NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
किसानों ने नोएडा-दिल्ली मार्ग पर चिल्ला बॉर्डर को अवरुद्ध किया
किसानों ने कहा है कि ‘‘जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और किसान आयोग का गठन नहीं करती, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।’’
भाषा
16 Dec 2020
किसानों ने नोएडा-दिल्ली मार्ग पर चिल्ला बॉर्डर को अवरुद्ध किया

नोएडा: नए कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेताओं ने बुधवार को फिर से नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्ग को अवरुद्ध कर दिया।

भाकियू (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘जब तक केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती और किसान आयोग का गठन नहीं करती, तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि पांच दिनों तक चिल्ला बॉर्डर खुला रहा, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसान आयोग बनाने की कोई पहल नहीं की गई।

किसानों द्वारा चिल्ला बॉर्डर को दोबारा जाम करने के बाद लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। यातायात को डीएनडी की तरफ मोड़ दिया गया।

भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के नेताओं द्वारा चिल्ला बार्डर के रास्ते ‘दिल्ली कूच’ की घोषणा के बाद गौतम बुद्ध नगर पुलिस मंगलवार रात से ही हरकत में आ गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भाकियू के कुछ नेताओं और पदाधिकारियों को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया।

पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के जेवर टोल पर अवरोधक लगा दिये हैं तथा जो भी किसान दिल्ली जाने के लिए जेवर के रास्ते आ रहे हैं, उन्हें लौटाया जा रहा है।

ग्रेटर नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त अब्दुल कादिर ने बताया, ‘‘किसान नेताओं ने चिल्ला बॉर्डर पर जाने का एलान किया था, जिसके मद्देनजर कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया है।’’

 

farmers protest
noida
kisan andolan
BKU

Related Stories

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

नोएडा : प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर ठगी का आरोप, सीटू-डीवाईएफ़आई ने किया प्रदर्शन

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

ग़ौरतलब: किसानों को आंदोलन और परिवर्तनकामी राजनीति दोनों को ही साधना होगा

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों को आंदोलन और राजनीति दोनों को साधना होगा

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License