NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फ़्रांस के शिक्षकों ने कक्षाओं और स्कूलों में सुरक्षा की मांग करते हुए हड़ताल की
COVID-19 मामलों में नए वृद्धि के मद्देनज़र देश भर में भीड़भाड़ वाले स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने में सरकार की विफलता पर वे नाराज़ हैं।
पीपल्स डिस्पैच
12 Nov 2020
 Teachers Protest

फ्रांस के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने देश में COVID-19 मामलों में नई वृद्धि के मद्देनज़र सभी स्कूलों के लिए प्रभावी सुरक्षा प्रोटोकॉल की मांग करते हुए मंगलवार 10 नवंबर को राष्ट्रीय हड़ताल किया। इस हड़ताल का आह्वान जनरल कन्फेडरेशन ऑफ लेबर (सीजीटी), फेडरेशन सिंडिकेले यूनिटेयर (एफएसयू),नेशनल यूनियन ऑफ हाई स्कूल, कॉलेज, स्कूल एंड हायर एजुकेशन (एसएनएएलसी), सॉलिडेयर यूनिटेयर डेमोक्रैटिक्स (एसयूडी), एफएनईसी-एफपी-एफओ और एसएनसीएल-एफएईएन सहित कई यूनियन ने किया था। इन यूनियनों ने सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए 30 से अधिक विद्यार्थियों वाली कक्षाएं विभाजित करने के लिए और अधिक कर्मचारियों को तत्काल भर्ती करने की मांग की है।

फ्रांस में COVID-19 मामलों में वृद्धि देखी जा रही है और 10 नवंबर तक 42,207 मौतों के साथ लगभग 18,29,659 कोविड के मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले हफ्ते, देश के कई हिस्सों में हाई स्कूल के छात्रों ने शिक्षकों के समर्थन से भीड़भाड़ वाले स्कूलों में स्वास्थ्य सुरक्षा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर इन विरोध प्रदर्शनों को पुलिस की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जिससे युवाओं और देश के अन्य प्रगतिशील वर्गों में ख़ासी नाराज़गी है।

Ruptly के अनुसार 10 नवंबर को प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने पेरिस में राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रालय के कार्यालय के पास एक रैली की और शिक्षा मंत्री जीन-मिशेल ब्लैंकेर के इस्तीफे की मांग की जो स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे। विरोध करने वाले शिक्षकों में से एक ने Ruptlyसे कहा कि "जो हमें सबसे अधिक परेशान करता है वह है स्वास्थ्य की चिंता और उपयुक्त सुरक्षा की कमी। हम कपड़े का मास्क पहनते हैं जो कि आप यहां देख सकते हैं और ये महामारी के प्रसार से हमारी रक्षा नहीं करते हैं।"

सीजीटी एजुकेशन (CGT Éduc'action) ने कहा कि वह कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या में कमी करने की मांग करता रहा है लेकिन मंत्रालय ने कक्षा में उपस्थित और दूरस्थ शिक्षा में समान विभाजन के साथ कक्षाओं का संचालन करने का निर्णय लिया और यह शिक्षकों के लिए अतिरिक्त कार्यभार है। सीजीटी एजुकेशन की मांग जारी है कि सभी छात्रों को समायोजित करने के लिए अधिक स्टाफ की भर्ती और आवश्यक परिसरों की व्यवस्था करके कम संख्या में पाठ्यक्रमों को पूरा किया जाए।

फ्रेंच कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीएफ) ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों के साथ समर्थन और एकजुटता व्यक्त की है। पीसीएफ ने कहा है कि "शिक्षा एक राष्ट्रीय सार्वजनिक सेवा है: इसलिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को लागू किया जाना चाहिए जो सभी प्रतिष्ठानों को काम करने की स्पष्ट दिशा प्रदान करता है।"

France
teachers protest
COVID-19
CGT
FSU
SNALC

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License