NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
फसल की कटाई के बाद दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन में आ रहे हैं और किसान : एसकेएम
“एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं।”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Apr 2021
फसल की कटाई के बाद दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन में आ रहे हैं और किसान : एसकेएम
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नयी दिल्ली : किसान आंदोलन 146वें दिन में प्रवेश कर गया है।  इस बीच कोरोना की दूसरी लहर अपने उफ़ान पर है और देश में कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्ल्त देखी जा रही है।  बुधवार को सरकार के कई समर्थकों ने दावा किया कि ऐसा किसानों द्वारा रास्ते बंद करने की वजह से हो रहा है। इसका खंडन करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)  ने ऐसे बयानों की कड़ी निंदा की है। 

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)  ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा आईटी सेल द्वारा लगातार प्रचार किया जा रहा है कि किसानों के धरने कोरोना से लड़ाई में बाधा डाल रहे है। यह झूठ फैलाया जा रहा है कि किसानों ने ऑक्सीजन से भरे ट्रक और अन्य जरूरी सामान के वाहन दिल्ली की सीमाओं पर रोके हुए हैं। किसानों पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है वे कोरोना फैला रहे है। सयुंक्त किसान मोर्चा इन तमाम बातों की निंदा व विरोध करता है। किसानों की कभी मंशा नहीं रही है कि वे सड़कों पर सोए, अपने घरों व ज़मीन से दूर रहें। सरकार ने अमानवीय ढंग से इन कानूनों को किसानो पर थोपा है। किसान कुछ नया नहीं मांग रहे है, वे सिर्फ उसको बचाने की लड़ाई रहे है जो उनके पास है। इस अस्तित्व की लड़ाई में वे कोरोना से भी लड़ रहे है ओर सरकार से भी।

मोर्चे ने कहा किसानों ने पहले दिन से ही जरूरी सेवाओ के लिए रास्ते खोले हुए है। सरकार द्वारा लगाए गए भारी बैरिकेड सबसे बड़े अवरोध हैं। हम सरकार से अपील करते है कि दिल्ली की तालाबन्दी तोड़ी जाए ताकि किसी को कोई समस्या न हो। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है पर मानवीय आधार पर किसान देश के आम नागरिक के साथ है।

किसान नेताओ ने मज़दूरों के पलायन पर भी चिंता ज़ाहिर की और उन्होंने मज़दूरों को भरोसा दिया की अगर उन्हें कोई समस्या है तो वो मोर्चे पर आए हम उन्हें भोजन भी देंगे और रहने के लिए छत भी।  
किसान संगठनों ने इस हालत के लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार माना और कहा  कि देशभर से प्रवासी मजदूरों के लंबी यात्राएं की खबरें आ रही है। दरअसल यह खतरा उन नवउदारवादी नीतियों का परिणाम है जिसका एक बड़ा भाग यह तीन कृषि कानून हैं। खुले बाजार व निजीकरण की नीतियों का ही परिणाम है कि आज हज़ारों लाखों की संख्या में मजदूर शहरों में सस्ती मजदूरी के लिए भटक रहे हैं। सरकार खेती सेक्टर को मजबूत करने की बजाय खेती संकट पैदा करके शहरों में सस्ते मजदूर पैदा करना चाहती है पर अब किसान मजदूर इन नीतियों के खिलाफ हर हालत में डटकर लड़ेंगे।

गाज़ीपुर मोर्चे के किसान संगठनों व कार्यकर्ताओं ने खाने के पैकेट बना दिल्ली के बस अड्डो व स्टेशनों पर बाँटने शुरू कर दिये है। मंगलवार को आंनद विहार बस अड्डे पर प्रवासी मजदूरों को खाने के पैकेट वितरित किये गये। हालाँकि किसानो ने दावा किया इस काम में भी पुलिस ने अवरोध पैदा किया।  

दूसरी तरफ एसकेएम  ने बुधवार को बताया कि फसल की कटाई के बाद बड़ी संख्या में किसानों का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को मजबूत करने के लिये दिल्ली की तरफ आना शुरू हो गया है।

मोर्चा ने कहा कि केंद्र के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध दूर करने का एक ही रास्ता है तीनों विवादित कानूनों को रद्द करना और ऐसा कानून लेकर आना जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दे।

एसकेएम नेता दर्शन पाल ने एक बयान में कहा, “एसकेएम के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की तरफ आना शुरू कर दिया है। फसल की कटाई के बाद किसान सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन को मजबूती देने के लिये आ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर सरकार भी किसानों की सेहत को लेकर समान रूप से चिंतित है तो उसे तत्काल तीनों कानून निरस्त करने चाहिए और एमएसपी पर एक नया कानून लाना चाहिए। यह एक मात्र समाधान है जिस पर किसान प्रदर्शन वापस लेंगे अन्यथा यह दिन प्रतिदिन बड़ा होता जाएगा।”

प्रेस क्लब जिनेवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रेस वार्ता में डिजिटल तरीके से शामिल हुए दर्शन पाल ने दावा किया कि भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के एक घोषणापत्र का उल्लंघन कर कानून बनाते हुए किसान, किसान संगठनों, ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों, किसान समर्थक अर्थशास्त्रियों, राजनीतिक विज्ञानियों या राजनीतिक दलों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया।

SKM
Samyukt Kisan Morcha
farmers protest
Farm Bills
COVID-19
Singhu Border
Tikri Border
Ghazipur Border
Shahjahanpur Border

Related Stories

दिल्लीः एलएचएमसी अस्पताल पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया का ‘कोविड योद्धाओं’ ने किया विरोध

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे

दिल्ली: कोविड वॉरियर्स कर्मचारियों को लेडी हार्डिंग अस्पताल ने निकाला, विरोध किया तो पुलिस ने किया गिरफ़्तार

क्यों मिला मजदूरों की हड़ताल को संयुक्त किसान मोर्चा का समर्थन

पूर्वांचल में ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बीच सड़कों पर उतरे मज़दूर

देशव्यापी हड़ताल के पहले दिन दिल्ली-एनसीआर में दिखा व्यापक असर

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

"जनता और देश को बचाने" के संकल्प के साथ मज़दूर-वर्ग का यह लड़ाकू तेवर हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ है

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान


बाकी खबरें

  • श्रुति एमडी
    ‘तमिलनाडु सरकार मंदिर की ज़मीन पर रहने वाले लोगों पर हमले बंद करे’
    05 Apr 2022
    द्रमुक के दक्षिणपंथी हमले का प्रतिरोध करने और स्वयं को हिंदू की दोस्त पार्टी साबित करने की कोशिशों के बीच, मंदिरों की भूमि पर रहने वाले लोगों की आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 
  • भाषा
    श्रीलंका में सत्ता पर राजपक्षे की पकड़ कमज़ोर हुई
    05 Apr 2022
    "सरकारी बजट पर मतदान के दौरान गठबंधन के पास 225 सांसदों में से 157 का समर्थन था, लेकिन अब 50 से 60 सदस्य इससे अलग होने वाले हैं। इसके परिणामस्वरूप सरकार न सिर्फ दो-तिहाई बहुमत खो देगी, बल्कि सामान्य…
  • विजय विनीत
    एमएलसी चुनाव: बनारस में बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी के आगे दीन-हीन क्यों बन गई है भाजपा?
    05 Apr 2022
    पीएम नरेंद्र मोदी का दुर्ग समझे जाने वाले बनारस में भाजपा के एमएलसी प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल ऐलानिया तौर पर अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर आरोप जड़ रहे हैं कि वो…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: आज दूसरे दिन भी एक हज़ार से कम नए मामले 
    05 Apr 2022
    देश में कोरोना से पीड़ित 98.76 फ़ीसदी यानी 4 करोड़ 24 लाख 96 हज़ार 369 मरीज़ों को ठीक किया जा चुका है। और एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 12 हज़ार 54 रह गयी है।
  • मुकुल सरल
    नफ़रत की क्रोनोलॉजी: वो धीरे-धीरे हमारी सांसों को बैन कर देंगे
    05 Apr 2022
    नज़रिया: अगर किसी को लगता है कि ये (अ)धर्म संसद, ये अज़ान विवाद, ये हिजाब का मुद्दा ये सब यूं ही आक्समिक हैं, आने-जाने वाले मुद्दे हैं तो वह बहुत बड़ा नादान है। या फिर मूर्ख या फिर धूर्त। यह सब यूं…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License