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विज्ञान
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एजीआर विवाद में सरकार टेलीकॉम कंपनियों से वसूलेगी 92000 करोड़
एजीआर विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कि सरकार टेलीकॉम कंपनियों से 92 हजार करोड़ रूपये वसूले। इस खबर के आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर के शेयर 23 फीसदी गिर गए।  
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 Oct 2019
SC Telecome
Image courtesy: hindi khabar

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के विवाद से जुड़े 92000 करोड़ रुपए वसूलने फैसला  किया है। अब सवाल बनता है कि ये एजीआर विवाद है क्या ?

टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर का 3% स्पेक्ट्रम फीस और 8% लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एजीआर की गणना टेलीकॉम ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले पर करती हैं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि केवल टेलीकॉम कम्पनी के कोर सोर्स की कमाई को एडीआर में शामिल किया जाएगा। यानी नॉन कोर सोर्स से होने वाली कमाई को बाहर रखा जाएगा।

 किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे नॉन कोर स्त्रोतों से प्राप्त रेवेन्यू को छोड़ बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। विदेशी मुद्रा विनिमय (फॉरेक्स) एडजस्टमेंट को भी एजीआर में माना गया। हालांकि फंसे हुए कर्ज, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव और कबाड़ की बिक्री को एजीआर की गणना से अलग रखा गया। दूरसंचार विभाग किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह टेलीकॉम कंपनियों से बकाया फीस की मांग कर रहा था।

अदालत ने एजीआर के तौर पर इस फैसले को भी बरक़रार रखा है। अदालत के फैसला के तहत कंपनियों को जुर्माना और ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों की अपील खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अब और मुकदमेबाजी नहीं होगी। बकाया भुगतान की गणना के लिए समय अवधि तय की जाएगी।

भारती एयरटेल  को 21,682.13 करोड़ , वोडाफोन को 19,823.71 करोड़, रिलायंस कम्युनिकेशन को 16,456.47 करोड़, बीएसएनएल को 2,098.72 करोड़
एमटीएनएल को 2,537.48 करोड़ रूपये भुगतान करना पड़ेगा। दूरसंचार विभाग ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया लाइसेंस फीस की जानकारी दी थी। कुल 92,641.61 करोड़ रुपए का बकाया बताया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों के शेयर 23% तक लुढ़क गए। वोडाफोन-आइडिया का शेयर इतने नुकसान में रहा।

( भाषा के इनपुट के साथ )

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AGR dispute
Airtel
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Reliance
BSNL
MTNL

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