NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लक्समबर्ग में फैशन ब्रांड के कर्मचारियों ने कलेक्टिव एग्रीमेंट पर हमले का विरोध किया
स्वीडन स्थित एचएंडएम ने कर्मचारियों को वर्ष के अंत में मिलने वाले बोनस में कटौती का फैसला किया है जो दो महीने की आंशिक बेरोज़गारी के समान है।
पीपल्स डिस्पैच
21 Dec 2020
लक्समबर्ग

शनिवार 19 दिसंबर को लक्ज़मबर्ग में स्वीडन स्थित हेन्नेस एंड मॉरिट्ज़ (एच एंड एम) फैशन ब्रांड के कर्मचारियों ने प्रबंधन द्वारा कॉलेक्टिव एग्रीमेंट पर हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध प्रदर्शन साल के अंत में मिलने वाले कर्मचारियों के बोनस में कटौती के प्रबंधन के फैसले के मद्देनजर इंडिपेंडेंट लक्समबर्ग ट्रेड यूनियन कन्फेट्रेशन (ओजीबीएल) के नेतृत्व में आयोजित किया गया था। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ लक्ज़मबर्ग (केपीएल)और देज लेन्क (द लेफ्ट) ने प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की है।

रिपोर्ट के मुताबिक बिना किसी पूर्व परामर्श के एचएंडएम के प्रबंधन ने वर्ष के अंत में मिलने वाले बोनस में कटौती करने का फैसला लिया है जो मार्च और मई के बीचCOVID-19 लॉकडाउन के कारण दो महीने तक आंशिक बेरोजगारी के समान है। अपने बयान में ओजीबीएल ने कहा है कि एच एंड एम के निर्णय से न केवल एचएंडएम कर्चारियों के कॉलेक्टिव एग्रीमेंट के प्रावधानों का उल्लंघन होता है बल्कि इसके साथ ही यूनियन के सौदा करने के अधिकारों पर हमला भी हुआ। कॉलेक्टिव एग्रीमेंट पर ओजीबीएल और प्रबंधन के बीच समझौता हुआ था और इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।

शनिवार को लक्जमबर्ग में ग्रैंड रुए में करीब सौ से अधिक कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए ओजीबीएल के सचिव डेविड एंजेल ने कहा कि यूनियन कड़ी मेहनत से हासिल किए गए सामाजिक उपलब्धियों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

अपनी एकजुटता दिखाते हुए एक बयान में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ लक्समबर्ग (केपीएल) के अध्यक्ष अली रुकर्ट ने कहा कि एचएंडएम की दुकानों के सामने यूनियन का अभियान किसी भी तरह से असाधारण नहीं है। उन्होंने कहा, "कुछ ही दिन पहले जर्मनी में एचएंडएम की 19 शाखाओं के कर्मचारियों ने काम करने की बदतर स्थिति और वेतन की खराब स्थिति और अत्यंत-लचीले काम के समय को लेकर विरोध किया था"।

देज लेन्क (द लेफ्ट) ने कहा है कि "यह अस्वीकार्य है कि वैश्विक पूंजीवाद की इस दिग्गज ने - उन कर्मचारियों के प्रयासों के लिए जो इस COVID-19 के समय में स्टोर में काम करना जारी रखे हुए हैं- सम्मान और अधिकारों का उल्लंघन किया जो कॉलेक्टिव एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से दर्ज है ”।

Luxembourg
Luxembourg protest
H&M
Independent Luxembourg Trade Union Confederation
OGBL

Related Stories

महिला मज़दूर जो वाल मार्ट और अन्य ब्रांड के कारखानों में काम करती हैं वे रोज़ हिंसा का सामना करती हैं : एक रिपोर्ट


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License