NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
उत्पीड़न
कानून
भारत
राजनीति
अडानी केस में पत्रकार परंजॉय के खिलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट, पत्रकारों ने जताया ऐतराज़
गुजरात के कच्छ जिले की एक अदालत ने, अडानी समूह के खिलाफ़ एक खबर प्रकाशित करने के मामले में, समूह द्वारा मानहानि के मुकदमे में वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता के खिलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया। दिल्ली जर्नलिस्ट यूनियन ने इसपर कड़ा ऐतराज़ जताया है।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
20 Jan 2021
Paranjoy Guha Thakurta

गुजरात के कच्छ जिले में मुंद्रा की एक अदालत ने अडानी समूह द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुराता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। कई पत्रकार संगठन ठाकुरता के समर्थन में सामने आए हैं और उन्होंने गिरफ़्तारी वारंट पर ऐतराज़ जताया है।

नयी दिल्लीकी निजामुद्दीन थाना पुलिस को निर्देश जारी करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रदीप सोनी की अदालत ने भारतीय दंड संहिता  (भादंसं) की धारा 500 के तहत ठाकुरता  के खिलाफ आरोप तय किया। अदालत ने पुलिस को ठाकुरता को गिरफ्तार करने और उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।’

पत्रकार ने 2017 में अडानी समूह को सरकार की ओर से ‘‘500 करोड़ रुपये का उपहार’ मिलने की खबर प्रकाशित की थी, इसी को लेकर समूह ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

ठाकुरता के  वकील आनंद याग्निक ने कहा, ‘‘हमें अभी तक (अदालत से) सूचना प्राप्त नहीं हुई है। हमारे पास यह सूचना (गिरफ्तारी वारंट की) मीडिया के माध्यम से पहुंची है।’’

उन्होंने कहा कि अडानी समूह ने पत्रिका के संपादक सहित सभी के खिलाफ अपनी शिकायत वापस ले ली है, सिर्फ पत्रकार के खिलाफ शिकायत कायम है।

वकील ने कहा कि ‘‘लेख प्रकाशित करने वाली पत्रिका आपराधिक मानहानि के लिए जिम्मेदार नहीं है, सह-लेखक के खिलाफ भी मामला वापस ले लिया गया है, लेकिन आप लेखक के खिलाफ शिकायत वापस नहीं ले रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘हमने अदालत में मुकदमा खारिज करने की अर्जी दी है।’’ वकील ने बताया कि महामारी के कारण अदालत में सुनवाई बाधित होने की वजह से अडानी समूह द्वारा दायर मुकदमे पर सोमवार को सुनवाई हुई और अदालत ने कहा कि वह समुचित आदेश देगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज उन्होंने समुचित आदेश दिया है।’’

दिल्ली जर्नलिस्ट यूनियन ने वारंट की निंदा की

दिल्ली जर्नलिस्ट यूनियन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कच्छ अदालत द्वारा सम्मानित पत्रकार ठाकुरता के खिलाफ जारी गिरफ़्तारी वारंट की कड़ी निंदा की है। 

यूनियन के अध्यक्ष एस के पांडे ने वारंट की निंदा करते हुए कहा “ यह विडंबना है कि अडानी समूह ने लेख प्रकाशित करने के लिए पत्रिका और सह-लेखक के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया है, लेकिन ठाकुरता के खिलाफ केस वापस नहीं लिया गया। 2017 में इकनॉमिक एण्ड पॉलिटिकल वीकली (ई पी डब्लू) में ठाकुरता के प्रकाशित लेख ने हड़कंप मचा दिया था।  लेख में ठाकुरता ने भारत सरकार पे आरोप लगाया था कि उसने अडानी पावर लिमिटेड को ‘500 करोड़ रुपये का लाभ पहुँचाने’ के लिए विशेष आर्थिक जोन (SEZs) के नियमों में बदलाव किया था।”

अडानी समूह ने लेखक, सह-लेखक और पत्रिका के खिलाफ मानहानी का मुकदमा दायर करने के लिए नोटिस भेजा था। पत्रिका के प्रकाशन समीक्षा ट्रस्ट ने लेख को ईपीडब्‍लू की वेबसाइट से हटा दिया था। यह लेख ठाकुरता के इस्‍तीफ़े का कारण बना।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License