NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
ख़बर भी, नज़र भी: लो अपनी ‘सी’ टीम भी आ गई!
देश की राजनीति में आजकल ‘ए’ टीम से ज़्यादा ‘बी’ टीम की बातें ज़्यादा होती हैं, लेकिन अब तो ‘सी’, ‘डी’ टीमें भी तैयार हो रही हैं। मज़ेदार है कि हर कोई दूसरे को बी और सी टीम कहता है। बेहतर हो कि यहां भी आईपीएल की तरह ‘खिलाड़ियों’ की खुली बोली लग जाए तो सारा झंझट ही दूर हो जाए। सारे भ्रम दूर हो जाएंगे। न कोई बावफ़ा होगा, न बेवफ़ा। न कोई ख़ुशफ़हमी रहेगी, न ग़लतफ़हमी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
01 Mar 2021
cartoon

कांग्रेस में काफ़ी कुछ बदल रहा है, लेकिन कांग्रेस नहीं बदल रही। ख़ैर...अब कांग्रेस का G-23 यानी असंतुष्ट नेताओं का ग्रुप अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। प्रमुख नेता ख़ासकर गुलाम नबी आज़ाद खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ कर रहे हैं। उनको लेकर पार्टी के भीतर भी आवाज़े उठ रही हैं। और जल्दी ही कोई नयी राजनीति या उलट-फेर देखने को मिल सकता है।

जाखड़ ने ‘समूह 23’ के नेताओं पर अवसरवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया

चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को कहा कि ‘समूह 23’ के असंतुष्ट नेताओं को “अवसरवाद की राजनीति” करना बंद कर देना चाहिए।

शनिवार को जम्मू में एकत्र हुए कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर और आनंद शर्मा द्वारा दिए गए बयानों पर जाखड़ ने एक वक्तव्य में कहा कि जो लोग संगठन में सुधार का विरोध कर रहे हैं वह न केवल पार्टी बल्कि देश का अहित कर रहे हैं।

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के विरोधस्वरूप कांग्रेस ने पंजाब के राजभवन का घेराव करने की योजना बनाई है।

इसका हवाला देते हुए जाखड़ ने कहा, “आइये और मेरे साथ प्रदर्शन में भाग लीजिये। यह आप सबके लिए एक नया सबक होगा। हम उनके लिए आवाज उठाएंगे जो राज्यसभा के आरामदायक वातावरण से दूर हैं।”

उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अवसरवाद की राजनीति कर रहे हैं और वह ऐसे समय कर रहे हैं जब कांग्रेस का हर कार्यकर्ता, दमनकारी केंद्र सरकार से ‘भारत के विचार’ की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहा है।

जाखड़ ने कहा कि देश चाहता है कि कांग्रेस संघर्ष की राजनीति में शामिल हो और आम आदमी की आवाज बुलंद करे।

अपने अतीत को लेकर साफ़गोई के लिए आज़ाद ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की

जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह एक चाय बेचने वाले के रूप में अपने अतीत के बारे में खुलकर बोलते हैं तथा दुनिया से अपने अतीत को छिपाने की कोशिश नहीं करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने यहां गुर्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति को दुनिया से अपनी असलियत नहीं छिपानी चाहिए।

आजाद ने कहा, ‘‘मैं कई नेताओं की प्रशंसा करता हूं... मैं खुद गांव का हूं और मुझे इसका फक्र है। मैं अपने प्रधानमंत्री जैसे नेताओं की काफी प्रशंसा करता हूं जो कहते हैं कि वह गांव से हैं। वह चाय बेचते थे।’’

आजाद ने कहा, ‘‘मेरे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन वह अपने अतीत को नहीं छिपाते हैं।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राज्यसभा में आजाद को विदाई देते समय उनकी जमकर तारीफ की थी और एक घटना का जिक्र करते हुए भावुक भी हो गए थे। आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे।

आजाद की इस टिप्पणी से एक दिन पहले कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठनात्मक फेरबदल की मांग करने वाले ‘जी-23’ के कई नेता एक मंच पर एकत्र हुए थे। उनका कहना था कि पार्टी कमजोर हो रही है और वे इसे मजबूत करने के लिए एक साथ आये हैं।

कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है।

मीडियाकर्मियों के साथ संक्षिप्त बातचीत में आजाद इस बात से सहमत नहीं थे कि शनिवार को यहां एक कार्यक्रम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पार्टी आलाकमान को संदेश देने के लिए शक्ति प्रदर्शन थी।

उन्होंने कहा, “मैं डेढ़ साल के अंतराल के बाद लौटा हूं। कोविड-19 महामारी से पहले (पिछले साल मार्च में), बजट और शीतकालीन सत्र था। लंबे समय से मांग थी कि एक समारोह आयोजित किया जाए।’’

केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने से पहले और उसके बाद जम्मू कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "यह किसी डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की तरह है जिसका पद छीन कर उसे साधारण पुलिसकर्मी बना दिया गया हो।’’

आजाद ने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि विकास कार्य तीन चरणों में होते थे जो अब नहीं हो रहे हैं। मैं कई जगहों पर गया और सड़कों को खराब हालत में देखा, उद्योग बंद हो गए। विकास की बात हो रही है लेकिन यह केवल कागजों पर है और यह जमीन पर नहीं दिख रहा है।’’

कांग्रेस नेता ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विकास योजनाएं लागू हों। उन्होंने कहा कि नियमित बजटीय आवंटन से परे अधिक राशि देकर क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाए जैसा कांग्रेस शासन के दौरान होता था।

इससे पहले उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए नागरिक निकायों के चुने हुए प्रतिनिधियों से लोगों के लिए काम करने को कहा।

उन्होंने कहा, “मैं जिला विकास परिषद (डीडीसी) और खंड विकास परिषद (बीडीसी) के सदस्यों सहित चुने हुए प्रतिनिधियों से कहना चाहता हूं, जो अपनी श्रेणियों के लिए आरक्षित सीटों से विजयी हुए हैं, समुदाय के लाभ के लिए अथक परिश्रम करें। आप आरक्षण के जरिए निर्वाचित हुए हैं और यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने समुदाय के लिए अपनी सेवाओं का उपयोग करें।"

देश में विभाजनकारी ताकतों से लड़ने के लिए एकजुट और मजूबत रहे कांग्रेस: अब्दुल्ला

जम्मू: नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि देश में “विभाजनकारी ताकतों” से लड़ने के लिए वह चाहते हैं कि कांग्रेस एकजुट और मजबूत रहे।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आतंकवाद के मूल कारण पर चोट नहीं की की जाएगी तब तक आतंकवादी लोगों को अपना निशाना बनाते रहेंगे।

अब्दुल्ला के बयान से एक दिन पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और ‘समूह 23’ के अन्य असंतुष्ट नेताओं ने यहां एक आयोजन में एकत्रित होकर पार्टी आला कमान को संदेश दिया था।

कश्मीरी पंडितों द्वारा आयोजित एक समारोह में अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, “मैं कांग्रेस को मजबूत देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस एक होकर देश में विभाजनकारी ताकतों से लड़े। कांग्रेस द्वारा देश की समस्याओं को सुलझाने का लोग इंतजार कर रहे हैं। यह इस राष्ट्र का अंग है और डेढ़ सौ साल पुरानी पार्टी है।”

शनिवार को जम्मू में कांग्रेस नेताओं के इकट्ठा होने के सवाल पर अब्दुल्ला ने कहा, “वह (आजाद) कांग्रेस का हिस्सा हैं और वह सभी हैं जो आए थे। वे पार्टी से बाहर नहीं हैं, वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।”

राहुल गांधी ने कथित तौर पर बयान दिया था कि देश में लोकतंत्र मर चुका है।

इस बाबत सवाल किए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, “वह (गांधी) या अन्य नेता (आजाद इत्यादि) क्या कर रहे हैं इस पर प्रतिक्रिया क्यों दूं? मुझे उनसे क्या लेना देना? मेरी पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस है।”

उन्होंने कहा, “इस पर निर्णय उनको (कांग्रेस) करना है। समस्या उनके घर में है और उन्हें इसे सही करना होगा।”

(समाचार एजेंसी भाषा का इनपुट के साथ)

ghulam nabi azad
Narendra modi
Congress
BJP
AIMIM

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License