NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जेवेनेल मोइसे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हैती के लोग फिर हुए लामबंद
जोवेनेल मोइसे से संविधान का सम्मान करने और पद छोड़ने की मांग करते हुए हज़ारों की संख्या में लोग 28 फरवरी को सड़कों पर उतरे। मोइसे का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर 7 फरवरी को समाप्त हो गया।
पीपल्स डिस्पैच
02 Mar 2021
जेवेनेल मोइसे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हैती के लोग फिर हुए लामबंद

लगातार तीसरे रविवार को हैती के लोग जोवेनेल मोइसे की तानाशाही और इनकी सत्ता को बरकरार रखने में साम्राज्यवादी शक्तियों के हस्तक्षेप के खिलाफ लामबंद हुए। हजारों की संख्या में लोग हैती की सड़कों पर उतरे और मांंग की कि मोइसे संविधान का सम्मान करें और पद छोड़ें। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी मांग की कि हैती के लोगों के आत्मनिर्णय और संप्रभुता का सम्मान करें।

राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस में बड़ी संख्या में नागरिकों, छात्रों, श्रमिकों, महिलाओं और विभिन्न नागरिक समाज संगठनों और विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने शांतिपूर्वक महत्वपूर्ण सड़कों से होते हुए रैली निकाली। मोइसे के डी-फैक्टो सरकार को तुरंत समाप्त करने की मांग करते हुए इसी तरह के बड़े और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कैप-हैटेन, लेस केयस, जैकमेल, ग्रैंड-गोएवे, लेओगेने और मिरेबलैस जैसे अन्य शहरों में भी आयोजित किए गए।

पोर्ट-औ-प्रिंस में कई जगहों पर हैटियन नेशनल पुलिस (पीएनएच) के अधिकारियों की भारी तैनाती थी। कुछ स्थानों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के आंसू गैस और वाटर कैनन के जरिए बाधा डालने की कोशिश की जिससे लोगों में दहशत फैल गई।

इस कैरिबियाई देश के संविधान के अनुसार मोइसे के राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 7 फरवरी को समाप्त हो गया। हालांकि उन्होंने संविधान की व्याख्या में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए पद छोड़ने से इनकार कर दिया। इस आरोप को देश की कानूनी संस्थाओं सुपीरियर काउंसिल ऑफ ज्यूडिशियरी (सीएसपीजे) और फेडरेशन ऑफ हैतियन लॉयर (एफबीएच) द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है।

करीब करीब देश के सभी क्षेत्रों-सामाजिक, राजनीतिक, संस्थागत, यहां तक कि धार्मिक- ने मोइसे की तानाशाही का विरोध किया है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अधिकांश लोग और विपक्ष मांग कर रहे हैं कि मोइसे सुप्रीम कोर्ट के जज जोसेफ मेसेने-जीन लुइस की ट्रांजिशनल सरकार को सत्ता सौंपें। जीन-लुइस को हैती के विपक्षों द्वारा 8 फरवरी को अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था और देश के नागरिक समाज संगठनों का समर्थन हासिल है।

मोइसे के डी-फैक्टो सरकार और मौजूदा संविधान को अवैध तरीके से फिर से प्रारुप तैयार करने और सितंबर 2021 में चुनाव का आह्वान करने के उनके निर्णय की चारो ओर अस्वीकृति के बावजूद उनकी गैर कानूनी सरकार और उनके फैसलों को उस कोर ग्रुप से समर्थन मिला है जो ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका के राजदूतों के साथ साथ संयुक्त राष्ट्र और ऑर्गनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट्स के प्रतिनिधियों से बना है।

Haiti
Haiti Government
Jovenel Moïse

Related Stories

राष्ट्रपति की हत्या मामले में पीएम पर संदेह के चलते हैती में सियासी घमासान तेज़

हैती की राजनीतिक शक्तियों ने संक्रमणकालीन सरकार पर समझौता किया

पड़ताल दुनिया की- हत्या और शोषण के बीच फंसा हैती

हैती के डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे की हत्या

जोवेनेल मोइसे ने ट्रांजिशनल सरकार बनाने की मांग को खारिज किया

हैती के लोग अपने संविधान की रक्षा के लिए लामबंद हुए, दुनिया भर के संगठनों ने एकजुटता दिखाई

तानाशाही और साम्राज्यवाद के ख़िलाफ़ हैती में विरोध प्रदर्शन जारी

जोवेनेेेल मोइसे की तानाशाही के ख़िलाफ़ हैती के लोगों का विरोध जारी

हैतीः राष्ट्रपति जोवेनेल के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी आंदोलन के लिए विपक्ष का आह्वान

हैती के लोगों ने राष्ट्रपति जोवेनेले मोइसे के ख़िलाफ़ संघर्ष तेज किया


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License