NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
स्वास्थ्य
भारत
राजनीति
देश में जारी ऑक्सीजन संकट के बीच भारत सरकार ने ओपेक देशों से मांगी मदद
शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के 24 राज्यों में फिलहाल 15 फीसदी से अधिक संक्रमण दर है और नौ राज्यों में यह दर पांच से 15 फीसदी के बीच है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 May 2021
देश में जारी ऑक्सीजन संकट के बीच भारत सरकार ने ओपेक देशों से मांगी मदद

नयी दिल्ली: कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई में चिकित्सीय ऑक्सीजन जुटाने के लिए भारत ने ओपेक देशों खासकर सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कुवैत का रुख किया है। देशभर में आज के समय  ऑक्सीजन की किल्ल्त है दिल्ली , बिहार उत्तर प्रदेश , तमिलनाडु और कर्नाटक गंभीर संकट से जूझ रहे है।  इसी संकट से निपटने के लिए भारत सरकार अब विदेशों से मदद ले रही है।

तेल मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए देश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की भारी कमी को पूरा करने के लिए भारत के पारंपरिक तेल आपूर्तिकर्ताओं की तरफ रुख किया और सऊदी अरब, यूएई, कुवैत, कतर और बहरीन के अपने समकक्षों के साथ विचार-विमर्श किया।

प्रधान ने ट्विटर पर लिखा, "पिछले हफ्ते मैंने सऊदी अरब, यूएई और कतर के अपने समकक्षों के साथ भारत में एलएमओ (तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन) का आयात बढ़ाने के तरीकों पर करीबी विचार-विमर्श किया। मैं खासकर यूएई, कुवैत, बहरीन और सऊदी अरब की ओर से मुफ्त एलएमओ की प्ररंभिक आपूर्ति के साथ साथ सदभावना दिखाने की सराहना करता हूं।"
 
दिल्ली में कम से कम चार निजी अस्पतालों ने शुक्रवार को चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी को लेकर अधिकारियों को त्राहिमाम संदेश (एसओएस) भेजा।

मयूर विहार स्थित कुकरेजा अस्पताल, तुगलकाबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित बत्रा अस्पताल, पूसा रोड स्थित सर गंगाराम-कोलमेट अस्पताल तथा कालकाजी स्थित आईरीन अस्पताल ने एसओएस भेजा।

सरकार के अधिकारियों ने एसओएस पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए आईरीन अस्पताल और कुकरेजा अस्पताल में तीन डी-टाइप सिलेंडरों की आपूर्ति की।

अधिकारियों ने कहा एक ऑक्सीजन टैंकर से बत्रा अस्पताल और कुकरेजा अस्पताल को ऑक्सीजन भेजी गई।

कर्नाटक के लोगों को अधर में नहीं छोड़ सकते : उच्चतम न्यायालय

देश के बाकि कई राज्यों की तरह ही कर्नाटक भी ऑक्सीजन की कमी से हाँफ रहा है।   उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 मरीजों के इलाज के वास्ते राज्य के लिए ऑक्सीजन का आवंटन 965 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1200 मीट्रिक टन करने का निर्देश देने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में शुक्रवार को हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि कर्नाटक के लोगों को लड़खड़ाते हुए नहीं छोड़ा जा सकता है।

न्यायमूर्तिडी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि पांच मई का उच्च न्यायालय का आदेश जांचा-परखा और शक्ति का विवेकपूर्ण प्रयोग करते हुए दिया गया है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र की उस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि अगर प्रत्येक उच्च न्यायालय ऑक्सीजन आवंटन करने के लिए आदेश पारित करने लगा तो इससे देश के आपूर्ति नेटवर्क के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी।

पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को कहा कि उसने घटनाक्रम का अध्ययन किया है और वह कह सकती है कि यह “कोविड-19 के मामलों की संख्या को संज्ञान में लेने के बाद पूरी तरह से परखा हुआ, विचार किया हुआ और शक्ति का विवेकपूर्ण प्रयाग करते हुए लिया गया फैसला है। हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे।”

इसमें कहा गया कि आदेश केंद्र को राज्य सरकार के प्रतिवेदन पर विचार करने से और तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति के समाधान की प्रणाली पर परस्पर काम करने से रोकता नहीं है।

मेहता ने कहा कि हर राज्य को ऑक्सीजन चाहिए लेकिन उनकी चिंता यह है कि अगर प्रत्येक उच्च न्यायालय उक्त मात्रा में एलएमओ आवंटन का निर्देश देने लगें तो यह बड़ी समस्या हो जाएगी।

पीठ ने कहा कि वह व्यापक मुद्दे पर गौर कर रही है और “हम कर्नाटक के नागरिकों को लड़खड़ाते हुए नहीं छोड़ सकते हैं।’’

इसने कहा कि उच्च न्यायालय ने तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार किए बिना आदेश पारित नहीं किया है और यह राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 मामलों को देखते हुए न्यूनतम 1165 मीट्रिक टन एलएमओ के अनुमान पर आधारित है।

पीठ ने कहा, “उच्च न्यायालय ने अस्थायी आदेश पारित करने के लिए पर्याप्त कारण बताएं हैं यह ध्यान रखते हुए कि राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम 1165 मीट्रिक टन एलएमओ की मांग का अनुमान रखा गया था। उच्च न्यायालय का निर्देश केवल कुछ समय के लिए है और यह केंद्र एवं राज्य के बीच परस्पर समाधान प्रणाली से रोकता नहीं है।”

इसने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने ऑक्सीजन की कमी के चलते चामराजनगर एवं कलबुर्गी तथा अन्य स्थानों पर हुई लोगों की मौत पर भी विचार किया है और कहा, “न्यायाधीश भी इंसान होते हैं और वे भी लोगों की पीड़ा को देख रहे हैं। उच्च न्यायालय अपनी आंखें बंद नहीं रखते हैं।”

केंद्र ने बृहस्पतिवार को अपील दायर कर कहा था कि उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु शहर में ऑक्सीजन की कथित कमी के आधार पर आदेश पारित किया है और इससे एलएमओ के आपूर्ति नेटवर्क व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और यह व्यवस्था पूरी तरह ढह जाएगी।

कोविड-19 संक्रमण दर वर्तमान में 24 राज्यों में 15 फीसदी से अधिक : स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में कोविड-19 संक्रमण से हाहाकार मज़ा हुआ है , सरकारों की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई है।  वर्तमान में 12 राज्यों में कोरोना वायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है जबकि सात राज्यों में यह संख्या 50 हजार से एक लाख के बीच है। यह जानकारी शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।

मंत्रालय ने बताया कि देश के 24 राज्यों में फिलहाल 15 फीसदी से अधिक संक्रमण दर है और नौ राज्यों में यह दर पांच से 15 फीसदी के बीच है।

इसने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ उन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं जहां कोविड-19 के रोजाना मामलों में लगातार कमी आ रही है।
मंत्रालय ने बताया कि बहरहाल, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और ओडिशा उन राज्यों में शामिल हैं जहां संक्रमण की दर बढ़ रही है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि जो लाभार्थी कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे हैं उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए और अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम को समय पर पूरा किया जाए।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

COVID-19
Coronavirus
Oxygen shortage
OPEC
Organization of the Petroleum Exporting Countries
Corona Crisis
Modi government

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License