NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज कुइरेगा आगामी चुनावों से हटे
कुइरोगा दक्षिणपंथी समूह की ओर से राष्ट्रपति पद के तीसरे उम्मीदवार हैं जो पिछले एक महीने में चुनावी दौड़ से बाहर हो गए हैं।
पीपल्स डिस्पैच
12 Oct 2020
जॉर्ज कुइरेगा

बोलीविया के पूर्व राष्ट्रपति और दक्षिणपंथी लिबरे 21 पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉर्ज कुइरोगा ने 11 अक्टूबर को घोषणा की कि वह 18 अक्टूबर को होने वाले चुनावों से अपनी उम्मीदवारी वापस ले रहे हैं। अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कुइरोगा ने स्वीकार किया कि उनके जीतने की कोई संभावना नहीं थी और वह पहले दौर में चुनाव जीतने के लिए वामपंथी पार्टी मूवमेंट टूवार्ड्स सोशलिज्म (एमएएस) को रोकने के लिए राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो रहे थे।

साल 2001 से 2002 के बीच एक साल तक बोलीविया पर शासन करने वाले कुइरेगा ने कहा, “मेरे साथ आने वाले महत्वपूर्ण लोग संसद में जाने के लायक हैं, लेकिन कभी भी उस क़ीमत पर नहीं जिससे एमएएस पहले दौर में राष्ट्रपति पद को सुरक्षित रख सकता है। यह संभावना थोड़ी है लेकिन राष्ट्रपति होने की मेरी संभावना से बड़ी है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि 18 अक्टूबर को सीधे सरकार में प्रवेश करने का एमएएस का जोखिम कितना कम है ऐसे में मैं इसे रोकने के लिए अपनी शक्ति से सब कुछ करता हूं।” पूरे चुनाव अभियान के दौरान वोट देने के रुझानों के सभी ओपिनियन पोल्स में कुइरोगा को केवल 1 से 2% वोट मिले थे।

कुइरोगा राष्ट्रपति पद के तीसरे उम्मीदवार हैं जो पिछले एक महीने में चुनावी दौड़ से बाहर हो गए हैं। पिछले हफ्ते 7 अक्टूबर को दक्षिणपंथी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक एक्शन (एडीएन) पार्टी ने अपने हटने की घोषणा की थी। इससे पहले 17 सितंबर को एमएएस के ख़िलाफ़ कन्जर्वेटिव वोट के डिविजन को रोकने के लिए तख्तापलट शासन में नियुक्त अंतरिम राष्ट्रपति जीनिन अनेज राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए। अनेज ने एक ओपिनियन पोल के परिणाम के सामने आने के बाद ये निर्णय लिया जिसने उन्हें राष्ट्रपति पद की दौड़ में चौथे स्थान पर रखा था। तीनों दल अभी भी बैलेट पेपर पर दिखाई देंगे क्योंकि उन्होंने इस चुनाव से काफी देर बाद हटने का फैसला लिया है। हालांकि, उनके द्वारा प्राप्त वोट को स्प्वाइल्ट वोट के रूप में गिना जाएगा।

कुइरोगा की घोषणा के बाद पांच उम्मीदवार चुनावी दौड़ में हैं: एमएएस पार्टी के पूर्व इकोनॉमिक मिनिस्टर लुइस एर्से; सिटिजन कम्यूनिटी (सीसी) के दक्षिणपंथी गठबंधन के पूर्व राष्ट्रपति कार्लोस मेसा, दक्षिणपंथी क्रीमोस पार्टी के लुइस फर्नांडो केमाचो, फ्रंट फॉर विक्ट्री (एफपीवी) के ची ह्युन चुंग और नेशनल एक्शन पार्टी के फेलिसियानो मामानी हैं।

एमएएस के लुइस एर्से अब तक प्रकाशित सभी ओपिनियन पोल में पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं। बीते कल प्रकाशित हुए एक अन्य ओपिनियन पोल से पता चलता है कि वह केवल 0.9% मतों से चुनाव जीतने से दूर रहे।

बोलीविया की संविधान के अनुसार पहले दौर में जीतने के क्रम में मुख्य उम्मीदवार को रनर-अप से 10% की बढ़त के साथ 50% से अधिक वोट या 40% से अधिक वोटों से जीतना होता है।

bolivia
Bolivia Elections
George Cuirega
ADN
Nationalist Democratic Action

Related Stories

क्या चिली की प्रगतिशील सरकार बोलीविया की समुद्री पहुंच के रास्ते खोलेगी?

पत्रकारिता एवं जन-आंदोलनों के पक्ष में विकीलीक्स का अतुलनीय योगदान 

बोलिवियाई लोगों को तख्तापलट करने वाली नेता जीनिन आनेज़ के जेल से भागने की आशंका

बोलिविया के तख़्तापलट में शस्त्र मुहैया कराने के मामले में अर्जेंटीना ने जांच शुरू की

बोलीविया सरकार ने इक्वाडोर द्वारा तख़्तापलट सरकार को हथियारों की आपूर्ति की जांच की

साकाबा नरसंहार के एक साल बाद बोलीविया ने पीड़ितों को याद किया और न्याय की मांग की

बोलिवियाई लोगों ने एक विशाल रैली में ईवो मोरालेस का स्वागत किया

बोलिवियाः लुइस एर्से ने राष्ट्रपति और डेविड चोकेहुआंसा ने उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया

बोलीवियाः एमएएस ने ला पाज़ में कैम्पेन हेडक्वार्टर के पास विस्फ़ोट की निंदा की

बोलीविया के चुनावी नतीजों के मायने!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License