NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
गुजरात : ड्रैगन फ़्रूट का नाम बदल ‘कमलम’ करने का प्रस्ताव, एनसीपी ने कहा वह दिन दूर नहीं जब बीजेपी देश को ‘कमलस्तान’ बोले
"भाजपा फलों के नाम के ज़रिये अपनी ब्रांडिंग कर रही है। हमें लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब वे हिंदुस्तान को कमलस्तान बोलना शुरू कर देंगे।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
21 Jan 2021
Dragon Fruit
Image courtesy: Twitter

मुंबई:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) ने ड्रैगन फ्रूट का नाम ‘कमलम’ करने के गुजरात सरकार के फैसले के बाद बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भगवा पार्टी(बीजेपी) देश को ‘कमलस्तान’ बोलने लगेगी।

बीजेपी पहले शहरो,सडको और संस्थानों के नाम बदलने में व्यस्त थी लेकिन अब उनका नाम बदलो अभियान फलों तक पहुँच गया है। गुजरता के मुख्यमंत्री के इस फैसले को लेकर लोगो उनके खूब मीम बना रहे है। सोशल मिडिया पर इससे जुड़े मीम की बाढ़ आ गई। अचानक से ट्विटर पर भी ड्रैगन फ्रूट की चर्चा होने लगी और #DragonFruit के साथ लोग इसे लेकर अपनी राय साझा करने लगे।

एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने एक बयान में कहा कि भाजपा अब ‘‘फलों के जरिए अपनी ब्रांडिंग’’ का प्रयास कर रही है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम बदलकर ‘कमलम’ करने का फैसला किया है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तापसे ने कहा, ‘‘भाजपा फलों के नाम के जरिए अपनी ब्रांडिंग कर रही है। हमें लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब वे हिंदुस्तान को कमलस्तान बोलना शुरू कर देंगे।

गौरतलब है कि भाजपा का चुनाव चिह्न कमल है।

रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम ‘कमलम’ करने को लेकर पेटेंट के लिए आवेदन किया है। कच्छ, नवसारी और सौराष्ट्र के विभिन्न भागों में इसकी पैदावार होती है।

उन्होंने कहा कि फल का नाम बदलने के पीछे कोई राजनीतिक सोच नहीं है।

रूपाणी ने कहा, ‘‘ड्रैगन फ्रूट नाम ठीक नहीं है और इसके नाम के कारण लगता है कि यह चीन का फल है। इसलिए हमने इसका नाम कमलम करने का फैसला किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों का कहना है कि यह कमल के फूल की तरह दिखता है और इसी वजह से हमने इसे कमलम नाम देने का फैसला किया है।’’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

Dragon Fruit
Kamalam
VIJAY RUPANI
Gujrat
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    चारा घोटाला: झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में ज़मानत दी
    22 Apr 2022
    लालू प्रसाद के खिलाफ रांची में चारा घोटाले का यह अंतिम मामला था और अब उनके खिलाफ पटना में ही चारा घोटाले के मामले विचाराधीन रह गये हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में…
  • अजय कुमार
    जहांगीरपुरी में चला बुल्डोज़र क़ानून के राज की बर्बादी की निशानी है
    22 Apr 2022
    बिना पक्षकार को सुने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। कानून द्वारा निर्धारित यथोचित प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी तरह के डिमोलिशन की करवाई करना अन्याय है। इस तरह के डिमोलिशन संविधान के अनुच्छेद…
  • लाल बहादुर सिंह
    संकट की घड़ी: मुस्लिम-विरोधी नफ़रती हिंसा और संविधान-विरोधी बुलडोज़र न्याय
    22 Apr 2022
    इसका मुकाबला न हिन्दू बनाम हिंदुत्व से हो सकता, न ही जातियों के जोड़ गणित से, न केवल आर्थिक, मुद्दा आधारित अर्थवादी लड़ाइयों से। न ही महज़ चुनावी जोड़ तोड़ और एंटी-इनकंबेंसी के भरोसे इन्हें परास्त किया…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
    22 Apr 2022
    कई आदिवासी संगठन पंचायती चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर राजभवन पर लगातार धरना दे रहें हैं। 
  • अनिल जैन
    मुद्दा: हमारी न्यायपालिका की सख़्ती और उदारता की कसौटी क्या है?
    22 Apr 2022
    कुछ विशेष और विशिष्ट मामलों में हमारी अदालतें बेहद नरमी दिखा रही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बेहद सख़्त नज़र आती हैं। उच्च अदालतों का यह रुख महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली और दूसरे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License