NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
सीएए-एनआरसी : 30 जनवरी को देशव्यापी विरोध, सैंकड़ों किलोमीटर लंबी ह्यूमन चेन बनाने की तैयारी
महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर CAA-NRC के विरोध में 100 से ज़्यादा संगठन 'हम भारत के लोग' के बैनर तले शाम 5:17 बजे एक ह्यूमन चेन बनाएंगे। इसमें छात्र, नागरिक समाज के लोग, किसान और मज़दूर संगठन भी शामिल हैं।
सोनिया यादव
25 Jan 2020
we the people of india

‘यदि सिंध या और जगहों से लोग डर के मारे अपने घर-बार छोड़ कर यहां आ जाते हैं तो क्या हम उनको भगा दें? यदि हम ऐसा करें तो अपने को हिंदुस्तानी किस मुंह से कहेंगे? हम कैसे जय हिंद का नारा लगाएंगे? यह कहते हुए उनका स्वागत करें कि आइये यह भी आपका मुल्क है और वह भी आपका मुल्क है। इस तरह से उन्हें रखना चाहिए। यदि राष्ट्रीय मुसलमानों को भी पाकिस्तान छोड़कर आना पड़ा तो वे भी यहीं रहेंगे। हम हिंदुस्तानी की हैसियत से सब एक ही हैं। यदि यह नहीं बनता तो हिंदुस्तान बन नहीं सकता।’ 

--महात्मा गांधी

आज जब देश में नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए का विरोध हो रहा है तो ऐसे में महात्मा गांधी द्वारा प्रार्थना सभा में दिए 12 जुलाई 1947 के प्रवचन की इन पंक्तियों को याद कर लेना चाहिए। इस प्रवचन को अशोक वाजपेयी ने संकलित किया है। रज़ा फ़ाउंडेशन और राजमकल प्रकाशन ने इसे हिंदी में प्रकाशित किया है। महात्मा गांधी इसमें हिंदुस्तान और हिंदुस्तानी होने की मूल भावना के बारे में बात कर रहे हैं।

30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। इसी दिन 1948 की शाम बिरला हाउस के प्रार्थना स्थल पर नथूराम गोडसे ने अपनी बेरेटा पिस्टल की तीन गोलियाँ लगभग 5 बजकर 17 मिनट पर महात्मा गाँधी के शरीर में उतार दी थीं। इस साल 30 जनवरी को नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में सैकड़ों किलोमीटर बड़ी मानव श्रृंखला बनाने की योजना है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ विरोध में उतरे 100 से ज़्यादा संगठनों ने एक नया बैनर तैयार किया है - We The People of India… यानी 'हम भारत के लोग'। ये सभी संगठन 30 जनवरी की शाम 5.17 मिनट एक ह्यूमन चेन बनाएंगे, ये वही समय है जब गांधी जी को गोली मारी गई थी। इस बैनर से राजमोहन गांधी, महादेव विद्रोही, मेधा पाटकर, जीजी. पारिख, हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण, एस. वाई कुरैशी, वजाहत हबीबुल्लाह सहित कई बड़ी हस्तियां जुड़ी हैं।

f8d24bb2cbbf7d67baa02774437370c2_342_660_0.jpg

इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने संवाद्दाता सम्मेलन में कहा, "यह गांधी बनाम गोडसे की विचारधारा के बीच की लड़ाई है। एक सोच सभी धर्मों को साथ लेकर चलने की बात करती है, दूसरी सिर्फ़ एक धर्म का वर्चस्व स्थापित करना चाहती है। हमने 30 जनवरी की शाम को देश भर में सीएए, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ ह्यूमन चेन (मानव श्रृंखला) बनाने की अपील की है। हम देश भर में जो प्रोटेस्ट हो रहे हैं उनको कोआर्डिनेट करने की कोशिश कर रहे हैं।”

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों की 'सत्याग्रह मानव श्रंखला' बनाने के लिए राजघाट पर एकत्रित होने की भी योजना है। इसमें 60 से अधिक छात्र संगठनों के शामिल होने की संभावना है। इस संबंध में एक पोस्टर और एक निमंत्रण-पत्र पर 'यंग इंडिया अगेंस्ट सीएए-एनआरसी-एनपीआर' के सदस्यों ने अभियान के बाबत लिखा, 'फ़ाइट अगेंस्ट द गोडसे ऑफ़ पास्ट, प्रेज़ेंट एंड फ़्यूचर। (अतीत, वर्तमान और भविष्य के गोडसे के ख़िलाफ़ लड़ाई।'

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन. साईं बालाजी ने इस विरोध का महत्व बताते हुए कहा, "हम 30 जनवरी को युवा भारत के हिस्से के रूप में यह सुनिश्चित करेंगे कि देश में लोकतंत्र बरकरार रहे और सीएए और एनआरसी जैसे क़ानून लागू न हों।"

images 2_0.jpg

जामिया को ऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य सरफ़राज़ ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, "गांधी जी हिंदू-मुस्लिम एकता के सूत्रधार थे, जबकि गोडसे एक ख़ास विचारधारा को मानने वाला था। 30 जनवरी को हम देश में समानता के अधिकार को उजागर और सुरक्षित करने के लिए मानव श्रृंख्ला बनाएंगे। ये सरकार ऐसा दिखाने का प्रयास करती है कि वह महात्मा गांधी के मूल्यों का अनुसरण करती है, लेकिन वास्तव में वह गोडसे के आदर्शो पर चलती है। हमारा लक्ष्य है कि हम उन्हें यह बताएं कि सही मायने में हम गांधी के मूल्यों पर चलते हैं। जामिया के संस्थापक गांधी थे। हम उनसे गांधी वापस लेंगे।"

छात्र संगठनों के साथ नागरिक समाज के लोग भी 30 जनवरी को इस आंदोलन में भागीदारी कर रहे हैं। कहीं मौन रख कर, तो कहीं काम रोक कर इस दिन को विरोध का विशेष दिन बनाने की कोशिश जारी है। 'वी द पीपल ऑफ़ इंडिया' के नेतृत्व में किसान और मज़दूर संगठन भी इस कानून के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज करवाएंगे।

श्रम संगठनों के अनुसार कार्यकर्ता, मज़दूर और आम लोग 30 जनवरी को शाम 5.17 बजे इंजन ऑफ़ करके एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। मज़दूर और श्रमिक 5.17 बजे इंजन ऑफ़ करके महात्मा गांधी की शहादत को याद करते हुए सीएए के ख़िलाफ़ अपना मत प्रदर्शित करेंगे। श्रमिक फ़ैक्ट्रियों के बाहर निकलकर गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

आरटीआई एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने इस संबंध में मीडिया को बताया, "राजघाट के अलावा शांति वन, हनुमान मंदिर, लाल किला (कोड़िया पुल), जामा मस्जिद, गोलचा और दिल्ली गेट सहित दस स्थानों पर मानव श्रंखला बनाई जाएगी। इन सभी स्थानों से होते हुए क़रीब चार किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाई जाएगी। यह कार्यक्रम 30 जनवरी को शाम 3.30 बजे शुरू होगा और 5.17 बजे राष्ट्रगान के साथ समाप्त होगा। सीएए का विरोध कर रहे लोग दिल्ली में दूसरे स्थानों पर भी इसी तरह की मानव श्रंखला बनाएंगे।"

अंजलि ने आगे कहा, "हमारी मांगें हैं कि सीएए को वापस लिया जाए, एनपीआर और एनआरसी न लागू हो। देश में इनके ख़िलाफ़ निरंतर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हम उनका समर्थन करते हैं। 30 जनवरी को हमारा प्रदर्शन ग़ैर-राजनीतिक हैं। इस लड़ाई को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है, इसलिए हम सभी से अपील करते हैं कि साथ आएं।"

ग़ौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए 10 जनवरी 2020 से देश भर में लागू कर दिया है। इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन, धरना, जुलूस और मार्च जारी है। जहां सरकार इस क़ानून से एक इंच भी पीछे न हटने की बात कर रही है तो वहीं प्रदर्शनकारी भी 'आइडिया ऑफ़ इंडिया' को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं। महिलाओं ने अपना आंदोलन तेज़ कर दिया है, देश के कई इलाक़े शाहीन बाग़ बन गए हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

CAA
NRC
NPR
We the people of India
human chain
Mahatma Gandhi
yogendra yadav
Young India against CAA-NRC-NPR
Nation wide protest
BJP
modi sarkar

Related Stories

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

आईपीओ लॉन्च के विरोध में एलआईसी कर्मचारियों ने की हड़ताल

जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

दिल्ली: सांप्रदायिक और बुलडोजर राजनीति के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान
    23 Apr 2022
    केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हत्याओं और राज्य में सामाजिक सौहार्द्र को खराब करने की कोशिशों की निंदा की है। उन्होंने जनता से उन ताकतों को "अलग-थलग करने की अपील की है, जिन्होंने सांप्रदायिक…
  • राजेंद्र शर्मा
    फ़ैज़, कबीर, मीरा, मुक्तिबोध, फ़िराक़ को कोर्स-निकाला!
    23 Apr 2022
    कटाक्ष: इन विरोधियों को तो मोदी राज बुलडोज़र चलाए, तो आपत्ति है। कोर्स से कवियों को हटाए तब भी आपत्ति। तेल का दाम बढ़ाए, तब भी आपत्ति। पुराने भारत के उद्योगों को बेच-बेचकर खाए तो भी आपत्ति है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लापरवाही की खुराकः बिहार में अलग-अलग जगह पर सैकड़ों बच्चे हुए बीमार
    23 Apr 2022
    बच्चों को दवा की खुराक देने में लापरवाही के चलते बीमार होने की खबरें बिहार के भागलपुर समेत अन्य जगहों से आई हैं जिसमें मुंगेर, बेगूसराय और सीवन शामिल हैं।
  • डेविड वोरहोल्ट
    विंबलडन: रूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध ग़लत व्यक्तियों को युद्ध की सज़ा देने जैसा है! 
    23 Apr 2022
    विंबलडन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को इस साल खेल से बाहर रखा जाएगा। 
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    प्रशांत किशोर को लेकर मच रहा शोर और उसकी हक़ीक़त
    23 Apr 2022
    एक ऐसे वक्त जबकि देश संवैधानिक मूल्यों, बहुलवाद और अपने सेकुलर चरित्र की रक्षा के लिए जूझ रहा है तब कांग्रेस पार्टी को अपनी विरासत का स्मरण करते हुए देश की मूल तासीर को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License