NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जीएनसीटीडी संशोधन कानून दिल्ली में शासन को पंगु बना देगा : पूर्व नौकरशाहों का संयुक्त बयान
“कानून की धारा 44 अब कहती है कि कार्यपालिका संबंधी कोई भी कार्रवाई करने से पहले निर्वाचित सरकार को उप राज्यपाल की पूर्व अनुमति लेनी होगी। यह बात उन मामलों में भी लागू होगी, जहां विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार है। यह उच्चतम न्यायालय के फैसलों के सीधे विरूद्ध है….।”
भाषा
10 Apr 2021
kejriwal

नयी दिल्ली : हाल में बनाए गए जीएनसीटीडी (संशोधन) कानून के प्रावधान न सिर्फ दिल्ली में शासन को पंगु बना देंगे बल्कि इसका देश में संघीय शासन चलाये जाने पर भी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। 76 पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने संयुक्त बयान जारी कर शुक्रवार को यह बात कही।

बयान में कहा गया कि यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण हैं और कानून के लिहाज से भी बुरा है। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार, योजना आयोग के पूर्व सचिव एन सी सक्सेना, पूर्व आईएएस अधिकारी अरुणा रॉय और कृषि विभाग के पूर्व सचिव सिराज हुसैन भी शामिल हैं।

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) कानून, 2021 निर्वाचित सरकार पर दिल्ली के उप राज्यपाल को सर्वोच्चता देते है। कानून के मुताबिक दिल्ली में “सरकार” का मतलब “उप राज्यपाल” है।

बयान में कहा गया, “कानून की धारा 44 अब कहती है कि कार्यपालिका संबंधी कोई भी कार्रवाई करने से पहले निर्वाचित सरकार को उप राज्यपाल की पूर्व अनुमति लेनी होगी। यह बात उन मामलों में भी लागू होगी, जहां विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार है। यह उच्चतम न्यायालय के फैसलों के सीधे विरूद्ध है….।”

इसमें कहा गया कि दिल्ली विधानसभा की शक्तियों में कटौती कर और निर्वाचित सरकार की कार्यकारी शक्तियों को उप राज्यपाल में निहित कर, संसद ने संविधान में संशोधन के बिना ही, महज जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन के जरिये, अनुच्छेद 239 एए के प्रावधानों को नकार दिया है।

GNCTD
GNCTD 2021 bill
Arvind Kejriwal

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?

‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप

मुंडका अग्निकांड के लिए क्या भाजपा और आप दोनों ज़िम्मेदार नहीं?

ख़बरों के आगे-पीछे: राष्ट्रपति के नाम पर चर्चा से लेकर ख़ाली होते विदेशी मुद्रा भंडार तक

मुंडका अग्निकांड: लापता लोगों के परिजन अनिश्चतता से व्याकुल, अपनों की तलाश में भटक रहे हैं दर-बदर

पंजाब पुलिस ने भाजपा नेता तेजिंदर पाल बग्गा को गिरफ़्तार किया, हरियाणा में रोका गया क़ाफ़िला

निचले तबकों को समर्थन देने वाली वामपंथी एकजुटता ही भारत के मुस्लिमों की मदद कर सकती है


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License