NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
युद्धविराम की घोषणा के बावजूद आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई जारी
मॉस्को द्वारा ट्रूस समझौते की मध्यस्थता करने के एक दिन बाद आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ने रविवार को इसके उल्लंघन के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाया।
पीपल्स डिस्पैच
12 Oct 2020
आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई जारी

अर्मेनिया और अजरबैजान द्वारा मॉस्को में युद्धविराम की घोषणा के एक दिन बाद दोनों ने एक दूसरे पर रविवार 11 अक्टूबर को असैन्य क्षेत्रों में हमला करने का आरोप लगाया है। शनिवार को दोनों पक्षों ने दो सप्ताह से अधिक समय तक हुई झड़पों में मारे गए लोगों को एक दूसरे को सौंपने और क़ैदियों के आदान-प्रदान करने को लेकर संघर्ष विराम के लिए सहमति व्यक्त की थी।

अजरबैजान ने दावा किया कि युद्ध विराम की इस घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर अर्मेनियाई सैनिकों ने इसके दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा के नागरिक इलाकों पर हमला किया जिसमें नौ लोग मारे गए और 33 घायल हो गए। अजरबैजान ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में उसकी सेनाओं ने नागोर्नो कराबाख में अर्मेनियाई सैनिकों के ख़िलाफ़ हवाई हमले किए।

आर्मेनिया ने अपनी सेनाओं द्वारा गांजा में नागरिक क्षेत्रों पर हमला करने के आरोपों से इनकार किया और इसके बजाय अज़रबैजान पर अपनी राजधानी स्टेपनाकर्ट सहित काराबाख क्षेत्र में नागरिक क्षेत्रों पर हमला करने का आरोप लगाया। आर्मेनिया का कहना है कि युद्धविराम की घोषणा के बाद ऐज़री हमलों में कम से कम पांच नागरिक मारे गए हैं।

मॉस्को में रूसी मध्यस्थता के बाद ये संघर्ष विराम हासिल हुआ था। दोनों पक्षों के बीच पहला सीधा संपर्क लड़ाई को समाप्त करने और राजनीतिक समाधान की तलाश करने के लिए दोनों पक्षों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का परिणाम था।

अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष का मौजूदा दौर 27 सितंबर को उस समय शुरु हो गया था जब अर्मेनिया के नियंत्रण से अजरबैजान की सेनाओं ने अपने क्षेत्रों को फिर से हासिल करने की कोशिश की थी। दोनों देश नागोर्नो-काराबाख और इसके आस-पास के क्षेत्रों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। इसे अजरबैजान के भाग के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन 1991 के बाद से नागोर्नो-करबाख में बहुसंख्यक अर्मेनियाई लोगों ने अपनी अलहदगी की घोषणा की।

दोनों देशों के बीच 1991-94 के युद्ध के चलते 30,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई अजरबैजान के हज़ारों निवासी आर्मेनियाई नियंत्रण क्षेत्रों में अपने घरों से विस्थापित हो गए। ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप (ओएससीई) के अधीन इस अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता ने रूस, फ्रांस और अमेरिका के मिन्स्क ग्रुप को नियुक्त किया, जो अभी तक संघर्ष का एक स्वीकार्य समाधान खोजने में विफल रहे हैं।

Armenia
Azerbaijan
armenia-azerbaijan war
International news

Related Stories

दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना

अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया

रूस-यूक्रैन संघर्षः जंग ही चाहते हैं जंगखोर और श्रीलंका में विरोध हुआ धारदार

दुनिया भर की: सोमालिया पर मानवीय संवेदनाओं की अकाल मौत

कोविड -19 के टीके का उत्पादन, निर्यात और मुनाफ़ा

दुनिया भर की: जर्मनी में ‘ट्रैफिक लाइट गठबंधन’ के हाथों में शासन की कमान

ईरान हो या इज़रायल, क्या भारत का दांव उल्टा?

दुनिया भर की : नेतन्याहू के जानेभर से इज़रायल भला नहीं बन जाएगा

थाईलैंड : "राजशाही के अपमान" को लेकर प्रदर्शनकारियों पर मुक़दमा शुरू

लीबिया में अंतरिम सरकार के लिए उम्मीदवारों की घोषणा का यूएन ने स्वागत किया


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    डोनबास में हार के बाद अमेरिकी कहानी ज़िंदा नहीं रहेगी 
    26 Apr 2022
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को बेहद अहम बताया है।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात : विधायक जिग्नेश मेवानी की गिरफ़्तारी का पूरे राज्य में विरोध
    26 Apr 2022
    2016 में ऊना की घटना का विरोध करने के लिए गुजरात के दलित सड़क पर आ गए थे। ऐसा ही कुछ इस बार हो सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पिछले 5 साल में भारत में 2 करोड़ महिलाएं नौकरियों से हुईं अलग- रिपोर्ट
    26 Apr 2022
    क़ानूनी कामकाजी उम्र के 50% से भी अधिक भारतवासी मनमाफिक रोजगार के अभाव के चलते नौकरी नहीं करना चाहते हैं: सीएमआईई 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें अलर्ट 
    26 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,483 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख 62 हज़ार 569 हो गयी है।
  • श्रिया सिंह
    कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे, जिसने पूरे श्रीलंका को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है
    26 Apr 2022
    सैनिक से नेता बने गोटाबाया राजपक्षे की मौजूदा सरकार इसलिए ज़बरदस्त आलोचना की ज़द में है, क्योंकि देश का आर्थिक संकट अब मानवीय संकट का रूप लेने लगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License