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भारत
राजनीति
गोवा चुनावः डेढ़ महीने में एक चौथाई विधायकों का इस्तीफ़ा
गोवा में दिसंबर 2021 से लेकर अब तक 10 विधायक इस्तीफा देकर दल बदल कर चुके हैं। इस समय गोवा में क्या चुनावी हलचल है? क्या घटनाक्रम चल रहा है? आइये! नज़र डालते हैं।
राज कुमार
14 Jan 2022
Michael Lobo Resignation
कालंगुट से भाजपा विधायक और मंत्री माइकल लोबो अपना इस्तीफा सौंपते हुए। साभार ट्वीटर माइकल लोबो।

उत्तर प्रदेश से लेकर गोवा तक मंत्रियों और विधायकों की बग़ावत या दल बदल जारी है। अगर हम गोवा की बात करें तो दिसंबर 2021 से लेकर अब तक 10 विधायक इस्तीफा देकर दल बदल कर चुके हैं। यानी मात्र एक महीने के भीतर गोवा के एक चौथाई विधायक इस्तीफा देकर पार्टी बदल चुके हैं। इस समय गोवा में क्या चुनावी हलचल है? क्या घटनाक्रम चल रहा है? आइये! नज़र डालते हैं।

दल बदल का क्रमानुसार ब्योरा

दिसंबर 2021 से लेकर अब तक गोवा विधानसभा के 10 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। जिनमें से चार विधायक भाजपा के हैं जो भाजपा छोड़कर अन्य पार्टी में शामिल हुए हैं। दो विधायक कांग्रेस से, गोवा फारवर्ड और एनसीपी से एक-एक विधायक और दो आज़ाद विधायक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें मंत्रियों से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। जैसे ही चुनाव नज़दीक आ रहा है और पार्टियां अपने उम्मीदवारों की सूचियों को फाइनल करने की तरफ बढ़ रही है, वैसे ही विधायकों में अफरा-तफरी मच गई है। गोवा में 2 दिसंबर 2021 से विधायकों के इस्तीफे और दल बदल का सिलसिला शुरु हुआ जो रुकने का नाम नहीं ले रहा। नीचे क्रमानुसार पिछले एक महीने के इस्तीफों और दल बदल का ब्योरा दिया गया है।

2 दिसंबर 2021 को सालिगांव विधानसभा क्षेत्र से गोवा फारवर्ड पार्टी के विधायक जयेश सालगांवकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने का बाद जयेश 3 दिसंबर 2021 को भाजपा में शामिल हो गये।

7 दिसंबर 2021 को गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रवि नाइक ने स्पीकर को इस्तीफा सौंपा। रवि नाइक पोंडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। रवि नाइक 8 दिसंबर 2021 को भाजपा में शामिल हो गये।

13 दिसंबर 2021 को बेनौलिम से नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ये जानकारी दी कि एनसीपी के विधायी समूह को भंग करके तृणमूल कांग्रेस में विलय कर दिया गया है।

15 दिसंबर 2021 को स्वतंत्र विधायक रोहन खाउंटे ने अपने पद से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गये। रोहन खाउंटे पोरवोरिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।

16 दिसंबर 2021 को कोर्तालिम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक अलिना सलदान्हा ने अपने पद और भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अलिना 17 दिसंबर 2021 को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं।

20 दिसंबर 2021 को कर्टोरिम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक अलेक्सो रेजिनाल्डो इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये।

21 दिसंबर 2021 को वास्को-द-गामा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक कार्लोस अल्मेदा ने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया और कांग्रेस में शामिल हो गये।

9 जनवरी 2022 को संगुएम विधानसभा क्षेत्र से स्वतंत्र विधायक प्रसाद गांवकर ने अपने पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये।

10 जनवरी 2022 को कालंगुट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक एवं मंत्री माइकल लोबो ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 12 जनवरी को माइकल लोबो कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये।

10 जनवरी 2022 को मायेम विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक प्रवीण ज़ांते ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वो किस पार्टी में शामिल होंगे अभी इसकी कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रवीण महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी में जा सकते हैं।

क्या सिद्धांत और कौनसी नैतिकता?

भाजपा छोड़ने वाले विधायकों का कहना है कि भाजपा अब वो पार्टी नहीं रही जो मनोहर पर्रिकर के समय हुआ करती थी। वो अपने सिद्धांतों को भूल चुकी है। जो विधायक कांग्रेस में या तृणमूल कांग्रेस में जा रहे हैं उनका कहना है कि भाजपा को हर सूरत में सत्ता से बाहर करना है। कोई विधायक टिकटों के बंटवारे को लेकर असंतुष्ट है तो कोई अपनी पत्नी के लिए किसी विशेष विधानसभा सीट से टिकट ना मिलने से नाराज़ है। कोई कुछ और बेहतर हासिल करने की फिराक में अभी भी बारगेन कर रहे हैं। कुल मिलाकर बारगेनिंग चल रही है कि किसको क्या मिले या दिया जाए।

इस्तीफा देने और पार्टी बदलने वाले हर विधायक की अपनी एक कहानी है। उन्होंने क्या सोचकर कोई पार्टी ज्वॉयन की थी, क्यों छोड़ी, क्या सैद्धांतिक टकराव थे, किस सैद्धांतिक आधार पर अब किसी और पार्टी में शामिल हो रहे हैं? इन सवालों के सही-सही जवाब कोई नहीं दे रहा। बस इस्तीफे के साथ एक बाइट दे देते हैं और बात ख़त्म।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार है।)

इसे भी पढ़ें : गोवा चुनावः  34 साल में 22 मुख्यमंत्री

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Goa elections 2022
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