest
Tikri
Ghazipur
Bharatiya Janata Party
delhi police
Police Clampdown on Farmers Protest
Internet Suspended in Delhi

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

मुस्लिम विरोधी हिंसा के ख़िलाफ़ अमन का संदेश देने के लिए एकजुट हुए दिल्ली के नागरिक

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

एमएसपी पर फिर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेगा संयुक्त किसान मोर्चा

दिल्ली दंगों के दो साल: इंसाफ़ के लिए भटकते पीड़ित, तारीख़ पर मिलती तारीख़

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

1982 की गौरवशाली संयुक्त हड़ताल के 40 वर्ष: वर्तमान में मेहनतकश वर्ग की एकता का महत्व

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License