शुरुआती समझौते और FIR आदि के बाद क्या सरकार अब विवादास्पद केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र और उनके पुत्र आशीष मिश्र को लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के गुनाह से बचाने की कोशिश कर रही है? विपक्षी नेताओं को घटनास्थल पर जाने रोकने की ऐसी बेचैनी क्यों दिखा रही है सरकार? मीडिया, खासकर हिंदी के अखबारों और न्यूज़ चैनलों ने इस हत्याकांड के कवरेज़ में सत्ताधारी दल के प्रवक्ता से भी बढ़-चढ़कर आचरण क्यों किया? #AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण: