NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
लखनऊ का घंटाघर : प्रदर्शनकारियों पर मुकदमा लेकिन हौसले बुलंद  
लखनऊ में संशोधित नागरिकता क़ानून के खिलाफ धरना दे रहे एक प्रदर्शनकारी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है और 21 के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया है। ज़िला प्रशासन द्वारा नागरिक समाज से जुड़े 10 लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें घंटा घर जाने से मना किया गया है।
असद रिज़वी
11 Feb 2020
UP Ghanta ghar protest

लखनऊ में “घंटाघर चलो अभियान” में शामिल होने आये लोगों पर पुलिस ने रविवार की शाम से कार्रवाई शुरू कर दी।बहुजन मुस्लिम महासभा के उपाध्यक्ष मोहम्मद ताहिर को पुलिस ने प्रदर्शनस्थल से गिरफ़्तार कर लिया। एक कंप्यूटर संचालक मोहम्मद ताहिर पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि 19 दिसंबर 2019 को संशोधित नागरिकता क़ानून के प्रदर्शन दौरान हुई हिंसा में वह शामिल थे। पुलिस का कहना है कि मोहम्मद ताहिर घंटाघर पर हो रहे प्रदर्शन में स्वयं भी शामिल होते हैं और दूसरों को भी धरने में जाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

इसके अलावा पुलिस द्वारा 21 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें ज़्यादातर महिलाएँ हैं।पुलिस द्वारा नासरीन जावेद, उज़्मा परवीन, शबीह फ़ात्मा, अब्दुल्लाह, स्वैव (रिहाई मंच ), नाहिद अक़ील, रुखसाना ज़िया, हाजरा, इरम, नताशा, सय्यद ज़रीन, सना, अकरम नक़वी, अल हुदा, दानिश हलीम, पी ०सी ० कुरील , फहीम सिद्दीक़ी, मुर्तुज़ा अली , मोहम्मद एहतेशाम , मोहम्मद अकरम और सदफ़ जाफ़र हैं ।बता दें कि इनमें से कई पर पहले से भी प्रदर्शन करने के लिए मुक़दमे दर्ज हैं और सदफ़ जाफ़र ज़मानत पर रिहा हुई हैं।

हालाँकि मुक़दमें दर्ज होने के बाद भी प्रदर्शनकारियों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है। धरना जारी रखे जाने की बात कही जा रही है।ज़मानत पर रिहा हुई सदफ़ जाफ़र कहती हैं कि जब तक नया नगरिकता क़ानून वापिस नहीं होगा तब तक धरना ख़त्म नहीं होगा। उन्होंने कहा “संविधान के दायरे में रहते हुए धरना जारी रहेगा, पुलिस चाहे तो अपनी संतुष्टि के लिए कितने भी निर्दोषो के ख़िलाफ़ मुक़दमे क्यों न दर्ज कर लें”
IMG_5418.jpg
राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन  कुरील कहते हैं कि वह संविधान को बचाने के लिए जेल जाने को तैयार हैं।उन्होंने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस मनुवाद की ग़ुलाम हो गई है और इस लिए बहुजन समाज और अल्पसंख्यक समाज को निशाना बना रही है। कुरील ने आगे कहा वह नागरिकता संशोधन क़ानून से इस लिए जुड़े हैं क्योंकि इस क़ानून से देश में समानता ख़त्म होगी और ग़ैर-बराबरी का समाज जन्म लेगा।

पुलिस द्वारा नागरिक समाज से जुड़े लोगों और धर्मगुरुओं को नोटिस देकर घंटाघर पर नहीं जाने कि हिदायत दी जा रही है। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब के अलावा मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित संदीप पाण्डे, आईपीएस दारापुरी (रिटाइर्ड), लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व उपकुलपति प्रो० रूप रेखा वर्मा,  मौलाना सैफ़ अब्बास और मौलाना कल्बे सिब्तैन “नूरी” को नोटिस मिले हैं।मौलाना सैफ़ अब्बास घर पर नहीं थे तो पुलिस उनके दरवाज़े पर नोटिस चस्पा कर चली गयी।  
IMG_5399.jpg
लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व उपकुलपति प्रोफ़ेसर रूप रेखा वर्मा ने बताया कि रविवार की सुबह सात बजे पुलिस उनके घर आयी और नोटिस थमा दिया कि वह घंटा घर न जाए। थोड़ी देर बाद क़रीब 7:45 पर अलीगंज पुलिस उन के घर पहुँची और उनकी निजी जानकारी माँगी। पुलिस ने प्रोफ़ेसर रूप रेखा वर्मा से एसएचओ कि बात कराई जिन्होंने उनको धरनास्थल पर नहीं जाने कि हिदायत दी।

रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब के अनुसार उनके घर आधी रात में पुलिस नोटिस ले कर पहुँची थी। उच्च  रक्तचाप के मरीज़ रिहाई मंच मोहम्मद शोएब कहते हैं रात भर पुलिस ने उनको सोने नहीं दिया और दबाव बनाती रही कि वह प्रदर्शन में शामिल होने नहीं जाया करें। उल्लेखनीय है कि मोहम्मद शोएब हाल में ही जेल से रिहा हुए हैं और उनको 20 दिसंबर 2019 को नगरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने के लिए जेल भेज दिया गया था।
IMG_5431.jpg
इसके अलावा घंटाघर पर धरने में आ रहे प्रदर्शनकारियों कि गाड़ियों के पुलिस द्वारा चालान किए जा रहे हैं।पुलिस के अनुसार इन गाड़ियों कि वजह से यातायात में बाधा उत्पन हो रही है।

उधर कानपुर में भी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की बर्बरता के बाद तनाव का महौल बना हुआ है। पुलिस द्वारा मंगलवार सुबह तीन बजे महिलाओं पर हुए लाठीचार्ज के बाद बड़ी संख्या में महिलाएँ सड़क पर प्रदर्शन कर रही हैं। अजमेरी चौराहे से मोहम्मद अली शाह पार्क (चमनगंज) तक की सड़क पर सिर्फ़ महिलाएँ हैं। पुलिस के आग्रह के बाद भी वह अब पार्क में वापिस नहीं जा रही हैं। महिलाओं का कहना की पुलिस ने पार्क में चल रहे हमारे शांतिपूर्ण धरने पर लाठीचार्ज किया। इसलिए अब हम सड़क पर प्रदर्शन करेंगे।

UttarPradesh
Lucknow
CAA
NRC
Protest against CAA
Lucknow Ghantaghar Protest
UP police
yogi sarkar
Yogi Adityanath
BJP
Amit Shah
religion
Rihai Manch
Mohammad Shoib

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License