NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पड़ोसी देशों में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर विदेश मंत्रालय का रवैया अदूरदर्शी : समिति
समिति ने सुझाव दिया कि मंत्रालय इस संबंध में एक स्पष्ट नीति अपनाए और सुनिश्चित करे कि पर्याप्त निधि आवंटन और पड़ोसी देशों में हमारी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत बनाने तथा इन देशों में सहायता परियोजनाओं को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाए।
भाषा
25 Mar 2021
पड़ोसी देशों में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर विदेश मंत्रालय का रवैया अदूरदर्शी : समिति

नयी दिल्ली: संसद की एक समिति ने कहा है कि दक्षिण एशिया में भारत की सहायता एवं सहयोग कार्यक्रमों तथा ‘‘पड़ोसी प्रथम’’ नीति की सराहना करते हुए पड़ोसी देशों में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर विदेश मंत्रालय के रवैये को ‘‘अदूरदर्शी’’ बताया है ।

लोकसभा में पेश विदेश मंत्रालय की वर्ष 2021-22 की अनुदान की मांगों संबंधी संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की दक्षिण एशिया में सहायता एवं सहयोग तथा ‘‘पड़ोस प्रथम’’ नीति के महत्व को देखते हुए समिति बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यामां के लिये बढ़े हुए आवंटन का स्वागत करती है। रिपोर्ट में कहा गया कि इसके तहत बेहतर सम्पर्क, उन्नत आधारभूत अवसंरचना, क्षेत्रीय इलाकों में मजबूत सहयोग, लोगों के बीच बेहतर आपसी तालमेल आदि के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया गया ।

समिति ने कहा कि फिर भी पड़ोसी देशों में चीन की तेजी से बढ़ती उपस्थिति के संबंध में मंत्रालय का उत्तर सामान्य और अप्रासंगिक है ।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति महसूस करती है कि हमारे पड़ोशी देशों में चीन की बढ़ती उपस्थिति पर मंत्रालय का रवैया अदूरदर्शी और अवास्तविक है । ’’

समिति ने सुझाव दिया कि मंत्रालय इस संबंध में एक स्पष्ट नीति अपनाए और सुनिश्चित करे कि पर्याप्त निधि आवंटन और पड़ोसी देशों में हमारी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत बनाने तथा इन देशों में सहायता परियोजनाओं को सर्वाधिक प्राथमिकता दी जाए । ’’

इसमें कहा गया है कि समिति पाती है कि वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान में ‘बांग्लादेश को सहायता’ शीर्षक के तहत बजटीय आवंटन को 200 करोड़ रूपये रखा गया जो वर्ष 2020-21 में भी इतना ही था । इसके अनुसार हालांकि, वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान चरण में परियोजना कार्यान्वयन की वास्तविक गति के आधार पर आवंटन को घटाकर 125 करोड़ रूपये कर दिया गया था ।

समिति ने कहा कि इस शीर्ष के तहत पिछले तीन वर्षो में परियोजना कार्यान्वयन की गति चिंताजनक है ।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की भूटान के साथ व्यापक साझीदारी है और राजस्व एवं पूंजी दोनों शीर्ष के तहत बजटीय आवंटन का प्रावधान है । इसके अनुसार वर्ष 2021-22 के बजटीय अनुमान में भूटान को सहायता के तहत 2124 करोड़ रूपये का आवंटन प्रदान किया गया है।

इसमें कहा गया है कि जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा भारत सरकार, भूटान में परियोजना सहायता और लघु विकास परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रही है । रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति यह जानकर प्रसन्न है कि भूटान और भारत मिलकर भूटान के लिये एक छोटे उपग्रह के संयुक्त विकास के लिये काम कर रहे हैं ।’’

नेपाल के संबंध में समिति ने कहा कि उसका मानना है कि नेपाल को सहायता मद के तहत बजटीय आवंटन वर्ष 2020-21 के बजटीय अनुमान में 800 करोड़ रूपये था और 2021-22 के बजटीय अनुमान में इसमें सुधार दर्ज किया गया है और यह 992 करोड़ रूपये हो गया है।

अफगानिस्तान के संबंध में रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति इसका संज्ञान लेती है कि अफगानिस्तान को सहायता के तहत बजटीय आवंटन वर्ष 2020-21 में 400 करोड़ रूपये से वर्ष 2021-22 में 350 करोड़ रूपये हो गया है ।

समिति ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद अफगानिस्तान को बजटीय आवंटन का 76 प्रतिशत राशि का अब तक उपयोग हो चुका है ।

रिपोर्ट के अनुसार, म्यामां को सहायता के तहत बजटीय आवंटन वर्ष 2020-21 में 300 करोड़ रूपये था जो संशोधित अनुमान में 350 करोड़ रूपये कर दिया गया ।

समिति ने कहा कि म्यामां को वर्ष 2021-22 के बजटीय अनुमान में यह 400 करोड़ रूपये है जो कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोट परियोजना, तटीय निगरानी रडार, त्रिपक्षीय राजमार्ग आदि की स्थापना परियोजना को पूरा करने से जुड़ी है।

समिति ने कोविड-19 महामारी के कारण श्रीलंका में वर्ष 2020-21 में बजटीय आवंटन में कमी का उल्लेख किया है।

मालदीव के संबंध में संसदीय समिति ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान मालदीव में परियोजना कार्यान्वयन में कमी आई है ।

Indian Foreign Policy
India
China
Nepal
bhutan
Bangladesh
Pakistan
Afghanistan

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार

वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं

कार्टून क्लिक: चीन हां जी….चीन ना जी

जम्मू-कश्मीर के भीतर आरक्षित सीटों का एक संक्षिप्त इतिहास

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License